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बिना वैक्सीन लगे ही जारी हाे गया सर्टिफिकेट, जानें पूरा मामला

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Published : Jun 6, 2021, 9:38 AM IST

देहरादून के मैक्स अस्पताल में लगाये गये वैक्सीनेशन कैंप में अनियमितता का मामला सामने आया है. यहां किसी और व्यक्ति द्वारा बुक किए गए स्लॉट पर किसी अन्य व्यक्ति को वैक्सीन लगा दी गई है.

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देहरादून : देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान जोरों से चल रहा है. इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार भी प्रदेशवासियों के वैक्सीनेशन के लिए तमाम तरह की व्यवस्थाएं कर रही है. पेड वैक्सीनेशन भी इसी पहल का एक हिस्सा है. जिसके जरिए आसानी से लोगों का वैक्सीनेशन हो पा रहा है.

मगर, राज्य की राजधानी देहरादून के मैक्स अस्पताल द्वारा लगाए गए वैक्सीनेशन कैंप में अनियमितता का मामला सामने आ है. बीते दिनाें यहां ओवर रेटिंग का मामला सामने आया था. वहीं अब किसी और व्यक्ति द्वारा बुक किए गए स्लॉट पर किसी अन्य व्यक्ति को वैक्सीन लगा देने का मामला सामने आया है.

बिना वैक्सीन के ही जारी हाे गया सर्टिफिकेट

निजी अस्पताल में वैक्सीनेशन कैंप
18 से 44 साल की उम्र के लोगों को फ्री में वैक्सीन लगवाने के लिए स्लॉट बुक करना पड़ रहा है. जिसके चलते कई लोगों को कई दिनों तक स्लॉट बुक करने के लिए इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में अब जब राजधानी देहरादून में निजी वैक्सीनेशन के कैंप लगने लगे हैं. इससे लोग समय की बचत और जल्द ही वैक्सीन लगाने के लिए पेड वैक्सीनेशन कैंप की ओर रुख कर रहे हैं.

बिना वैक्सीन के ही जारी हाे गया सर्टिफिकेट
बिना वैक्सीन के ही जारी हाे गया सर्टिफिकेट

पेड वैक्सीनेशन कैंप में भी स्लॉट बुक करने की आवश्यकता होती है, लेकिन इन कैंपों में आसानी से एक दिन पहले ही स्लॉट उपलब्ध हो जाता है. जिसके बाद लोग वैक्सीनेशन कैंप में पहुंचकर वैक्सीन लगवा सकते हैं.

मैक्स हॉस्पिटल के पेड वैक्सीनेशन कैंप में कराया था स्लॉट बुक
देहरादून के रहने वाले रजनीश कुमार ने चार जून को मैक्स हॉस्पिटल द्वारा लगाए गए पेड वैक्सीनेशन कैंप में स्लॉट बुक कराया था, लेकिन वे किसी कारणवश वैक्सीन लगाने नहीं जा पाए. जब उन्होंने बुक किए गए स्लॉट को रीशेड्यूल करना चाहा तो उन्हें पता चला कि उनके नाम पर किसी और को वैक्सीन लगा दी गई है. साथ ही उसका सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया है.

ऐसे में अब वह दोबारा वैक्सीन की पहली डोज नहीं लगा सकते हैं क्योंकि कोविन पोर्टल (cowin portal) के अनुसार उनको वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए रजनीश कुमार ने बताया, मैक्स हॉस्पिटल द्वारा देहरादून के दून क्लब में लगाए गए वैक्सीनेशन कैंप में स्लॉट बुक कराया था. मगर उनकी जगह किसी और को ही वैक्सीन लगा दी गई है.

कई जगह लगाई गुहार नहीं मिली काेई मदद
जब इस बाबत रजनीश ने मैक्स हॉस्पिटल के अधिकारियों से बातचीत करनी चाही तो उन्होंने इसके लिए रजनीश को अस्पताल बुलाया. जिस पर रजनीश ने मैक्स अस्पताल जाने से मना कर दिया. उन्होंने अपनी समस्या के समाधान के लिए कोविड कंट्रोल रूम, डीएम ऑफिस, सीएम हेल्पलाइन समेत अन्य संबंधित नंबरों पर फोन भी किया. मगर उन्हें कहीं से भी कोई खास रिस्पांस नहीं मिला.

इसे भी पढ़ें- दिल्ली के अस्पताल में नर्सों के मलयालम भाषा के इस्तेमाल पर लगी रोक

रजनीश बताते हैं कि उन्होंने देहरादून सीएमओ को जब इस बारे में जानकारी देने के लिए फोन किया तो उन्होंने फोन तक उठाने की जहमत नहीं उठाई. फिर उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 1075 पर भी कॉल किया, लेकिन उस नंबर पर किसी से संपर्क नहीं हो पाया.

