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दिल्ली शराब घोटाला: कौन है सरथ चंद्र रेड्डी, क्या कहती है ईडी की रिमांड रिपोर्ट

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Published : Nov 11, 2022, 1:28 PM IST

ईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि चंद्र रेड्डी द्वारा संचालित साउथग्रुप के पास विभिन्न बेनामी कंपनियों के माध्यम से नौ दुकानें हैं. सरथ अपनी तीन कंपनियों के माध्यम से 5 खुदरा दुकानें और अन्य के माध्यम से 4 और दुकानें चलाते हैं. भ्रष्ट तरीके से सिंडिकेट दिल्ली के 30 प्रतिशत शराब बाजार को नियंत्रित करता है.

दिल्ली शराब घोटाला
दिल्ली शराब घोटाला

बैंगलुरु/नई दिल्ली: अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी को प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार (10 नवंबर) को बेनॉय बाबू, महाप्रबंधक, इंटरनेशनल ब्रांड्स, पर्नोड रिकार्ड के साथ कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. ईडी के सूत्रों ने कहा कि रेड्डी लाइसेंस के कार्टेलाइजेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे और पूरी शराब लाइसेंसिंग प्रक्रिया में कथित रिश्वत लेने में भूमिका निभाते थे. ईडी का आरोप है कि बाबू कार्टेलिज़ेशन प्रक्रिया का हिस्सा थे.

ईडी का कहना है कि सरथ चंद्र रेड्डी द्वारा संचालित साउथग्रुप विभिन्न बेनामी फर्मों के माध्यम से दिल्ली के 30 प्रतिशत शराब बाजार को नियंत्रित करते हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली शराब घोटाले में सरथ चंद्र रेड्डी को किंग पिन बताया है. ईडी ने दिल्ली में सीबीआई की विशेष अदालत को सौंपी गई रिमांड रिपोर्ट में कई आरोपों का जिक्र किया है. दिल्ली शराब नीति के अनुसार, एक प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति दो से अधिक खुदरा क्षेत्रों को नियंत्रित नहीं कर सकता है, लेकिन सरथ चंद्र रेड्डी द्वारा संचालित साउथग्रुप विभिन्न बेनामी फर्मों के माध्यम से दिल्ली के 30 प्रतिशत शराब बाजार को नियंत्रित करता है.

ईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि चंद्र रेड्डी द्वारा संचालित साउथग्रुप के पास विभिन्न बेनामी कंपनियों के माध्यम से नौ खुदरा दुकानें हैं. सरथ अपनी तीन कंपनियों के माध्यम से 5 खुदरा दुकानें और अन्य के माध्यम से 4 और दुकानें चला रहे हैं. भ्रष्ट गतिविधियों के माध्यम से सिंडिकेट दिल्ली के 30 प्रतिशत शराब बाजार को नियंत्रित करता है. सरथ चंद्र रेड्डी और अन्य द्वारा संचालित साउथग्रुप सिंडिकेट ने विजय नायर के माध्यम से 100 करोड़ रुपये का दान दिया. ये भुगतान विभिन्न खुदरा क्षेत्रों और इंडोस्पिरिट्स द्वारा पूर्व-एकत्रित किए गए थे.

जिसके बारे में जांच प्रगति पर है. ईडी की रिमांड रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली शराब घोटाले में 34 प्रमुख व्यक्तियों ने सबूत नष्ट करने के लिए अब तक 1.20 करोड़ रुपये के 140 फोन नष्ट कर दिए हैं. इसमें कहा गया है कि इसमें मुख्य आरोपी, बड़े शराब कारोबारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, दिल्ली आबकारी मंत्री और अन्य संदिग्ध हैं. साफ है कि घोटाले के सामने आते ही फोन बदल दिए गए.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि हमने अब तक की गई 169 तलाशियों के माध्यम से से विशाल डिजिटल और भौतिक रिकॉर्ड जब्त किए हैं. अब उससे इसमें ब्योरे के बारे में पूछताछ की जानी है. दिल्ली सरकार को 2,631 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान के संबंध में हिरासत में पूछताछ की जानी है. रेड्डी से पहले केंद्रीय एजेंसी इस मामले में दो बार पूछताछ कर चुकी है जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया गया है.

