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जामताड़ा के शातिर साइबर फ्रॉड मोबाइल से चोरी कर लेते थे OTP

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Published : Nov 25, 2021, 3:23 AM IST

Updated : Nov 25, 2021, 4:15 AM IST

दिल्ली स्पेशल सेल ने देश के अलग-अलग राज्यों से जामताड़ा रैकेट (Fraud on jamtara module) के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये मोबाइल से OTP चुराकर खाता खाली कर देते थे.

जामताड़ा गैंग के कई सदस्य गिरफ्तार.
जामताड़ा गैंग के कई सदस्य गिरफ्तार.

नई दिल्ली : दिल्ली स्पेशल सेल की साइबर सेल ने जालसाजी करने वाले जामताड़ा गैंग के 12 सदस्यों (members arrested of jamtara gang) को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया है. एक हजार से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुके इस गैंग ने अपना फैलाव अनेक राज्यों तक कर लिया है. यह गैंग लोगों के मोबाइल पर एक एप्लीकेशन भेजकर उसे हैक कर लेता था. इसके बाद लोगों के मोबाइल पर आने वाले OTP भी आसानी से इस गैंग को मिल जाते थे. आरोपियों ने इस फर्जीवाड़े के लिए वेबसाइट (website to fraud ) भी बना रखी थी और गूगल सर्च इंजन पर उसे प्रमोट भी करते थे.

जामताड़ा

डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार, लोगों के मोबाइल हैक कर उनसे ठगी किए जाने के कई मामले सामने आ रहे थे. पुलिस को बी. पॉल नामक शख्स ने बताया कि उन्हें केनरा बैंक से संबंधित चेक की कोई परेशानी थी. इसलिए उन्होंने कस्टमर केयर नंबर तलाशा. गूगल पर जो नंबर मिला उस पर उन्होंने संपर्क किया. इसके बाद जिस शख्स से उनकी बात हुई उसके दिशा-निर्देश का उन्होंने पालन किया. उनके मोबाइल में इससे एक एप्लीकेशन डाउनलोड हो गई और उनके बैंक खाते से 27 लाख रुपये निकल गए. इस बाबत स्पेशल सेल में 8 जुलाई 2021 को मामला दर्ज किया गया था. इसे देखते हुए साइबर सेल की टीम छानबीन कर रही थी.

उन्हें सूचना मिली कि इस गैंग के सदस्य कई राज्यों में फैले हुए हैं. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर इस गैंग से जुड़े हुए कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस गैंग के सदस्यों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर उसे गूगल सर्च इंजन पर काफी प्रमोट किया हुआ था. इसके चलते लोग जब कस्टमर केयर का नंबर तलाशते तो उन्हें इनकी वेबसाइट का नंबर मिल जाता था. इस पर जब लोग संपर्क करते तो उन्हें बताया जाता कि वह एक ऐप को अपने मोबाइल में इंस्टॉल करें. यह ऐप इंस्टॉल होते ही उनके मोबाइल की पूरी जानकारी आरोपियों के पास चली जाती थी. उनके मोबाइल में मौजूद कांटेक्ट लिस्ट से लेकर वहां आने वाले सभी ओटीपी और नेट बैंकिंग के ओटीपी भी आरोपियों को पता लग जाते थे. इस तरह से आरोपी अब तक 1000 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी कर चुके थे.

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डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार, साइबर सेल की टीम ने बेंगलुरु, पश्चिम बंगाल और झारखंड के अलग-अलग इलाकों से इस मॉड्यूल से जुड़े हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें पश्चिम बंगाल का मॉड्यूल जालसाजी के लिए सिम कार्ड और बैंक खाते मुहैया कराता था. वहां से पुलिस ने मुजाहिद अंसारी, आसिफ अंसारी, गुलाब अंसारी, शाहनवाज अंसारी, बहरुद्दीन अंसारी और बसद्दीन अंसारी को गिरफ्तार किया है.

आरोपियों ने फर्जीवाड़े के लिए वेबसाइट (website to fraud ) भी बना रखी थी और गूगल सर्च इंजन पर उसे प्रमोट भी करते थे.
आरोपियों ने फर्जीवाड़े के लिए वेबसाइट (website to fraud ) भी बना रखी थी और गूगल सर्च इंजन पर उसे प्रमोट भी करते थे.

वहीं जामताड़ा मॉड्यूल के सदस्यों को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया. इनमें साहनी खान, अबू बकर शाह, राजेश, सूरज शाह और बिजनौर अंसारी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि जामताड़ा काफी बदनाम हो चुका है. इसलिए वह ठगी करने के लिए बेंगलुरु शिफ्ट (Jamtara gang shifted to banglore) हो गए थे. वहीं पुलिस ने इस गैंग के मास्टरमाइंड मुस्लिम अंसारी (Mastermind of jamtara gang) को जामताड़ा से गिरफ्तार किया है. वह जामताड़ा में बैठकर विभिन्न मॉड्यूल के बीच तालमेल बिठाता था और उन्हें इसकी एवज में मोटा कमीशन देता था.

पुलिस ने उनके पास से 26 मोबीके, एक लैपटॉप, 156 सिम कार्ड और 111 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं. जामताड़ा में बैठकर इस गैंग का सरगना विभिन्न मॉड्यूल से संपर्क रखता था और जालसाजी की इन वारदातों को अंजाम दिलवाता था. पुलिस टीम ने फिलहाल इस मामले में 111 बैंक खातों को फ्रीज किया है जिनमें ठगी की रकम जा रही थी. इस पूरे गैंग को लेकर आगे जांच की जा रही है.

Last Updated : Nov 25, 2021, 4:15 AM IST
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