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चक्रवात यास : पीएम ने की तैयारियों की समीक्षा, ओडिशा के पारादीप में लैंडफॉल का पूर्वानुमान

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Published : May 23, 2021, 4:32 PM IST

Updated : May 23, 2021, 6:55 PM IST

चक्रवात यास पीएम मोदी समीक्षा बैठक
चक्रवात यास पीएम मोदी समीक्षा बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात यास के मद्देनजर आज सभी वरिष्ठ अधिकारियों को अहम निर्देश दिए हैं. उन्होंने उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ निकट समन्वय में काम करने का निर्देश दिया है. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, अन्य मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.

नई दिल्ली : चक्रवात यास ओडिशा के पारादीप और सागर द्वीप के बीच समुद्र तट से टकराएगा. चक्रवात यास के लैंडफॉल के पहले प्रभावित होने वाले इलाकों में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं. इसी के मद्देनजर रविवार को पीएम मोदी ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने राज्यों के साथ निकट समन्वय में काम करने का निर्देश दिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि एनडीआरएफ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारियों में राज्य की एजेंसियों की मदद कर रहा है और वह चक्रवात संबंधी हालात से निपटने के लिए समुदाय में जागरुकता पैदा करने के लिए लगातार मुहिम चला रहा है.

पीएम मोदी ने बैठक के बाद किए ट्वीट
पीएम मोदी ने चक्रवात 'यास' से निपटने के लिए उच्चस्तरीय बैठक में राज्यों एवं केंद्र सरकार की एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने समुद्री गतिविधियों में शामिल लोगों को समय से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए. बैठक के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि उन्होंने लोगों को समय पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने और यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि विद्युत एवं संचार नेटवर्क बाधित नहीं हों. उन्होंने कहा, 'मैंने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि चक्रवात के कारण प्रभावित इलाकों में कोविड-19 मरीजों का उपचार बाधित नहीं हो. मैं सभी की सुरक्षा एवं कल्याण की कामना करता हूं.'

चक्रवात यास : पीएम ने की तैयारियों की समीक्षा
चक्रवात यास : पीएम ने की तैयारियों की समीक्षा

नेटवर्क बहाल करने पर जोर
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में बताया कि मोदी ने अधिकारियों से राज्यों के साथ करीबी समन्वय स्थापित कर काम करने को कहा, ताकि अत्यधिक जोखिम वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि विद्युत आपूर्ति या संचार नेटवर्क बाधित होने पर उसे तेजी से दुरुस्त किया जाए.

कोरोना टीकाकरण में न आए अड़चन
मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ उचित समन्वय स्थापित करें और योजना बनाएं कि अस्पतालों में कोविड-19 उपचार एवं टीकाकरण बाधित नहीं हो. प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि मोदी ने तटीय समुदायों एवं उद्योगों जैसे विभिन्न हितधारकों को बचाव प्रयासों में शामिल करने का आह्वान किया.

मूसलाधार बारिश और आंधी-तूफान की आशंका
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के चक्रवाती तूफान 'यास' में बदलने की संभावना है और इसके 26 मई को पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा तट पर पहुंचने एवं इस दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटा रहने, मूसलाधार बारिश होने और तटवर्ती जिलों में तूफान/आंधी आने का अनुमान है.

हालात पर गृह मंत्रालय की करीबी नजर
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि मौसम विभाग सभी राज्यों के लिए ताजा जारी पूर्वानुमान के साथ नियमित बुलेटिन जारी कर रहा है. इसने कहा कि गृह मंत्रालय हालात की समीक्षा कर रहा है और राज्य सरकारों, केंद्रशासित प्रदेशों एवं संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में है.

मुस्तैद हैं एनडीआरएफ की टीमें
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि उसने सभी राज्यों में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान पहले ही भेज दिए हैं और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 46 टीम पहले से तैनात कर दी हैं जो नावों, पेड़ काटने वाले यंत्रों एवं दूरसंचार उपकरणों से लैस हैं. इसके अलावा, 13 दलों को रविवार को तैनाती के लिए विमान के जरिए पहुंचाया जा रहा है और 10 टीमों को तैयार रखा गया है.

सैन्य इकाईयां भी अलर्ट
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बताया कि भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, तलाश एवं बचाव कार्यों के लिए पोत एवं हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं, जबकि भारतीय वायुसेना और थलसेना की इंजीनियर कार्यबल इकाइयों तथा नौकाओं एवं बचाव उपकरणों को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है. पीएमओ ने बताया कि पश्चिमी तट पर आपदा राहत इकाइयां और मानवीय सहायता के साथ सात नौकाएं भी तैयार रखी गई हैं.

