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एनएसई की पूर्व महाप्रबंधक चित्रा रामकृष्ण को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

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Published : Mar 14, 2022, 5:43 PM IST

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चित्रा रामकृष्ण

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) धोखाधड़ी मामले में पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण को दिल्ली की एक अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया है. सीबीआई ने हाल में इस मामले में रामकृष्ण से पूछताछ की थी. आयकर (आईटी) विभाग ने पहले मुंबई और फिर चेन्नई में रामकृष्ण से जुड़े विभिन्न परिसरों पर छापा मारा था.

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने को-लोकेशन घोटाला मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व महाप्रबंधक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने रामकृष्ण को 28 मार्च को अदालत में पेश होने का आदेश दिया.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सात दिन की हिरासत खत्म होने के बाद आरोपी को अदालत में पेश किया था और न्यायिक हिरासत की अपील की थी. जांच एजेंसी ने छह मार्च को रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था. इससे एक दिन पहले अदालत ने अग्रिम जमानत की उनकी अर्जी खारिज कर दी थी. सीबीआई ने हाल में इस मामले में रामकृष्ण से पूछताछ की थी. आयकर (आईटी) विभाग ने पहले मुंबई और फिर चेन्नई में रामकृष्ण से जुड़े विभिन्न परिसरों पर छापा मारा था.

देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में अनियमितताओं के ताजा खुलासे के बीच को-लोकेशन घोटाले से संबंधित मामले में रामकृष्ण को गिरफ्तार किया गया था. इस संबंध में मई 2018 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

एनएसई द्वारा प्रदान की जाने वाली को-लोकेशन सुविधा में, ब्रोकर अपने सर्वर को स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर रख सकते हैं जिससे उन्हें बाजारों तक तेजी से पहुंच प्राप्त हो सकती है. आरोप है कि कुछ दलालों ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से एल्गोरिदम और को-लोकेशन सुविधा का दुरुपयोग करके अप्रत्याशित लाभ कमाया.

इससे पहले, पूंजी बाजार नियामक सेबी ने वरिष्ठ स्तर पर नियुक्ति में अनियमितता के लिए एनएसई, रामकृष्ण, रवि नारायण और दो अन्य अधिकारियों पर जुर्माना लगाया था. रवि नारायण अप्रैल 1994 से मार्च 2013 तक एनएसई के एमडी और सीईओ थे, जबकि चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक इन पदों पर थीं.

सेबी ने पाया कि एनएसई और उसके शीर्ष अधिकारियों ने समूह संचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक के सलाहकार के रूप में आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति से संबंधित प्रतिभूति अनुबंध मानदंडों का उल्लंघन किया.

सीबीआई ने अदृश्य योगी को भेजे गए मेल के बारे में पूछताछ की थी
बता दें, 18 फरवरी को भी चित्रा ने अपना बयान दर्ज कराया था. सीबीआई ने हिमालय के अदृश्य योगी को भेजे गए मेल के बारे में पूछताछ की थी. इसके अलावा उनसे करीब 50 सवाल पूछे थे. अपने जवाब में उन्होंने विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश की थी कि उसे बहुत कुछ पता नहीं है. उसने यह भी दावा किया था कि वह निर्दोष है और कोई उसे फंसाने की कोशिश कर रहा है.

सीबीआई ने सेबी की 192 पन्नों की रिपोर्ट के आधार पर चित्रा रामकृष्ण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. उस रिपोर्ट में चित्रा पर हिमालय में रहने वाले एक अनाम योगी को गोपनीय जानकारी लीक करने का आरोप लगाया गया था. सेबी ने उन पर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. बता दें कि एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण ने 2014 और 2016 के बीच किसी गुमनाम योगी को उसकी आईडी पर कई मेल भेजे थे. चित्रा ने ही आनंद सुब्रमण्यिन को NSE का मुख्य रणनीतिक सलाहकार बनाया था.

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