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CWC की बैठक, राहुल-प्रियंका के पक्ष में उठी आवाज

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Published : Mar 13, 2022, 1:10 PM IST

Updated : Mar 13, 2022, 8:57 PM IST

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बैठक में सोनिया गांधी और अन्य नेता

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में पार्टी की करारी हार पर रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मंथन हुआ. सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी मौजूद थे. जानकारी के मुताबिक बैठक में नेताओं ने राहुल और प्रियंका के पक्ष में आवाज उठाई है. बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने साफ कर दिया था कि गांधी परिवार के सदस्य किसी भी संगठनात्मक पद से इस्तीफा नहीं देंगे. मीडिया में ऐसी खबरों को जगह देना भ्रामक है.

नई दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार पर रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में मंथन हुआ. बैठक में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी शामिल हुए. बैठक की अध्यक्षता पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की. बैठक में हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया. जानकारी के मुताबिक बैठक में कई नेताओं ने राहुल और प्रियंका के पक्ष में आवाज उठाई है. बैठक से ठीक पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया में यह बयान दिया कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल लेनी चाहिए.

आपको बता दें कि सीडब्ल्यूसी की बैठक ऐसे समय हो रही है जब कांग्रेस ने पंजाब में सत्ता गंवा दी और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है. सोनिया गांधी पिछले कुछ समय से सक्रिय रूप से प्रचार नहीं कर रही हैं, प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे हैं. साथ ही भाई-बहन की जोड़ी पार्टी के महत्वपूर्ण फैसलों में भी प्रमुख भूमिका निभाती है.

विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक

उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय प्रचार अभियान के बावजूद, राज्य में कांग्रेस 403 विधानसभा सीटों में से केवल दो पर जीत हासिल कर सकी. कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी भी कम होकर 2.33 प्रतिशत हो गई और उसके अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. पार्टी की 2019 के आम चुनावों में लगातार दूसरी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में फिर से पार्टी की बागडोर संभाली थी. उन्होंने ने भी अगस्त 2020 में पार्टी नेताओं के एक वर्ग जी-23 द्वारा खुले विद्रोह के बाद पद छोड़ने की पेशकश की थी, लेकिन सीडब्ल्यूसी ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया था.

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सीडब्लूसी की बैठक में प्रियंका

इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के जी 23 समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को भी बैठक की, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गयी. राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी शामिल हुए. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस कार्य समिति में शामिल जी 23 के नेता सीडब्ल्यूसी की बैठक में चुनावी हार का मुद्दा और पार्टी संगठन में जरूरी बदलाव और जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपनी पुरानी मांग उठा सकते हैं. जी 23 समूह के प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा कांग्रेस कार्य समिति में शामिल हैं.

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सीडब्लूसी की बैठक में हरीश रावत

हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उन खबरों को गलत और शरारती करार देते हुए खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि गांधी परिवार के सदस्य पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने पार्टी में किसी बड़े बदलाव को खारिज कर दिया. उन्होंने ट्विटर पर कहा कि कथित इस्तीफे की खबरें अनुचित, शरारती और गलत हैं. सुरजेवाला ने कहा कि एक टीवी चैनल के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर काल्पनिक स्रोतों से निकलने वाली इस तरह की निराधार दुष्प्रचार कहानियों को प्रसारित करना अनुचित है.

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बैठक में भाग लेने के लिए जाते राहुल गांधी

लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने कहा, 'अफवाह फैलाने वालों के चेहरे लटक जाएंगे.' इस बीच, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बजट सत्र के दूसरे हिस्से के लिए रणनीति पर चर्चा करने के वास्ते रविवार सुबह अपने आवास पर पार्टी के संसदीय रणनीति समूह की बैठक की. बजट सत्र का दूसरा हिस्सा सोमवार शुरू हो रहा है. गांधी कांग्रेस के संसदीय दल की अध्यक्ष भी हैं.