पीड़ित काे है यह आशंका
रजनीश ने बताया कि उन्हें लगता है कि उनके द्वारा बुक किए गए स्लॉट पर मैक्स अस्पताल के कर्मचारियों ने किसी और व्यक्ति से ज्यादा पैसे लेकर उसे वैक्सीन लगा दी है. जिसके चलते अब उन्हें वैक्सीन नहीं लगेगी, क्योंकि सरकारी कागजों के हिसाब से उन्हें वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है.

देहरादून : देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान जोरों से चल रहा है. इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार भी प्रदेशवासियों के वैक्सीनेशन के लिए तमाम तरह की व्यवस्थाएं कर रही है. पेड वैक्सीनेशन भी इसी पहल का एक हिस्सा है. जिसके जरिए आसानी से लोगों का वैक्सीनेशन हो पा रहा है.

मगर, राज्य की राजधानी देहरादून के मैक्स अस्पताल द्वारा लगाए गए वैक्सीनेशन कैंप में अनियमितता का मामला सामने आ है. बीते दिनाें यहां ओवर रेटिंग का मामला सामने आया था. वहीं अब किसी और व्यक्ति द्वारा बुक किए गए स्लॉट पर किसी अन्य व्यक्ति को वैक्सीन लगा देने का मामला सामने आया है.

बिना वैक्सीन के ही जारी हाे गया सर्टिफिकेट

निजी अस्पताल में वैक्सीनेशन कैंप
18 से 44 साल की उम्र के लोगों को फ्री में वैक्सीन लगवाने के लिए स्लॉट बुक करना पड़ रहा है. जिसके चलते कई लोगों को कई दिनों तक स्लॉट बुक करने के लिए इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में अब जब राजधानी देहरादून में निजी वैक्सीनेशन के कैंप लगने लगे हैं. इससे लोग समय की बचत और जल्द ही वैक्सीन लगाने के लिए पेड वैक्सीनेशन कैंप की ओर रुख कर रहे हैं.

बिना वैक्सीन के ही जारी हाे गया सर्टिफिकेट
बिना वैक्सीन के ही जारी हाे गया सर्टिफिकेट

पेड वैक्सीनेशन कैंप में भी स्लॉट बुक करने की आवश्यकता होती है, लेकिन इन कैंपों में आसानी से एक दिन पहले ही स्लॉट उपलब्ध हो जाता है. जिसके बाद लोग वैक्सीनेशन कैंप में पहुंचकर वैक्सीन लगवा सकते हैं.

मैक्स हॉस्पिटल के पेड वैक्सीनेशन कैंप में कराया था स्लॉट बुक
देहरादून के रहने वाले रजनीश कुमार ने चार जून को मैक्स हॉस्पिटल द्वारा लगाए गए पेड वैक्सीनेशन कैंप में स्लॉट बुक कराया था, लेकिन वे किसी कारणवश वैक्सीन लगाने नहीं जा पाए. जब उन्होंने बुक किए गए स्लॉट को रीशेड्यूल करना चाहा तो उन्हें पता चला कि उनके नाम पर किसी और को वैक्सीन लगा दी गई है. साथ ही उसका सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया है.

ऐसे में अब वह दोबारा वैक्सीन की पहली डोज नहीं लगा सकते हैं क्योंकि कोविन पोर्टल (cowin portal) के अनुसार उनको वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए रजनीश कुमार ने बताया, मैक्स हॉस्पिटल द्वारा देहरादून के दून क्लब में लगाए गए वैक्सीनेशन कैंप में स्लॉट बुक कराया था. मगर उनकी जगह किसी और को ही वैक्सीन लगा दी गई है.

कई जगह लगाई गुहार नहीं मिली काेई मदद
जब इस बाबत रजनीश ने मैक्स हॉस्पिटल के अधिकारियों से बातचीत करनी चाही तो उन्होंने इसके लिए रजनीश को अस्पताल बुलाया. जिस पर रजनीश ने मैक्स अस्पताल जाने से मना कर दिया. उन्होंने अपनी समस्या के समाधान के लिए कोविड कंट्रोल रूम, डीएम ऑफिस, सीएम हेल्पलाइन समेत अन्य संबंधित नंबरों पर फोन भी किया. मगर उन्हें कहीं से भी कोई खास रिस्पांस नहीं मिला.

इसे भी पढ़ें- दिल्ली के अस्पताल में नर्सों के मलयालम भाषा के इस्तेमाल पर लगी रोक

रजनीश बताते हैं कि उन्होंने देहरादून सीएमओ को जब इस बारे में जानकारी देने के लिए फोन किया तो उन्होंने फोन तक उठाने की जहमत नहीं उठाई. फिर उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 1075 पर भी कॉल किया, लेकिन उस नंबर पर किसी से संपर्क नहीं हो पाया.

पीड़ित काे है यह आशंका
रजनीश ने बताया कि उन्हें लगता है कि उनके द्वारा बुक किए गए स्लॉट पर मैक्स अस्पताल के कर्मचारियों ने किसी और व्यक्ति से ज्यादा पैसे लेकर उसे वैक्सीन लगा दी है. जिसके चलते अब उन्हें वैक्सीन नहीं लगेगी, क्योंकि सरकारी कागजों के हिसाब से उन्हें वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है.

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