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'सोनिया ने की थी इस्तीफे की पेशकश', पार्टी नेताओं ने एक सुर से नकारा

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Published : Mar 14, 2022, 5:59 PM IST

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में गांधी परिवार के सदस्यों ने पार्टी के संगठनात्मक पदों से हटने का ऑफर दिया, लेकिन बैठक में शामिल नेताओं ने इसे ठुकरा दिया. इन नेताओं ने कहा कि हार के लिए सिर्फ गांधी परिवार ही नहीं, हम सब जिम्मेदार हैं. इसलिए सोनिया या राहुल या प्रियंका के इस्तीफे की कोई जरूरत ही नहीं है. विस्तार से पढे़ं पूरी खबर.

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बैठक में सोनिया-राहुल, सीडब्लूसी बैठक

नई दिल्ली : पांच राज्यों में मिली चुनावी हार के बाद कांग्रेस ने एक दिन पहले पार्टी कार्यसमिति की बैठक की. इसमें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी. उन्होंने कहा कि पार्टी के हित में वह किसी भी त्याग करने को तैयार हैं, यहां तक कि राहुल और प्रियंका भी संगठनात्मक पदों से हट जाएंगे. हालांकि, बैठक में शामिल नेताओं ने उनके इस्तीफे की पेशकश को नकार दिया.

राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मलिल्कार्जुन खड़गे ने सोमवार को बताया कि हार की जिम्मेदारी सिर्फ सोनिया या उनके परिवार के सदस्यों की नहीं है. यह हम सबकी हार है. हर सांसद और राज्य के नेताओं की हार है. इसलिए गांधी परिवार के सदस्यों के इस्तीफे की पेशकश का कोई सवाल ही नहीं उठता है.

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मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता, राज्यसभा

खड़गे से पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी ऐसा ही बयान दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान सोनिया, प्रियंका और राहुल ने पद से हटने की बात कही. लेकिन हमने उनकी इस पेशकश को सिरे से खारिज कर दिया.

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बैठक की जानकारी देते कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी

बजट सत्र के बाद कांग्रेस चिंतन शिविर का करेगी आयोजन

सीडब्ल्यूसी में शामिल नेताओं ने सोनिया के नेतृत्व में भरोसा जताते हुए उनसे आग्रह किया कि संगठनात्मक चुनाव संपन्न होने तक वह पद पर बनी रहें. सीडब्ल्यूसी में शामिल नेताओं ने सोनिया गांधी से यह भी कहा कि वह कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए जरूरी बदलाव करें और सुधारात्मक कदम उठाएं. सोनिया गांधी की अध्यक्षता में करीब साढ़े चार घंटे तक हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह फैसला भी किया गया कि संसद का बजट सत्र संपन्न होने के तत्काल बाद एक चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने प्रदेश में चिंतन शिविर का आयोजन करने का प्रस्ताव दिया. चिंतन शिविर से पहले सीडब्ल्यूसी की एक और बैठक होगी. बैठक के बाद सीडब्ल्यूसी के कई नेताओं ने बताया कि सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा कि हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इच्छा के अनुरूप पार्टी के हित में किसी भी त्याग के लिए तैयार हैं. कई लोग इसे उनके इस कथन को सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी के पार्टी की जिम्मेदारियों से मुक्त होने की पेशकश के तौर पर देख रहे हैं.

उनके इस कथन के बाद सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से उनके नेतृत्व में विश्वास जताया और कहा कि संगठनात्मक चुनाव होने तक वह पद पर बनी रहें. बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी को मजबूत बनाने की जरूरत पर जोर दिया. सूत्रों ने बताया कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में शामिल जी 23 के कुछ नेताओं ने कहा कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कुछ नेताओं ने उनका अपमान किया है, जो अब बंद होना चाहिए. जी 23 के तीन नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक सीडब्ल्यूसी में शामिल हैं.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी

इस बैठक के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बैठक में चुनावी राज्यों से संबंधित प्रभारियों और चुनाव पर्यवेक्षकों ने समग्र रिपोर्ट पेश की जिसमें हार के कारणों का विस्तृत उल्लेख किया गया. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि जब उन्होंने उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली थी तो संगठन नाम की कोई चीज नहीं थी, लेकिन जो कदम उन्होंने उठाए हैं, उसका फल भविष्य में मिलेगा. सूत्रों ने यह भी बताया कि कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन में विलंब और आंतरिक कलह के कारण नुकसान हुआ.

सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए गंभीर चिंतन का विषय हैं. पार्टी का यह मानना है कि अपनी रणनीति में खामियों के चलते हम जहां चार राज्यों में भाजपा सरकारों के कुशासन को प्रभावी ढंग से उजागर नहीं कर पाए. सीडब्ल्यूसी के मुताबिक पंजाब राज्य में नेतृत्व बदलाव के बाद मिले सीमित समय में सत्ता विरोधी लहर पर काबू नहीं पाया जा सका.

सीडब्ल्यूसी ने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं और भारत के लोगों को आश्वस्त करती है कि वह विधानसभा चुनावों के इस जनमत को विनम्रता से स्वीकार करते हुए एक सतर्क और जीवंत विपक्ष की भूमिका निभाएगी. यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी भविष्य में होने वाले 2022 और 2023 के राज्यों के चुनाव एवं 2024 के लोकसभा व राज्यों के चुनाव की चुनौतियों से मुस्तैदी से निपटने के लिए तत्परता से हर तैयारी करेगी. बयान के मुताबिक कांग्रेस कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से सोनिया गांधी के नेतृत्व में अपने विश्वास की पुनः पुष्टि की और कांग्रेस अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वह आगे बढ़कर पार्टी का नेतृत्व और मजबूती से करें.

कांग्रेस की ओर से तय चुनाव कार्यक्रम के अनुसार अध्यक्ष का चुनाव इस साल 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच होना है. सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी के अलावा, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कई अन्य नेता शामिल हुए.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हुए. वरिष्ठ नेता एके एंटनी कोविड 19 से संक्रमित होने के कारण बैठक में मौजूद नहीं हो सके. इस महत्वपूर्ण बैठक से एक दिन पहले मीडिया के एक हिस्से में खबर आई थी कि गांधी परिवार पार्टी के पदों से इस्तीफे की पेशकश कर सकता है. लेकिन कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से इस खबर का खंडन करते हुए इसे गलत एवं शरारतपूर्ण करार दिया था.

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