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बीपीसीएल के बोलीदाताओं को मिलेगी संवेदनशील सूचना, भरोसे का अलग करार करना होगा

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Published : May 23, 2021, 4:54 PM IST

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि.में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने को इच्छुक बोलीदाताओं को वाणिज्यक रूप से संवेदनशील जानकारी से जुड़े 'क्लीन डाटा' कक्ष तक पहुंच दिया जाएगा.

बीपीसीएल
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नई दिल्ली : भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने को इच्छुक बोलीदाताओं को वाणिज्यक रूप से संवेदनशील जानकारी से जुड़े 'क्लीन डाटा' कक्ष तक पहुंच दिया जाएगा. हालांकि इसके लिये कंपनियों को गोपनीयता के अतिरिक्त समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

बीपीसीएल से संबद्ध मुख्य रूप से वित्तीय सूचना रखे जाने वाले ऑनलाइन सूचना कक्ष को अप्रैल के दूसरे सप्ताह में खोला गया था. गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले पात्र बोलीदाताओं को वहां उपलब्ध जानकारी प्राप्त करने की अनुमति दी गयी.

मामले से जुड़े तीन सूत्रों ने कहा कि विविध कारोबार में लगे वेदांता, निजी इक्विटी कंपनी अपोलो ग्लोबल और आई स्क्वैर्ड कैपिटल की इकाई थिंक गैस समेत बोलीदाताओं को जांच-परख प्रक्रिया के अंतर्गत आने वाले सप्ताह में कंपनी की रिफाइनरी और डिपो को भौतिक रूप से देखने की भी अनुमति दी जाएगी.

बोलीदाताओं की जांच-पड़ताल की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद सरकार वित्तीय बोलियां आमंत्रित करेगी. साथ ही शेयर खरीद समझौते के नियम एवं शर्तों पर बात की जाएगी.

सूत्रों ने कहा कि वाणिज्यिक रूप से संवेदनशील समझे जाने वाले कुछ आंकड़ों को आंकड़ा कक्ष के अलग खंड में 'अपलोड' किया गया है. इसे 'क्लीन डाटा' कक्ष कहा जाता है. इन आंकड़ों तक पहुंच इसमें रूचि रखने वाले पात्र बोलीदाताओं द्वारा नामित वकीलों की टीम तक ही होगी. गोपनीयता और आंकड़ों के दुरूपयोग को रोकने के लिये यह कदम उठाया गया है.

सूत्रों का कहना है कि इन आंकड़ों की जानकारी लेने के लिये बोलीदाताओं को सूचना के उपयोग पर पाबंदी तथा गोपनीयता को लेकर अलग से समझौता करना होगा.

जांच-परख के लिये आंकड़ा कक्ष तक पहुंच करीब आठ सप्ताह के लिये उपलब्ध होगी.

जांच-पड़ताल प्रक्रिया के तहत बोलीदाता कुछ प्रमुख रिफाइनरी और डिपो/कारखाने को वहां जाकर देखना चाहते हैं.

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सूत्रों के अनुसार बीपीसीएल उन्हें यह सुविधा उपलब्ध कराएगी. हालांकि अगर कोई विदेशी पासपोर्टधारक रिफाइनरी जैसे संवेदनशील ठिकानों पर जाना चाहता है, विदेश मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी.

सूत्रों ने कहा कि जांच-पड़ताल प्रक्रिया के दौरान बोलीदाताओं के सवालों को सौदा सलाहकार डेलॉयट उसे एकत्रित करेगा और प्रश्नों की प्रकृति के आधार पर उसका जवाब कंपनी प्रबंधन या संबंधित सरकारी विभाग देगा.

सरकार की बीपीसीएल में 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है. शुक्रवार को बीपीसीएल के बंद शेयर भाव (एनएसई में 461.20 रुपये प्रति शेयर) के हिसाब से इसका मूल्य करीब 53,000 करोड़ रुपये बैठता है.

सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इस लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री महत्वपूर्ण है.

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