ETV Bharat / bharat

कांग्रेस और टुकड़े-टुकड़े गैंग को दूसरों को उपदेश देने का कोई हक नहीं: रिजिजू

author img

By

Published : May 12, 2022, 7:38 AM IST

कानून मंत्री ने लिखा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पहला संशोधन लाये थे, लेकिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी और जनसंघ अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने वाले इस कदम के विरुद्ध खड़े रहे. नेहरूजी ने लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित केरल की सरकार को भी बर्खास्त कर दिया था.

केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिजू
केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिजू

नई दिल्ली: राजद्रोह कानून के उपयोग पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन पर पलटवार करते हुए केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को कांग्रेस को स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संस्थानों के सम्मान का विरोधी करार दिया. रिजिजू ने आपातकाल लगाने जैसे कांग्रेस की सरकारों के अनेक फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके तंत्र को दूसरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस ने अपनी अतीत की कार्रवाईयों पर नजर डाली है.

भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए पर शीर्ष अदालत के निर्देशों के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं. सच कहना देश प्रेम है, देशद्रोह नहीं. सच सुनना राजधर्म है, सच कुचलना राजहठ है. डरो मत! पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, सत्ता को आईना दिखाना राष्ट्रधर्म है. यह देश विरोधी नहीं हो सकता. उच्चतम न्यायालय ने आज यही स्पष्ट संदेश दिया है. उन्होंने कहा, सत्ता के सिंहासन पर बैठे निरंकुश शासक, लोगों की आवाज कुचलने वाले निरंकुश राजा, जनविरोधी नीतियों की आलोचना करने पर लोगों को जेल में डालने वाले राजा अब जान लें कि जनता खड़ी हो चुकी है, अब जनता को दबाया नहीं जा सकता है.

रिजिजू ने राहुल का जवाब देते हुए ट्विटर पर लिखा, यदि कोई पार्टी आजादी, लोकतंत्र और संस्थाओं के सम्मान की विरोधी है तो वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है. यह पार्टी हमेशा भारत को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़ी रही है और देश को बांटने का कोई मौका नहीं छोड़ती. भाजपा नेता ने अपने ट्वीट में राजद्रोह कानून और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विषय पर पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की भी आलोचना की. उन्होंने दावा किया, इंदिरा गांधी की सरकार ने देश के इतिहास में पहली बार धारा 124ए को संज्ञेय अपराध बनाया. क्या कांग्रेस ने अपने खुद के अतीत को देखा है?

रिजिजू ने कहा, बोलने की आजादी को कुचलने की बात करें तो श्रीमती इंदिरा गांधी इस मामले में स्वर्ण पदक विजेता रहीं. हम सभी आपातकाल के बारे में जानते हैं, लेकिन क्या आपको यह भी पता है कि उन्होंने अनुच्छेद 356 को 50 से ज्यादा बार लागू किया. कानून मंत्री ने लिखा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पहला संशोधन लाये थे, लेकिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी और जनसंघ अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने वाले इस कदम के विरुद्ध खड़े रहे. नेहरूजी ने लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित केरल की सरकार को भी बर्खास्त कर दिया था.

पढ़ें: कांग्रेस नेताओं को राहुल का सीधा संदेश, 'लोगों के लिए लड़िए, टिकट पाइए'

रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार हमेशा देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करेगी. उन्होंने कहा, वह हमारे संविधान में अंकित मूल्यों की भी रक्षा करेगी. कांग्रेस पार्टी और उसके टुकड़े टुकड़े गिरोह के तंत्र को दूसरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है. रिजिजू ने आरोप लगाया कि अन्ना हजारे के आंदोलन और अन्य भ्रष्टाचार विरोध मुहिम के दौरान संप्रग सरकार के हिसाब से नहीं चलने वालों को ‘डराया-धमकाया गया, उनका उत्पीड़न किया गया और गिरफ्तार किया गया. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि तत्कालीन संप्रग सरकार का राजद्रोह के मामले दर्ज करने का रिकॉर्ड सबसे खराब है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.