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चीन में कोरोना का 'कहर', वही वैरिएंट भारत में भी मिला

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Published : Dec 21, 2022, 6:19 PM IST

Updated : Dec 21, 2022, 7:52 PM IST

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चीन में कोरोना का कहर

चीन में कोरोना कहर बरपा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 लाख चीनी नागरिकों की मौत की आशंका जताई गई है. विभिन्न आंकड़ों के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि चीन में सख्त जीरो कोविड नीति को वापस लिए जाने के बाद संक्रमण के मामलों में भारी वृद्धि हुई है. चीन में जिस वैरिएंट (ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट बीएफ7) ने तबाही मचाई है, भारत में उसी वैरिएंट से संक्रमित तीन मरीज मिले हैं. वैसे, भारत में स्थिति खराब न हो, इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बैठक की है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह उनका दायित्व है कि देश में कोविड न फैले और देश के सभी नागरिक स्वस्थ रहें. कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच शुरू करने का आदेश दे दिया है.

नई दिल्ली : चीन में जिस तेजी से कोरोना फैल रहा है, एक बार फिर से पूरी दुनिया में इसके फैलने की आशंका बढ़ गई है. चीन के साथ ही अमेरिका, जापान और ब्राजील जैसे देशों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. क्योंकि चीन में सिर्फ सरकारी मीडिया ही रिपोर्ट प्रकाशित करती है, लिहाजा वहां से पूरी खबरें नहीं आ रहीं हैं. कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि चीन में कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा भयावह है. महामारी विशेषज्ञ एरिक फिगल डिंग का दावा है कि चीन की आधी आबादी कोरोना से संक्रमित हो सकती है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के अस्पताल पूरी तरह से फुल हैं. मरीजों को जगह नहीं मिल रही है. उन्हें इंतजार करना पड़ रहा है. दूसरी ओर जिनकी मौतें हो रही है, उनके परिजन अंतिम संस्कार के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. यह स्थिति तब है जबकि चीन में प्रति 10 हजार की आबादी पर 22 डॉक्टर हैं. भारत में प्रति 10 हजार की आबादी पर मात्र 12 डॉक्टर हैं. भारत जीडीपी का मात्र दो फीसदी स्वास्थ्य पर खर्च करता है, जबकि चीन सात फीसदी तक खर्च करता है.

'द इकोनॉमिस्ट' में प्रकाशित हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोगों के संक्रमित होने की दर और अन्य परिस्थितियों के अध्ययन के आधार पर लगभग 15 लाख चीनी नागरिकों की मौत की आशंका जतायी गयी है. ये आंकड़े अन्य हालिया आंकड़ों से भी मेल खाते हैं, जिनमें द लांसेट पत्रिका की पिछले सप्ताह की एक रिपोर्ट भी शामिल है. इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि चीन में पाबंदियों में ढील दिये जाने के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से 13 लाख से 21 लाख लोगों की मौत हो सकती हैं.

द लांसेट की रिपोर्ट में कहा गया है, 'मौतों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है. यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि बुजुर्गों और कमजोर लोगों को कितनी संख्या में कोविड-रोधी टीके लगाये गये हैं.' इसमें कहा गया है, 'ब्रिटेन के सीरोलॉजिकल अध्ययनों से पता चला है कि देश में लगभग सभी में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ एंटी-बॉडी हैं. चीन के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन उनमें प्राकृतिक प्रतिरक्षा का स्तर निश्चित रूप से कम होगा. महामारी के दौरान देश में कोविड-19 के 20 लाख से भी कम मामले दर्ज किए गये थे.'

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर झेंगमिंग चेन ने नीति में बदलाव के समय पर सवाल उठाया है. चेन ने 'द लांसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन' को बताया, 'चीन ने कोविड पाबंदियों को हटाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किये. उन्हें टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए था और मीडिया, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और आम जनता को तैयार करना चाहिए था. मैंने पिछले छह महीनों में इनमें से कुछ भी होते हुए नहीं देखा है.'

दूसरी ओर चीन का दावा है कि वायरस के म्यूटेशन पर नजर रखने के लिए अस्पतालों का एक नेटवर्क स्थापित किया है. साउथ चाइना मॉनिर्ंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (चाइना सीडीसी) ने प्रत्येक शहर में एक अस्पताल और प्रत्येक प्रांत में तीन शहरों से बना एक डेटा संग्रहण नेटवर्क स्थापित किया है. रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि प्रत्येक अस्पताल, बाहर के मरीज और इमरजेंसी रूम में 15 मरीजों, गंभीर बीमारियों वाले 10 मरीजों और सभी मरने वाले मरीजों के नमूने एकत्र करेगा.

चाइना सीडीसी के मुताबिक, बीते तीन महीनों में 130 लोगों में ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट की पुष्टि हुई है हालांकि, इनमें से किसी की भी हालत गंभीर नहीं थी. इनमें बीक्यू 1 और एक्सबीबी स्ट्रेन से कई मरीज शामिल हैं जिन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर समेत अन्य देशों की यात्री की थी.

भारत में भी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि समय रहते ही कदम उठाने होंगे, अन्यथा यहां भी स्थिति बिगड़ सकती है. भारत में अब तक ओमिक्रॉन सबवैरिएंट बीएफ.7 के कुल तीन मामले पाए गए हैं, इसी वैरिएंट के कारण चीन में कोरोना के मामलों में तेजी से उछाल आया है. सूत्र के अनुसार, अक्टूबर में गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर द्वारा बीएफ.7 के पहले मामले का पता चलने के बाद, उसी महीने एक और मामला सामने आया था और नवंबर में इस वैरिएंट का तीसरा मामला सामने आया था.

इन स्थितियों पर विचार करने के बाद सरकार ने आज कई सुझाव जारी किए हैं. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने साफ तौर पर कहा है कि जब भी भीड़-भाड़ वाले इलाके में आप जाते हैं, मास्क जरूर लगाएं. एक दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को फिर से सतर्क रहने को कहा है. सभी राज्यों को पॉजिटिव मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराने को कहा गया है, ताकि वैरिएंट पैटर्न का ठीक से अध्ययन किया जा सके.

वैसे राहत की बात ये है कि भारत में जुलाई महीने के बाद से ही मामले लगातार घट रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 14 दि. से 20 दि. के बीच पूरे देश में मात्र 1083 मामले ही सामने आए हैं. आईसीएमआर के मुताबिक मंगलवार को देश भर में 1.15 लाख जांच हुई है.

दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में अचानक तेजी के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को नई दिल्ली में देश में कोविड-19 स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को सजग रहने और निगरानी तंत्र मजबूत करने का निर्देश दिया. मांडविया ने एक ट्वीट में कहा, 'कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर आज विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की. कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है. मैंने सभी संबंधित लोगों को सजग रहने और निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है. हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिाए तैयार हैं.'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में पश्चिम बंगाल में संक्रमण से एक और मरीज की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,30,680 हो गई है. वहीं, कोविड-19 से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने वैश्विक महामारी से जान गंवाने वाले मरीजों की सूची में दो और नाम जोड़े हैं. अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 3,408 रह गई है, जो कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है. पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 82 की कमी दर्ज की गई है.

आंकड़ों के अनुसार, भारत में मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.80 प्रतिशत है. देश में अभी तक कुल 4,41,42,242 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.01 खुराक दी जा चुकी हैं.

गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे. देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे. पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी. इस साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार हो गए थे.

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(एक्स्ट्रा इनपुट-पीटीआई)

Last Updated :Dec 21, 2022, 7:52 PM IST
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