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Rajasthan : देश तेजी से बदल रहा है, हमें भी वक्त के साथ बदलना चाहिए- CJI चंद्रचूड़

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 14, 2023, 11:06 PM IST

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को राजस्थान हाईकोर्ट के प्लैटिनम जुबली समारोह में भाग लिया. उन्होंने कहा कि देश में आ रहे बदलाव के साथ ही हमें भी समय के साथ बदलना चाहिए.

Platinum Jubilee function of Rajasthan High Court
Platinum Jubilee function of Rajasthan High Court

जयपुर. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश बहुत तेजी से बदल रहा है और तकनीक का व्यापक स्तर पर उपयोग हो रहा है. ऐसे में न्यायपालिका को भी वक्त के साथ बदलना चाहिए. हमें नई तकनीक के इस्तेमाल को लेकर हिचक नहीं होनी चाहिए. सीजे चंद्रचूड़ शनिवार को राजस्थान हाईकोर्ट के प्लैटिनम जुबली समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वीसी के जरिए एक जगह बैठा हुआ वकील देश की किसी भी अदालत में पैरवी कर सकता है. आज लिफ्टमैन, ड्राइवर की संतान सीए, कंप्यूटर इंजीनियर और चिकित्सक हैं. यह भारत के बदलाव का नया चेहरा है. उन्होंने आरटीआई कानून के लिए किए गए आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि इसके कारण ही पारदर्शिता का कानून लागू हो पाया है.

न्यायपालिका में आए बदलाव को बतायाः उन्होंने प्रदेश की न्यायपालिका में कोविड के दौरान आए बदलाव का हवाला देते हुए कहा कि इस दौरान राजस्थान हाईकोर्ट ने वीसी के जरिए देशभर में ज्यादा केसों की सुनवाई की. उन्होंने राजस्थान के जिला न्यायालयों में महिला न्यायिक अधिकारियों की संख्या में बढ़ोतरी की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश के 1344 न्यायिक अफसरों में से 562 महिला न्यायिक अफसर हैं. इसके अलावा वर्ष 2021 की न्यायिक अफसर भर्ती में चयनित 120 न्यायिक अफसरों में से 71 महिलाएं हैं. हालांकि, उन्होंने हाईकोर्ट में वकील कोटे से केवल दो महिला जजों की नियुक्ति होने पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि वकालत के पेशे में महिलाओं को भी प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ट्रायल कोर्ट को अधीनस्थ अदालत कहने के बजाए जिला न्यायालय कहना चाहिए. उन्होंने जोधपुर मुख्यपीठ व जयपुर पीठ में वीसी के जरिए एक ही केस की सुनवाई दो जजों की ओर से एक साथ करने की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह तकनीक के उपयोग का अच्छा उदाहरण है.

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पेपर लेस कोर्ट व टेलीग्राम चैनल लॉन्च : समारोह के दौरान सीजेआई ने हाईकोर्ट और जयपुर की कमर्शियल कोर्ट को पेपर लेस करने की लॉन्चिंग की. इसके अलावा वकीलों व पक्षकारों को सूचनाएं मुहैया कराने के लिए टेलीग्राम चैनल भी लॉन्च किया गया. वहीं, प्लैटिनम जुबली सेलिब्रेशन के लिए लोगो एंड मोटो भी लॉन्च किया गया. इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट ने कहा कि यह प्रदेश दुनिया के 133 देशों से बड़ा है. यहां कि अपनी समस्याएं हैं. यहां कुल 353 कोर्ट कॉम्पलेक्स हैं, जिनमें संसाधनों की पहुंच बनाना कठिन हैं. इसके बावजूद भी यहां शानदार काम हो रहा है. उन्होंने सांगानेर खुली जेल की तरह अन्य राज्यों में भी खुली जेल खोले जाने की आवश्यकता की बात कही.

न्यायपालिका का भारतीयकरण हो रहाः सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि 75 साल की उम्र में व्यक्ति अपने अनुभव नई पीढ़ी से साझा करता है. हाईकोर्ट भी अब इस उम्र में आ गया है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मित्थल ने कहा कि यह वह प्रदेश है, जहां चेतक के रूप में घोड़े की स्वामिभक्ति की पूजा की जाती है. आज न्यायपालिका का भारतीयकरण किया जा रहा है. दिसंबर माह तक सुप्रीम कोर्ट के 35 हजार फैसलों का भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा. वहीं भारतीयकरण के तहत सुप्रीम कोर्ट में न्याय की देवी की साड़ी में प्रतिमा दर्शाई गई है, जिसके हाथ में तलवार और तराजू न होकर संविधान की पुस्तक को दिखाया गया है. जरूरत है कि इसके साथ ही गीता की पुस्तक भी दिखाई जाए. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि जयपुर में हाईकोर्ट की स्थापना को लेकर जोधपुर के वकीलों का माह के अंतिम दिन न्यायिक बहिष्कार करना उचित नहीं है.

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