जेनेरिक दवाओं के बाजार में एक बड़ी कंपनी अरबिंदो फार्मा: पी सरथ चंद्र रेड्डी अरबिंदो फार्मा के संस्थापक पी वी राम प्रसाद रेड्डी के बेटे और अरबिंदो फार्मा के प्रबंध निदेशक के नित्यानंद रेड्डी के दामाद हैं. अरबिंदो फार्मा वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवाओं के बाजार में एक बड़ी कंपनी मानी जाती है. सरथ चंद्र रेड्डी पूर्व में ट्राइडेंट लाइफ साइंसेज लिमिटेड के प्रमुख थे, जिसे अरबिंदो फार्मा द्वारा अधिग्रहित किया गया था. वह अब अरबिंदो फार्मा में पूर्णकालिक निदेशक हैं. सरथ चंद्र के भाई, रोहित रेड्डी पूर्व युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के राज्यसभा सांसद वी विजयसाई रेड्डी के दामाद हैं.

सारथ चंद्र रेड्डी पहली बार नजर में तब आये जब सीबीआई ने 2012 में आंध्र प्रदेश के सीएम वाई एस जगन मोहन रेड्डी और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और क्विड प्रो क्वो केस के संबंध में दायर आरोप पत्र में उनके नाम का उल्लेख किया.

पी सरथ चंद्र रेड्डी के खिलाफ सीबीआई का क्या मामला है? : मार्च 2012 में, सीबीआई ने अपने बेटे वाई एस जगन मोहन रेड्डी की जगती प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड में निवेश के बदले में कम कीमतों पर भूमि आवंटन के रूप में तत्कालीन डॉ वाई एस राजशेखर रेड्डी सरकार से लाभ लिया. वाई एस जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ दायर 'क्विड प्रो क्वो' मामले में, सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सरथ चंद्र रेड्डी, जब वह ट्राइडेंट लाइफ साइंसेज लिमिटेड के एमडी थे, ने नवंबर 2006 में दो प्राधिकरण पत्र जारी किए थे.

ऐसा निष्पादित करने के लिए किया गया था. हैदराबाद के बाहरी इलाके में पाटनचेरु के पास 30.33 एकड़ भूमि के लिए एपी इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन (एपीआईआईसी) के साथ बिक्री के समझौते, पूरी तरह से जानते हुए कि ट्राइडेंट लाइफ साइंसेज अरबिंदो फार्मा की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी नहीं थी. एपीआईआईसी द्वारा भूमि हस्तांतरण, जिसने इसे बाजार मूल्य से कम पर बेचा, से कथित तौर पर ट्राइडेंट लाइफ साइंसेज को 4.3 करोड़ रुपये का लाभ हुआ.

सात लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से आवंटित किया जमीन: यह भूमि हस्तांतरण अरबिंदो फार्मा के एमडी के नित्यानंद रेड्डी द्वारा कथित तौर पर शुरू किए गए भूमि सौदे का दूसरा हिस्सा था. उन्होंने जडचेरला सेज में एपीआईआईसी से 75 एकड़ की मांग की थी, जिसे कथित तौर पर बाजार मूल्य से कम 7 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से आवंटित किया गया था. सरथ चंद्र रेड्डी पर आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत आरोप लगाए गए थे.

बदले की भावना से काम करने का आरोप: सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि एपीआईआईसी द्वारा भूमि हस्तांतरण के बदले में, जिससे ट्राइडेंट लाइफ साइंसेज को 4.3 करोड़ रुपये का फायदा हुआ, सरथ चंद्र रेड्डी ने वाई एस जगन मोहन रेड्डी की जगती पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जेपीपीएल) में 7 करोड़ रुपये का निवेश किया. चार्जशीट में कहा गया है कि सराकर ने एपीआईसीसी को भूमि के हस्तांतरण के लिए 10 प्रतिशत प्रक्रिया मुक्त करने के लिए 61.38 लाख रुपये माफ करने के लिए भी लिखा.

सीबीआई जांच की क्या स्थिति है? : सीबीआई ने इस मामले में 31 मार्च 2012 से 11 चार्जशीट दाखिल की हैं. सुनवाई सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही है.

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