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CPIM Leader Mohamad Yousuf Tarigami Interview: जम्मू-कश्मीर में केंद्र के 'अतिक्रमण विरोधी' अभियान पर जताई चिंता

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Published : Jan 16, 2023, 7:31 PM IST

माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने केंद्र सरकार द्वारा कथित अतिक्रमण को लेकर दिए गए आदेशों के बारे में चिंता व्यक्त की और उन्होंने भाजपा सरकार के इस आदेश को गलत ठहराया है. इसे लेकर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

Interview with CPI (M) leader Mohammad Yusuf Tarigami
माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से बातचीत

माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से बातचीत

श्रीनगर: माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने जम्मू-कश्मीर में राजस्व रिकॉर्ड में विभिन्न शीर्षकों के तहत पंजीकृत भूमि के लोगों को वापस लेने के सरकार के कदम पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ग्रामीण गरीबों की आजीविका के विनाश के प्रति पूरी तरह से अंधा हो गया है. क्या यह 'अच्छे दिनों' के प्रक्रिया की शुरुआत है? उन्होंने कहा कि प्रशासन झूठा प्रचार कर रहा है कि जमीन विकास के लिए अधिग्रहीत की जा रही है लेकिन तथ्य उसके दावों के विपरीत है.

तारिगामी ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि सरकार ने कचहरी, शामिलत आदि के रूप में पंजीकृत भूमि से गरीबों और बहिष्कृत करने के लिए अपनी सारी मशीनरी जुटाई है. जो लोग इस जमीन पर रह रहे हैं, वे सरकार के हालिया आदेश के बाद खुद को संकट में पा रहे हैं. राजकीय भूमि को पुनः प्राप्त करने के नाम पर, सरकार लोगों की भूमि छीनकर और निजी भूमि बैंक बनाकर लोगों को कंगाल बनाने का बेताब प्रयास कर रही है. यह कदम न केवल हजारों लोगों को छत विहीन करने के लिए बाध्य है, बल्कि खेती के कई अधिकारों को भी छीन लेता है.

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष संवैधानिक दर्जा समाप्त करने के बाद, सरकार ने बाहरी लोगों को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए भूमि कानूनों का एक नया सेट पेश किया, जिसने लोगों में गैर-स्थानीय लोगों के लिए अपनी जमीन खोने के डर को दूर कर दिया था. तारिगामी ने कहा कि अब सरकार के नए निर्देशों के साथ उनका डर सच हो रहा है, राजस्व अधिकारियों को 31 जनवरी तक 'राज्य की भूमि' वापस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने गरीबों की जमीन वापस लेना शुरू कर दिया है. इस कदम के खिलाफ लड़ने के लिए गैर-बीजेपी राजनीतिक दलों को एक साथ आना चाहिए. तारिगामी ने कहा कि सीपीआई (एम) जबरन भूमि अधिग्रहण पर तत्काल रोक लगाने और हाल के आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग करती है. सीपीआई (एम) सभी तरह के जनमत से प्रशासन के ऐसे विनाशकारी कदमों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने की अपील करती है.

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