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लैंड फॉर जॉब मामला: कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले में फैसला सुरक्षित रखा

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 18, 2024, 2:37 PM IST

Land for Job case: लैंड फॉर जॉब मामले में अदालत ने ईडी की चार्जशीट पर पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले में 20 जनवरी को फैसला सुनाया जाएगा.

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लैंड फॉर जॉब मामला

नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्पेशल जज विशाल गोगने ने मामले पर 20 जनवरी को फैसला सुनाने का आदेश दिया. बता दें कि 16 जनवरी को सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील मनीष जैन ने कहा था कि आरोपी अमित कात्याल ने 2006-07 में एके इन्फोसिस्टम नामक कंपनी का गठन किया.

ये कंपनी आईटी से जुड़ी हुई थी. इस कंपनी ने वास्तविक रूप से कोई व्यापार नहीं किया बल्कि कई भूखंड खरीदे. इनमें से एक भूखंड लैंड फॉर जॉब के अपराध से हासिल किया गया. इस कंपनी को 2014 में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर एक लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया गया. मनीष जैन ने कहा कि इस मामले में ईडी ने केवल अमित कात्याल को गिरफ्तार किया है.

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मनीष जैन ने कहा था कि एबी एक्सपोर्ट नामक कंपनी 1996 में एक्सपोर्ट का व्यापार करने के लिए गठित की गई थी. 2007 में एबी एक्सपोर्ट कंपनी को पांच कंपनियों के पांच करोड़ रुपये मिले और न्यू फ्रेंड्स कालोनी में एक संपत्ति खरीदी गई. मनीष जैन ने कहा था कि इस मामले में सात भूखंडों का मामला है. इनमें से राबड़ी देवी, हेमा यादव और मीसा भारती ने भूखंड हासिल किए. बाद में इन्होंने इन भूखंडों को बेच दिया.

बता दें कि 9 जनवरी को ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया था. ईडी ने चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव, ह्रदयानंद चौधरी और अमित कात्याल को आरोपी बनाया है. ईडी ने हाल ही में अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था. लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी के पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई का मामला भी दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में ही चल रहा है.

लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे. यह घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था.

भोला यादव 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर सीट से विधायक चुने गए थे. बता दें कि सीबीआई ने मई के तीसरे सप्ताह में इस मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी.

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