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NDMC में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, माली बनता था नकली IAS अधिकारी

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Published : Jun 8, 2022, 8:55 PM IST

नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार
नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार

एनडीएमसी में नौकरी का झांसा देने वाले एक नकली आईएएस को उसके चार साथियों सहित क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने अभी तक 30 से ज्यादा लोगों से लगभग 60 लाख रुपये की ठगी की है.

नई दिल्ली : एनडीएमसी में नौकरी का झांसा देने वाले एक नकली आईएएस को उसके चार साथियों सहित क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने अभी तक 30 से ज्यादा लोगों से लगभग 60 लाख रुपये की ठगी की है. पुलिस ने इनके पास से पीड़ित को दिया गया एनडीएमसी का नकली आई-कार्ड भी बरामद किया है. गैंग का सरगना राकेश एनडीएमसी में माली रहा है. लेकिन वह आईएएस अफसर बनकर बेरोजगार युवाओं से ठगी करता था.

डीसीपी अमित गोयल के अनुसार पालम में रहने वाले अंकित नामक युवक ने क्राइम ब्रांच को शिकायत दी थी. उसने बताया कि कुछ समय पहले उसकी एक रिश्तेदार ने सुनील मलिक और विनोद से परिचय की बात कही. उसने बताया कि इन दोनों के एनडीएमसी में अच्छे कनेक्शन हैं. वह एनडीएमसी में सरकारी नौकरी लगवा सकते हैं. एक महीने बाद विनोद ने उसकी मां को कॉल कर बताया कि एनडीएमसी में नौकरी निकली है. वह उन्हें राकेश नामक युवक से मिलवाने ले गया जिसने खुद को एनडीएमसी में तैनात आईएएस अधिकारी बताया. उसके साथ कुछ अन्य लोग भी थे जिन्होंने परिवार को विश्वास दिलवाया कि राकेश आईएएस अधिकारी है. उन्होंने नौकरी लगवाने के नाम पर उससे 10 लाख रुपये की मांग की.

नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार
परिवार के सदस्यों ने झांसे में आकर उन्हें 5 लाख रुपये नकद दे दिए. इसके अलावा लगभग एक लाख रुपये पीड़ित परिवार ने गूगल पे और फ़ोन पे के माधयम से भेजे. उनके परिवार के तीन सदस्यों और अंकित के एक दोस्त को नौकरी का झांसा देकर ठगा गया था. अंकित ने बताया कि उसे एनडीएमसी का एक आई-कार्ड 25 मई को आरोपियों ने दिया जिस पर जारी करने की तारीख 10 जून थी. इसका सत्यापन करवाने वह जब एनडीएमसी गया तो पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है. इस बाबत मामला दर्ज कर एसीपी रमेश लाम्बा की देखरेख में इंस्पेक्टर अनिल शर्मा की टीम ने छानबीन शुरू की. पुलिस टीम ने इस मामले में छापेमारी कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.इनकी पहचान राकेश भड़ाना, रोहताश कसाना, प्रकाश भड़ाना, विनोद कुमार और योगेश उर्फ योगी के रूप में की गई है. इनके पास से 9 फर्जी आईडी, 4 फर्जी नियुक्ति पत्र, लैपटॉप और प्रिंटर बरामद किया है. आरोपी विनोद सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाले लोगों की तलाश करता था. वह उन्हें राकेश से मिलवाता जो आईएएस अधिकारी की भूमिका निभाता था. रोहताश और प्रकाश उसके आगे-पीछे चलते थे ताकि वह आईएएस अधिकारी लगे. वह रुपये लेने के बाद फर्जी आई कार्ड योगेश से तैयार करवाते थे. इस काम के लिए उसे एक हजार रुपये दिए जाते थे. राकेश भड़ाना के खिलाफ पहले भी हत्या और आर्म्स एक्ट के मामला दर्ज है. विनोद कुमार के खिलाफ भी ठगी के दो मामले दर्ज हैं. योगेश के खिलाफ भी एक एफआईआर दर्ज है.

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गिरफ्तार किया गया राकेश भड़ाना गाजियाबाद का रहने वाला है. उसके पिता एनडीएमसी में काम करते थे. वह भी एनडीएमसी में माली का काम करता था. यह नौकरी उसने छोड़ दी थी. वह विनोद के संपर्क में आया और लोगों के साथ ठगी करने लगा. वह आईएएस अधिकारी बनकर इस ठगी में भाग लेता था. दूसरा आरोपी रोहतास कसाना गाजियाबाद का रहने वाला है. राकेश के साथ मिलकर वह ठगी में उसका साथ देता था. उसका काम शिकार से रुपए लेने का था. तीसरा आरोपी प्रकाश भड़ाना गाजियाबाद का रहने वाला है. राकेश के साथ मिलकर वह भी ठगी में उसका साथ देता था. चौथा आरोपी विनोद कुमार इग्नू से ग्रेजुएट है. उस पर काफी कर्ज था. वह पहले भी ठगी में शामिल रहा है. राकेश से लगभग एक साल पहले उसकी मुलाकात हुई थी. इसके बाद दोनों मिलकर ठगी करने लगे. पांचवां आरोपी योगेश गोयला डेरी का रहने वाला है. ठगी के उसका काम फर्जी आई कार्ड तैयार करने का था.

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