कांग्रेस के जी 23 समूह में शामिल नेताओं ने अगस्त, 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष और संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग की थी. इस समूह के दो नेता जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री अब कांग्रेस छोड़ चुके हैं. जी-23 नेताओं ने पिछले विधानसभा चुनावों के बाद सुधारात्मक उपायों का सुझाव दिया था, जब कांग्रेस पुडुचेरी में चुनाव हार गई थी और केरल, असम और पश्चिम बंगाल में कोई अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रही, लेकिन उस मोर्चे पर बहुत कम काम हुआ.

इन नेताओं ने सीडब्ल्यूसी की महत्वपूर्ण बैठक से पहले अपनी रणनीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर शुक्रवार शाम को मुलाकात की थी. सूत्रों ने कहा कि इन नेताओं ने पार्टी की हार पर हैरानी जतायी. सूत्रों ने कहा कि इन नेताओं ने कांग्रेस को मजबूत करने के कदमों पर चर्चा की, जो और भी अधिक कमजोर हो गई है.

सीडब्ल्यूसी के सदस्य मुकुल वासनिक ने शुरू में समूह की ओर से गांधी को लिखे एक पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन तब से उन्होंने उससे दूरी बना ली है. सूत्रों ने कहा कि नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व द्वारा पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाने पर भी निराशा व्यक्त की. सूत्रों के अनुसार कुछ नेता इस बात से चिंतित थे कि असम, पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी में पार्टी के नुकसान का मूल्यांकन करने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट पर चर्चा तक नहीं की गई.

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अनौपचारिक बातचीत में स्वीकार किया कि कांग्रेस संगठनात्मक कमजोरी के कारण हार गई, लेकिन कहा कि पार्टी नेतृत्व में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है. चौधरी ने कहा, 'हमारी पार्टी में संगठनात्मक कमजोरी है और यही वजह है कि हम हारे हैं.' उन्होंने कहा कि पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'अगला नेता कौन होगा ? अगर नेतृत्व में बदलाव का मतलब राहुल गांधी या प्रियंका गांधी को हटाना है, तो किसी से यह पूछना चाहिए कि उनकी जगह कौन लेगा. राहुल और प्रियंका दोनों पूरे दिल से कोशिश कर रहे हैं, उनके प्रयास में कोई संदेह नहीं है.' जी-23 नेताओं में शामिल कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने चुनावी हार के बाद गुरुवार को कहा था कि यह स्पष्ट है कि बदलाव अपरिहार्य है.

कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव पहले से ही चल रहे हैं और पार्टी को 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच नया अध्यक्ष मिलेगा. इसके बाद, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्ण सत्र में अक्टूबर तक सीडब्ल्यूसी के चुनाव होंगे. कांग्रेस पार्टी ने 1 नवंबर को सदस्यों के लिए नामांकन अभियान शुरू किया था और यह 22 मार्च तक चलेगा. इसके बाद जिला कांग्रेस समितियां विभिन्न पार्टी निकायों के सदस्यों और पात्र उम्मीदवारों की सूची एक अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच प्रकाशित करेंगी, इसके बाद प्रखंड स्तर पर अध्यक्ष और कार्यकारिणी समितियों का चुनाव होगा. यह प्रक्रिया 16 अप्रैल से 31 मई के बीच पूरी की जाएगी.

स्थानीय अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और कोषाध्यक्षों के निर्णय के लिए कांग्रेस जिला समिति स्तर पर चुनाव जून से 20 जुलाई के बीच होंगे. पीसीसी में 21 जुलाई से 22 अगस्त के बीच चुनाव होंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भविष्य के चुनावों में परिणाम प्राप्त करने के लिए पूरी पार्टी में पुनर्गठन का आह्वान किया, हालांकि उन्होंने शीर्ष स्तर पर बदलाव का आह्वान नहीं किया.

उन्होंने कहा कि बात हमेशा नेतृत्व पर आ जाती है. वे गोली का सामना करने से भी कभी नहीं हिचकिचाते और न ही वे कभी भागे हैं. वे सब कुछ करने के लिए तैयार हैं. हमें पार्टी में नीचे से पुनर्गठन की आवश्यकता है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शनिवार को ट्विटर पर पार्टी सदस्यों से विधानसभा चुनाव परिणामों से निराश न होने और उसी जोश के साथ लड़ाई जारी रखने का आग्रह किया.

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Last Updated :Mar 13, 2022, 8:57 PM IST
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