आपदा प्रतिक्रिया प्रणालियां सक्रिय
प्रधानमंत्री कार्यालय ने अन्य मंत्रालयों के प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने समुद्र में सभी तेल प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और अपने पोतों को सुरक्षित बंदरगाहों पर लाने के लिए कदम उठाए हैं. ऊर्जा मंत्रालय ने आपदा प्रतिक्रिया प्रणालियां सक्रिय कर दी हैं और बिजली की तत्काल बहाली के लिए ट्रांसफॉर्मर, डीजी सेट एवं अन्य उपकरणों को तैयार रखा है.

दूरसंचार मंत्रालय के परामर्श जारी
उसने बताया कि दूरसंचार मंत्रालय सभी दूरसंचार टावर एवं एक्सचेंज पर लगातार नजर रख रहा है और दूरसंचार नेटवर्क की बहाली के लिए पूरी तरह तैयार है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों एवं प्रभावित क्षेत्रों में कोविड-19 से निपटने संबंधी कदम उठाने के लिए राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में परामर्श जारी किए हैं.

'यास' का अलर्ट जारी
यास तूफान का जिसके लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. इस तूफान का नामकरण ओमान ने किया है और यास का मतलब होता है निराशा. मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव वाला क्षेत्र बन सकता है. जो धीरे-धीरे एक चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है. अंडमान निकोबार द्वीप के उत्तर और बंगाल की खाड़ी के मध्य के इलाके में बनने वाले इस कम दबाव वाले क्षेत्र पर मौसम विभाग नजर बनाए हुए है.

कहां-कहां मंडराया खतरा
मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में 22 मई को कम दबाव वाला क्षेत्र बनने की संभावना है. ये कम दबाव वाला क्षेत्र अगले 72 घंटे में चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. इस दौरान पूर्वी तटीय इलाकों में तेज बारिश की संभावना है और समुद्र की लहरों में उछाल देखा जा सकता है. 26 मई को ये चक्रवाती तूफान देश के पश्चिमी तटीय राज्यों से टकरा सकता है. यास तूफान का सबसे ज्यादा असर अंडमान निकोबार द्वीप, ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर पड़ेगा. जहां तेज हवाओं के साथ बारिश की चेतावनी जारी की गई है.

तटीय इलाकों के लिए चेतावनी
यास तूफान की दस्तक को देखते हुए मौसम विभाग ने ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों के लिए चेतावनी जारी कर दी है. तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों खासकर मछुआरों को इस दौरान समुद्र में ना जाने की चेतावनी जारी की गई है. जो मछुआरे फिलहाल समुद्र में गए हैं उन्हें 23 मई तक वापस लौटने को कहा गया है.

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तबाही ला सकता है यास
यास का मतलब निराशा है और मौसम विभाग की मानें तो ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से टकराने पर यास तूफान तबाही ला सकता है. महाराष्ट्र और गुजरात के कई इलाकों में तौकते तूफान ने जो तबाही मचाई है उसकी तस्वीरें सब देख चुके हैं. तौकते की वजह से जान और माल दोनों का नुकसान हुआ है. मौसम विभाग के मुताबिक यास तूफान की तीव्रता पिछले साल आए अम्फान जैसी ही हो सकती है.
मौसम विभाग के मुताबिक 22 मई को अगर बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनता है तो शुरुआती चरण में तटीय इलाकों में बारिश हो सकती है.

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उफान पर होगा समुद्र
अगले 72 घंटे में इस दबाव के चक्रवात में तब्दील होने पर समुद्र उफान पर होगा और तेज हवाएं चलेगी. इस दौरान 50 से 55 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है. अगर मौसम विभाग का अनुमान सही निकला तो 50 से 55 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ-साथ तेज बारिश क्या तबाही मचा सकती है, इसकी गवाही महाराष्ट्र और गुजरात से तौकते तूफान गुजरने के बाद की तस्वीरें दे रही हैं.

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डरा रही हैं 'अम्फान' की यादें
गौरतलब ही कि पिछले साल मई महीने में ही चक्रवात अम्फान ने बंगाल और ओडिशा दोनों ही राज्यों में भारी नुकसान पहुंचाया था. ऐसे में यास की दस्तक से दोनों राज्यों को अम्फान की यादें डरा रही हैं.
यास तूफान के अलर्ट को देखते हुए दोनों राज्यों की सरकारों ने पहले ही तैयारी शुरू कर दी है. खासकर तटीय इलाकों में मौसम विभाग के अलर्ट के बाद एहतियातन कई कदम उठाए गए हैं. लोगों को तटीय इलाकों से दूर रहने और मछुआरों को समुद्र में ना जाने के लिए कहा जा रहा है

(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)

Last Updated :May 23, 2021, 6:55 PM IST
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