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गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में दो और श्रद्धालु की मौत, चारधाम में अबतक 36 यात्रियों ने गंवाई जान

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Published : May 15, 2022, 6:50 PM IST

यमुनोत्री धाम के दर्शन करने आये पश्चिम बंगाल निवासी एक तीर्थ यात्री की हार्ट अटैक से मौत हो गई. यमुनोत्री धाम में इस बार अब तक 14 यात्रियों की मौत हो गयी है, जिसमें 13 यात्रियों की मौत हार्ट अटैक आने से हुई है. वहीं, गंगोत्री में भी आज गुजरात से एक तीर्थ यात्री की हार्ट अटैक से मौत हो गई है.

Chardham Yatra
युमनोत्री धाम आने वाले 14 यात्रियों की मौत

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) इस समय पूरे उफान पर है. हर दिन श्रद्धालु के पहुंचने का आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़ रहा है. वहीं, इस बीच चारधामों में कई यात्रियों की मौत की खबरें भी आ रही हैं. आज भी यमुनोत्री धाम में पश्चिम बंगाल से आये एक तीर्थ यात्री की हृदय गति रूकने से मौत हो गई. इसी के साथ अबतक युमनोत्री धाम में 14 यात्रियों की मौत हो गई है. वहीं, गंगोत्री धाम में भी आज गुजरात से आए एक तीर्थ यात्री प्रमोद भाई (62वर्ष) की हृदय गति रूकने से मौत हो गई है. जिसके बाद चारधाम में मरने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा अब 36 पहुंच चुका है.

यमुनोत्री में एक और यात्री की मौत: रविवार को यमुनोत्री धाम के दर्शन करने आये तीर्थ यात्री पुरेंद्र सरकार (70) पुत्र हरेंद्र नाथ सरकार, निवासी कुच विहार, पश्चिम बंगाल का स्यानाचट्टी में सुबह अचानक स्वाथ्य्य खराब हो गया. जिसके बाद उन्हें 108 सेवा की मदद से बड़कोट सीएचसी लाया गया, लेकिन हॉस्पिटल पहुंचने के पहले ही रास्ते यात्री ने दम तोड़ दिया. पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई करने के बाद शव को उनके परिजनों को सौंप दिया.

Chardham Yatra
चारधाम में अबतक 36 यात्रियों ने गंवाई जान.

चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा में अभी तक 36 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims died in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 14 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. जिसमें 11 पुरुष और 3 महिला तीर्थ यात्री शामिल हैं. गंगोत्री धाम में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 13 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 5 यात्रियों ने जान गंवाई है.

हाड़ कंपाने वाली ठंड बन रही काल: उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा के दौरान पुराना मर्ज और हाड़ कंपाने वाली ठंड श्रद्धालुओं के दिलों पर भारी पड़ रही है. स्थिति यह है कि जान गंवाने वाले यात्रियों का आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा है, और सरकार के साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी इन हालातों पर खुद को बेबस बताने के सिवाय कुछ नहीं कर पा रहा है. हालांकि, हार्ट पर हो रहे इस अटैक का सही समय पर उपचार हो जाए तो श्रद्धालुओं की जान बचाई भी जा सकती है.

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हार्ट अटैक से श्रद्धालुओं की मौत: बता दें कि चारधाम यात्रा के दौरान कई श्रद्धालुओं का दिल उनका साथ नहीं दे रहा. 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने से लेकर अब तक 36 श्रद्धालु स्वास्थ्य कारणों से अपनी जान गंवा चुके हैं. अधिकतर श्रद्धालुओं की मौत का कारण हार्ट अटैक माना गया है. पिछले 12 दिनों के भीतर ही अचानक इतनी मौतें होने के बाद न केवल उत्तराखंड सरकार में हड़कंप मचा हुआ है, बल्कि भारत सरकार भी इसका संज्ञान ले चुकी है. इन परिस्थितियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए 01 कार्डिक वैन भी भेजा है.

स्वास्थ्य विभाग बना बेबस: ऐसे में चारधाम यात्रा जहां स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर कुछ खास नहीं है, वहां पर तो यह अटैक जानलेवा साबित हो रहा है. स्वास्थ्य महानिदेशक से लेकर मुख्य सचिव तक प्रदेश में कार्डियोलॉजिस्ट की कमी होने का रोना रो चुके हैं. जाहिर है कि सरकार और शासन श्रद्धालुओं पर भारी पड़ते हार्ट अटैक को लेकर सरेंडर कर चुके हैं. लिहाजा, ऐसे हालातों में श्रद्धालु भगवान भरोसे ही हैं.

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