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बच्चों से क्यों लगाव रखते थे चाचा नेहरू, बाल दिवस पर जानिए उनसे जुड़ी रोचक बातें

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 14, 2023, 12:02 AM IST

Updated : Nov 14, 2023, 1:04 PM IST

Childrens Day
बाल दिवस

देश के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन (14 नवंबर) को हर साल बाल दिवस के रूप मनाया जाता है. आजादी के बाद सीमित संसाधनों में भारत को विकास की पटरी पर लाना बड़ी चुनौती थी. इस चुनौती पर पंडित नेहरू ने काफी हद तक काम किया. पढ़ें पूरी खबर.. Childrens Day, Chacha Nehru, Jawaharlal Nehru Qoutes.

हैदराबाद: भारत में हर साल 14 नवंबर को मनाया जाने वाला बाल दिवस विशेष महत्व रखता है. इसे देश के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर मनाया जाता है. अपने राजनीतिक कौशल से परे, पहले प्रधान मंत्री, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' कहा जाता था, ने बच्चों के प्रति अपने गहरे प्यार और उनके अधिकारों और शिक्षा के लिए उनकी अटूट वकालत के कारण यह प्यारी उपाधि अर्जित की.

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प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू
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प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू अलग-अलग रूपों में

बाल दिवस व्यक्तियों, समुदायों और सरकारों से इन चुनौतियों से निपटने और युवा पीढ़ी के उज्जवल भविष्य में योगदान देने के लिए एकजुट होने का आग्रह करता है. यह दिन हर साल 14 नवंबर को प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है. बता दें कि पंडित नेहरू को बच्चों से काफी लगाव था.

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पंडित जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी
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बच्चों के साथ प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू

बाल दिवस की तारीख (20 नवंबर से 14 नवंबर तक): भारत में बाल दिवस का ऐतिहासिक पहलू उल्लेखनीय है. शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र के विश्व बाल दिवस के साथ तालमेल बिठाते हुए इसे 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन बाद में इसमें बदलाव किया गया. 1964 में नेहरू के निधन के बाद, भारतीय संसद ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें उनके जन्मदिन, 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में नामित किया गया.

  • Tributes to our first Prime Minister Jawaharlal Nehru Ji on his birth anniversary.

    — Narendra Modi (@narendramodi) November 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • “नागरिकता, देश की सेवा में होती है”

    ~ पंडित जवाहरलाल नेहरू

    भारत को शून्य से शिखर तक पहुँचाने वाले, आधुनिक भारत के निर्माता, लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी व हमारे प्रेरणास्रोत, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।

    उनके प्रगतिशील विचारों ने तमाम चुनौतियों के… pic.twitter.com/KOgYZ4zMj0

    — Mallikarjun Kharge (@kharge) November 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बाल दिवस का महत्व: बाल दिवस का उद्देश्य सुरक्षित और स्वस्थ बचपन को बढ़ावा देना है. यह बच्चों के अधिकारों को पहचानने और बनाए रखने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है. शिक्षा, पोषण और सुरक्षित घरेलू वातावरण जैसे तरीकों के माध्यम से उनकी समग्र भलाई सुनिश्चित करता है. यह वार्षिक उत्सव समाज से दुनिया के भावी नेताओं की सुरक्षा और पोषण की जिम्मेदारी लेने का आग्रह करता है.

  • पंडित जवाहर लाल नेहरू एक सोच हैं - स्वतंत्रता की, प्रगति की, न्याय की।

    भारत माता को आज अपने 'हिंद के जवाहर' के इन्हीं मूल्यों की ज़रूरत है, एक विचारधारा की तरह, हर दिल में। pic.twitter.com/0XiCBxDeiO

    — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बाल दिवस का उद्देश्य: बाल दिवस का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करना और उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए एक सुरक्षित और पोषणपूर्ण वातावरण प्रदान करने के सर्वोपरि महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है. यह दिन बच्चों के सामने आने वाली वैश्विक चुनौतियों पर भी केंद्रित है, जिसमें गरीबी, शिक्षा तक पहुंच की कमी, स्वास्थ्य देखभाल असमानताएं और बाल श्रम की व्यापकता जैसे मुद्दे शामिल हैं.

  • भविष्य में दूर तक देख सकने वाली सैकड़ों शैक्षणिक, वैज्ञानिक, अनुसंधान, औद्योगिक संस्थाओं व परियोजनाओं के स्वप्नदृष्टा और जनक, उन्नत कृषि और बड़े उद्योग कार्यक्रमों के माध्यम से भूख, बेकारी और बीमारी पर विजय प्राप्त कर आधुनिक भारत की मजबूत बुनियाद रखने वाले राष्ट्रनिर्माता, दुनिया… pic.twitter.com/XgVTIsuRus

    — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पंडित नेहरू ने 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया' (The Discovery of India), 'ग्लिम्पसेस ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री' (Glimpses of World History) और अपनी आत्मकथा 'टूवार्ड फ्रीडम' (Toward Freedom) जैसी पुस्तकों के लेखक हैं.

