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Congress janadhikar rally: आरक्षण पर कांग्रेस की महारैली: कांग्रेस नेताओं का राज्यपाल पर निशाना

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Published : Jan 3, 2023, 9:58 PM IST

Congress maharally on reservation
कांग्रेस की जन अधिकार रैली

आरक्षण को लेकर रायपुर में मंगलवार को कांग्रेस ने जनअधिकार महारैली की. Congress maharally on reservation साइंस कॉलेज मैदान में कांग्रेस ने सभा का आयोजन कर राज्यपाल और बीजेपी पर निशाना साधा. Congress janadhikar rally in Raipur जिसमें प्रदेश भर से हजारों की संख्या में कांग्रेसी पहुंचे. सभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी शैलजा समेत मंत्रिमंडल के सभी सदस्य मौजूद रहे.

कांग्रेस नेताओं का राज्यपाल पर निशाना

रायपुर: आरक्षण पर छत्तीसगढ़ में सदन से लेकर सड़क तक सियासी घमासान चरम पर है. Congress maharally on reservation आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल की तरफ से हस्ताक्षर नहीं होने पर कांग्रेस हमलावर है. Congress janadhikar rally in Raipur कांग्रेस ने जन अधिकार रैली के जरिए राज्यपाल और बीजेपी पर निशाना Congress target Governor Anusuiya Uikey साधा.

"भाजपा ने राजभवन को राजनीतिक अखाड़ा बना दिया": कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "संविधान की व्यवस्था का पालन नहीं हो रहा है. इसलिए रैली निकाली गई है. विधानसभा में आरक्षण बिल पारित किया गया. जिसे राजभवन में रोक दिया गया है. भाजपा ने राजभवन को राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है. हमने पहले 82 फीसदी आरक्षण किया था. तब राज्यपाल ने तुरंत हस्ताक्षर कर दिए थे. मगर बाद में हाईकोर्ट की रोक के बाद जनसंख्या में अनुपात में आरक्षण देने के लिए क्वॉरंटीफाईवल डाटा आयोग का गठन किया. उसकी रिपोर्ट के आधार पर 76 फीसदी का फैसला लिया गया."

"आरक्षण के मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा": मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि "हम कानून के बाहर जाकर कोई काम नहीं कर रहे हैं. आरक्षण बिल सर्व सम्मति से पारित हुआ था. बिल विधानसभा में 2 दिसंबर को पारित हुआ था, और आज 3 जनवरी है. महीना और साल बदल गया. लेकिन बिल पर हस्ताक्षर नहीं हुआ. सरकार आरक्षण का लाभ देना चाहती है. लेकिन राजभवन में रोकने की कोशिश हो रही है. केंद्र सरकार लगातार जीएसटी और हमारे हिस्से की राशि रोक रही है. भाजपा नहीं चाहती कि आदिवासी, किसान, महिला, और नौजवानों के जीवन में परिवर्तन आए. आरक्षण के मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा."

"छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ खिलवाड़": कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने भी कहा कि "आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ में विशेष पहल की गई. विशेष सत्र बुलाया गया. मुझे बहुत दुख हो रहा है कि जो पहल छत्तीसगढ़ के लोगों के अधिकार के लिए थी. जिस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया. आज उसको रोका जा रहा है. यह संविधान के साथ खिलवाड़ है. यह छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ भी खिलवाड़ है. विधानसभा में यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया गया. क्योंकि वे जानते थे यदि यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित नहीं हुआ. तो वह सदन से बाहर निकल नहीं पाएंगे. मैंने भी मीडिया में देखा कि राज्यपाल ने कहा था कि जैसे ही बिल पास होगा मैं हस्ताक्षर कर दूंगी. लेकिन अब शायद उन्हें रोका जा रहा है इसलिए भी हस्ताक्षर नहीं कर रही है.

"छत्तीसगढ़ की जनता के साथ अन्याय":कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि "आज भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा सामने देखने को मिल रहा है. भाजपा विधानसभा में कुछ कहती है और बाहर कुछ. सदन में बिल का समर्थन करती है. लेकिन बाहर निकलने के बाद राजभवन पर दबाव डालकर आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने दिया जाता है. राजपाल ने कहा था आप अध्यादेश लाइए विधानसभा में विधेयक पास करिए मैं 1 घंटे के अंदर उस विधेयक पर हस्ताक्षर कर दूंगी. आज 32 दिन हो गए हैं क्या कारण है कि अब तक राजपाल ने हस्ताक्षर नहीं किए. यह छत्तीसगढ़ की जनता के साथ अन्याय है."

सिंहदेव का राज्यपाल अनुसुईया उइके पर निशाना: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने राज्यपाल पर हमला बोलते हुए कहा कि" राज्यपाल अगर निर्णय नहीं ले पा रहीं हैं, तो राज्यपाल को अपनी जिम्मेदारियों से खुद को अलग कर लेना चाहिए".

रविंद्र चौबे ने राज्यपाल पर बोला हमला : कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी राज्यपाल पर हमला बोला है. उन्होंने कहा "जो हमारे अधिकार की रक्षा नहीं कर सकती, तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.

यह भी पढ़ें: Reservation: रायपुर में कांग्रेस की जन अधिकार महारैली शुरू, सीएम बघेल और प्रदेश प्रभारी शैलजा मौजूद

कवासी लखमा का विवादित बयान

"छत्तीसगढ़ में राज्यपाल के पद का दुरुपयोग हो रहा": मंत्री कवासी लखमा ने भी राज्यपाल पर बड़ा आरोप लगाया है. Kumari Selja and CM Baghel targets bjp कवासी लखमा ने कहा है कि" हम लोग दो दिसंबर को राज्यपाल के पास गए. बिल पर हस्ताक्षर की बात कही, तो उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारी नहीं हैं. उन्होंने बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया. अब लगता है कि उसके बाद उनके पास नागपुर से फोन आया होगा. फिर राज्यपाल दिल्ली गईं. पहले इस विधेयक पर राज्यपाल बड़ी बड़ी बातें कर रही थी. अब वह हस्ताक्षर नहीं कर रही हैं. राज्यपाल के पद का दुरुपयोग अगर कहीं हो रहा है तो वह छत्तीसगढ़ में हो रहा है. मैं भाजपा को चुनौती देता हूं, यदि हस्ताक्षर नहीं हुआ तो अभी हम 71 विधानसभा सीटें जीते हैं अगले चुनाव में हम 90 में से 90 विधानसभा सीट जीतेंगे. आदिवासियों के आरक्षण को लेकर अगर किसी को तकलीफ है तो दिल्ली में बैठे हुए दाढ़ी वाले को, किसी को तकलीफ है तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को, किसी को तकलीफ है तो बृजमोहन अग्रवाल को". लखमा ने बृजमोहन अग्रवाल को बनिया कहा. लखमा ने सीएम रमन और पीएम मोदी को लेकर भी विवादित टिप्पणी की

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