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नाबालिग पत्नी से बिना सहमति के संबंध बनाना दुष्कर्म, LG ने गृह मंत्रालय को भेजा संशोधन प्रस्ताव

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Published : Nov 6, 2022, 5:02 PM IST

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi Lieutenant Governor Vinay Kumar Saxena) ने नाबालिग पत्नी से गैर अनुमति के यौन संबंध बनाने को बलात्कार और दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखने की सिफारिश गृह मंत्रालय से की है.

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना

नई दिल्लीः दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi Lieutenant Governor Vinay Kumar Saxena) ने गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें सिफारिश की गई है कि 15 से 18 वर्ष की पत्नी के साथ गैर सहमति से यौन संबंध बनाना भारतीय दंड संहिता के तहत बलात्कार और दंडनीय माना जाए. गृह मंत्रालय के एक पत्र के जवाब में दिल्ली पुलिस और कानून विभाग से रायशुमारी के बाद उपराज्यपाल ने इस आशय का प्रस्ताव भेजा है.

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने गृह मंत्रालय को आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को खत्म करने की सिफारिश की है. अपवाद 2 में यह प्रावधान किया गया है कि यदि 15 से 18 वर्ष के बीच की लड़की की शादी हो जाती है तो उसका पति उसके साथ गैर सहमति से यौन संबंध बना सकता है और आईपीसी के तहत उसे दंडित करने का प्रावधान नहीं है.

उन्होंने कहा कि यदि सिफारिश को लागू किया जाता है और आईपीसी में संशोधन किया जाता है तो 15 से 18 वर्ष के बीच की पत्नी के साथ गैर सहमति से यौन संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में आएगा और आईपीसी के तहत दंडनीय होगा.

उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय को आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को खत्म करने की सिफारिश करते हुए प्रस्ताव भेजा है. साथ ही यह भी माना गया है कि ऐसा लागू होने पर यौन अपराधों से बच्चों को बचाने में मदद मिलेगी. साथ ही पॉक्सो एक्ट की विसंगति को भी दूर होंगी.

बता दें, गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में उस याचिका को लेकर सरकारों की राय मांगी थी, जिसमें आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 की वैधता को चुनौती दी गई है.

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आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन करता है. साथ ही यह पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप भी नहीं है. सिफारिश लागू होने पर यौन अपराधों से बच्चों को बचाने संबंधी अधिनियम (पॉक्सो) के बीच की विसंगति को भी दूर करेगा, जो 18 वर्ष तक के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अपराधों और आईपीसी के प्रचलित प्रावधानों पर लागू होता है.

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