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चीन में कोरोना से कोहराम, एक दिन में 3 करोड़ 70 लाख लोगों के संक्रमित होने की आशंका

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Published : Dec 24, 2022, 4:30 PM IST

Corona in China
चीन में कोरोना

चीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा होने से लोगों को अस्पतालों में बेड के जूझना पड़ रहा है. लोगों को दवाओं की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि इस सप्ताह महज एक दिन में संक्रमितों का आंकड़ा 3 करोड़ 70 लाख तक पहुंच गया. पढ़िए पूरी खबर...

बीजिंग : चीन में कोरोना वायरस (Coronavirus) ने कहर बरपा रखा है. यही वजह है कि चीन में लोग अस्पतालों में बेड के लिए तरस रहे हैं. इसी बीच चीन के शीर्ष स्वास्थ्य प्राधिकरण ने शुक्रवार एक चौंकाने वाली जानकारी दी है. रायटर के मुताबिक सरकार के शीर्ष स्वास्थ्य प्राधिकरण ने जानकारी देते हुए आशंका जताई कि इस हफ्ते एक दिन, करीब 3 करोड़ 70 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए. एक दिन में आए कोरोना के यह सबसे बड़े आंकड़े साबित हो सकते हैं.

चीन की 18 प्रतिशत आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित - इससे पहले बुधवार को चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने एक आंतरिक बैठक की थी. इस बैठक के बाद जानकारी सामने आई कि दिसंबर महीने के शुरूआती 20 दिनों में चीन की 18 प्रतिशत आबादी यानी 24.8 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. कोरोना को लेकर सोशल मीडिया में कई तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें मरीजों को इलाज के लिए परेशान होने से लेकर बिना इलाज के दम तोड़ने तक की बात कही जा रही है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में बेकाबू हो चुके कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से जुड़ी हकीकत को वहां के प्रशासन ने भी स्वीकार किया है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि संक्रमण की जारी लहर का पीक इस महीने के अंत तक आ जाएगा. इसको देखते हुए इस समय संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए स्वास्थ्यकर्मी पूरी क्षमता से कार्य कर रहे हैं. यह स्थिति अगले महीने की शुरुआत तक रह सकती है. हालांकि कोविड से लोगों के मरने की बात चीन अभी भी स्वीकार नहीं कर रहा है. सरकार का दावा है कि शुक्रवार को भी कोविड से किसी की मौत नहीं हुई है.

जीरो कोविड नीति में ढील दिए जाने के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी- चीन में जीरो कोविड नीति में ढील दिए जाने के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या एकदम से इजाफा हुआ है. कोरोना की वजह से लॉकडाउन के कारण ज्यादातर बाजार बंद हैं, वहीं कारखानों में काम बंद है या फिर उनमें उत्पादन कम हो गया है, अन्य आर्थिक गतिविधियां भी थमी हुई हैं. इससे वस्तुओं की वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था के बाधित होने की आशंका पैदा हो गई है. इस कारण चीन में मंदी का खतरा पैदा हो गया है. बीते 50 साल में उसकी विकास दर सबसे कम रहने के संकेत हैं. वहीं विशेषज्ञों की आशंका के अनुरूप कोरोना संक्रमण की लहरें अगर अप्रैल तक जारी रहीं तो वैश्विक मंदी का खतरा पैदा हो जाएगा. क्योंकि दुनिया की खपत का बहुत सारा सामान चीन के द्वारा बनाया जाता है.

चीन में संक्रामक रोगों के राष्ट्रीय केंद्र के निदेशक झांग वेनहोंग ने शंघाई शहर के डेजी अस्पताल के आकलन के अनुसार संक्रमण का चरम इस महीने के अंत तक पहुंचने के आसार जताया है. उन्होंने कहा है कि जनवरी 2023 के प्रारंभ के साथ ही चीन में कोविड पीड़ितों की संख्या कम होने लगेगी. इसके बाद फिर दूसरी लहर आएगी जिसका असर करीब दो महीने रहेगा.

आंकड़ाें में भिन्नता - उन्होंने बताया कि शंघाई के अस्पतालों के दौरे में उन्होंने पाया कि भर्ती मरीजों में गंभीर स्थिति वाले कम हैं. जबकि ब्रिटेन की स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली संस्था एयरफिनिटी ने कहा है कि चीन में इस समय प्रतिदिन दस लाख से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं और रोज मरने वालों की संख्या पांच हजार से ज्यादा है. जबकि अमेरिकी समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग का दावा है कि चीन में प्रतिदिन लगभग चार करोड़ संक्रमित मिल रहे हैं. इससे साबित होता है कि चीन सरकार की आधिकारिक सूचना और पश्चिमी देशों की संस्थाओं के दावे में बड़ा अंतर है.

चीन में दवाओं की भारी किल्लत - चीन में दवाओं की भारी किल्लत है. डिमांड पूरी करने के लिए दवा कंपनियों में ओवर टाइम कराया जा रहा है. इस बीच चीनी सरकार की तरफ से भी कुछ इंतजाम किए गए हैं. सरकार ने बुखार, बदन दर्द और सिर दर्द की दवाएं फ्री में देने का एलान किया है. देशभर के मेडिकल स्टोर में N-95 मास्क और एंटीजन टेस्टिंग किट खत्म हो चुके हैं. डिमांड को देखते हुए जिनपिंग सरकार ने 100 से ज्यादा नई कंपनियों को लाइसेंस दिए हैं.

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