नई दिल्ली : कांग्रेस के लोकसभा सांसद अब्दुल खालिक (Lok sabha MP Abdul Khalek) ने बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक की निंदा करते हुए इसे चुनावी जुमला और भारतीय महिलाओं और लड़कियों का बड़ा अपमान बताया. ईटीवी भारत से खास बातचीत में खालिक ने कहा कि हम हमेशा से महिला आरक्षण बिल के पक्ष में रहे हैं. यूपीए सरकार के दौरान सोनिया गांधी के नेतृत्व में यह बिल राज्यसभा में तो पास हो गया था लेकिन लोकसभा में पास नहीं हो सका. उस समय गठबंधन सरकार थी और मतभेद थे.
उन्होंने कहा कि लेकिन अब इतने सालों के बाद जब भारत में महिलाएं आरक्षण की उम्मीद लगाए बैठी हैं भाजपा सरकार ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक पारित किया है जो पूरी तरह से धोखा देने वाला है. खालिक ने कहा कि विधेयक में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि कानून अगले परिसीमन अभ्यास के बाद लागू होगा, जो 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना के बाद लागू किया जा सकता है, जो एक चुनावी जुमला के अलावा और कुछ नहीं है.
उन्होंने कहा कि सरकार धोखेबाज रही है और भ्रामक भी. खालिक ने कहा कि ऐसा करके पीएम मोदी ने नारी शक्ति का अपमान किया है और उन्हें अगले चुनाव में इस कृत्य की कीमत चुकानी पड़ेगी. नारी शक्ति वंदन अधिनियम शीर्षक से बहुप्रतीक्षित महिला आरक्षण विधेयक मंगलवार को संसद के विशेष सत्र के दौरान नई संसद के निचले सदन में पेश किया गया था. विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव है.
नए संसद भवन के विशेष सत्र के दूसरे दिन केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में यह बिल पेश किया. हालांकि, विधेयक के कानून बनने के बाद पहले परिसीमन या निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के बाद ही कोटा लागू किया जा सकता है. निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण अगली जनगणना के बाद ही किया जाएगा, जो 2026 के बाद होनी है.