  • आज देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जयंती पर कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge, CPP चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी जी सहित वरिष्ठ नेताओं ने संसद परिसर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/SGdUOHgLWO

    — Congress (@INCIndia) November 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भविष्य के लिए नेहरू का दृष्टिकोण उनके इस विश्वास में निहित था कि 'आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे.' प्रधान मंत्री रहते हुए, नेहरू ने एक पंचवर्षीय योजना लागू की जिसमें स्कूली बच्चों में कुपोषण को रोकने के लिए मुफ्त प्राथमिक शिक्षा और दूध सहित भोजन का प्रावधान शामिल था. नेहरू की प्रतिबद्धता शिक्षा जगत से परे तक फैली हुई थी; वह किसी व्यक्ति की आर्थिक महत्वाकांक्षाओं और सामाजिक योगदान को आकार देने में शिक्षा की भूमिका में दृढ़ता से विश्वास करते थे.

  • VIDEO | Congress president Mallikarjun Kharge, party leaders Sonia Gandhi, KC Venugopal and others pay floral tributes to former PM Jawaharlal Nehru on his birth anniversary at Lok Sabha Secretariat. pic.twitter.com/9wzkeNitC7

    — Press Trust of India (@PTI_News) November 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नेहरू की उपलब्धियां: नेहरू के नेतृत्व में, कई उच्च शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की गई, जैसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences-AIIMS), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institutes of Technology-IIT) और (Indian Institutes of Management-IIM).

  • 1948 : ITI
    1950 : Planing Commission
    1951 : IIT
    1952 : AIIMS
    1954 : SAIL
    1954 : BARC
    I955 : Bhilai Steel Plant
    1956 : ONGC
    1958 : DRDO
    1961 : IIM
    1962 : ISRO
    1964 : BHEL
    1964 : ISRO

    Happy Birthday to the Architect of Modern India, Shri Jawaharlal… pic.twitter.com/l4H9qKt5Mi

    — Roshan Rai (@RoshanKrRaii) November 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बच्चों और उनकी माताओं के कल्याण के प्रति नेहरू के समर्पण को नेहरू के निजी सहायक एमओ मथाई ने व्यक्त किया था, जिन्होंने अपनी पुस्तक 'माई डेज विद नेहरू (1979)' में लिखा था, 'नेहरू ने उनके मासूम चेहरों और चमकती आँखों में भारत का भविष्य देखा था.'

  • “Children are now being recognised - that is my humble success.”

    Peace laureate Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) advocates for children's right to education. For more than 40 years, Satyarthi has been working to end child labour and campaigning for children's right to education. pic.twitter.com/rcoAmjNKqZ

    — The Nobel Prize (@NobelPrize) November 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चाचा नेहरू, जिनके दाह संस्कार में लगभग 1.5 मिलियन लोग शोक मनाने पहुंचे थे. युवा पीढ़ी के प्रति उनके प्रेम के लिए प्रशंसा की गई. बच्चों के प्रति नेहरू का प्रेम 1958 के एक साक्षात्कार में राम नारायण चौधरी के सवाल के जवाब में स्पष्ट था, जहां उन्होंने कहा था, "मैंने हमेशा महसूस किया है कि आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे, और जिस तरह से हम उनका पालन-पोषण करेंगे वह देश के भविष्य का निर्धारण करेगा.'

भारत में बाल दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत में गहराई से निहित एक उत्सव है, जो बच्चों के कल्याण और शिक्षा पर उनके गहरे प्रभाव को पहचानता है. यह वार्षिक उत्सव जागरूकता पैदा करने, कार्रवाई को प्रेरित करने और युवा दिमागों के लिए एक उज्जवल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है जो राष्ट्र की नियति को आकार देगा.

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प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू

जवाहर लाल नेहरू के 10 प्रसिद्ध उद्धरण:

बच्चे बगीचे में कलियों की तरह हैं. उनका सावधानीपूर्वक और प्यार से पालन-पोषण किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश का भविष्य और कल के नागरिक हैं.

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विदेशी मेहमानों के साथ प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू

भारत ने बचपन की मासूमियत और निश्छलता, युवावस्था के जुनून और परित्याग, और परिपक्वता के परिपक्व ज्ञान को जाना है जो दर्द और खुशी के लंबे अनुभव से आता है; और बार-बार उसने अपने बचपन, युवावस्था और उम्र को नवीनीकृत किया है.

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पंडित जवाहरलाल नेहरू व अन्य

शांति के बिना, अन्य सभी सपने गायब हो जाते हैं और राख में बदल जाते हैं.

हम एक अद्भुत दुनिया में रहते हैं जो सुंदरता, आकर्षण और रोमांच से भरी है। हमारे रोमांचों का कोई अंत नहीं है, बशर्ते हम उन्हें खुली आँखों से खोजें.

एक विश्वविद्यालय मानवतावाद, सहिष्णुता, तर्क, विचारों के साहसिक कार्य और सत्य की खोज के लिए खड़ा होता है.

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प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू

सफलता अक्सर उन्हीं को मिलती है जो कार्य करने का साहस करते हैं। यह शायद ही कभी डरपोक लोगों को मिलती है, जो परिणामों से डरते हैं.

केवल एक ही चीज़ है जो हमारे पास बची है, जिसे छीना नहीं जा सकता: साहस और सम्मान के साथ कार्य करना और उन आदर्शों पर कायम रहना जिन्होंने जीवन को अर्थ दिया है.

प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का पार्थिव शरीर

समय को बीते हुए वर्षों से नहीं मापा जाता है, बल्कि उन चीजों से मापा जाता है जो आप करते हैं, महसूस करते हैं या हासिल करते हैं.

किसी महान उद्देश्य में निष्ठावान और कुशल कार्य, भले ही उसे तुरंत मान्यता न मिले, अंततः फल देता है.

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Last Updated :Nov 14, 2023, 1:04 PM IST
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