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डेढ़ साल के बेटे ने पिता को दी मुखाग्नि, मां ने कहा- 'अन्हार करके चल गइले बेटा'

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Published : Dec 17, 2022, 10:22 PM IST

छपरा में जहरीली शराब ने कईयों की दुनिया तबाह कर दी. लोगों का दर्द देख पत्थर दिल कलेजा भी पसीज जाए. एक डेढ़ साल के मासूम ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. उस मासूम को पता भी नहीं की अब उसके सर से उसके पिता का साया उठ चुका है. मां को डेढ़ साल के शिशु के भविष्य की चिंता सता रही है. (painful story of victims of Chhapra liquor case)

victim of chapra Etv Bharat
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देखें छपरा के लोगों ने क्या कहा

छपरा: बिहार के छपरा में जहरीली शराब ने किसी के सर से पिता का साया छीन लिया तो किसी को विधवा बना दिया तो कहीं घर का इकलौता चिराग बुझ गया. सारण जिले का सबसे ज्यादा शराब प्रभावित गांव बहरौली मशरख है. यहां लगातार नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है. इसी भीड़ में एक महिला अपने दूध मुंहे बच्चे को गोद में लेकर बदहवाश खड़ी नजर आयी. इस महिला का नाम गुड़िया देवी है. गुड़िया के पति सूरज सहाय अब इस दुनिया में नहीं रहे. जहरीली शराब ने गुड़िया की जिंदगी के रंग और बच्चे की खुशियां सबकुछ छीन ली है. (Chapra Hooch Tragedy) (Bihar Hooth Tragedy)

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डेढ़ साल के बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि: जब इस मां से पूछा गया कि क्या हुआ? तो वो खुद की नजरों में कई सवाल लिए सभी को देख रही थी. मानो पूछ रही हो कि अब मेरे बेटे और मेरा क्या होगा? घर में कमाने वाला सिर्फ सूरज था अब बेटे को अकेले कैसे पालेगी? ये तो सिर्फ गुड़िया और उसके डेढ़ साल के बेटे की दर्द भरी दास्तां है लेकिन छपरा के मशरख और ईसुआपुर में ऐसे कई घर हैं जहां सिर्फ आंसुओं के सिवाय आपको कुछ नहीं मिलेगा. शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब से मौत पूरे सिस्टम पर कई सवाल उठाता है.

"मेरा नाम गुड़िया देवी है. पति का नाम सूरज सहाय था. मेरा डेढ़ साल का बेटा है."- गुड़िया देवी, मृतक की पत्नी

वहीं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी मशरख गांव पहुंचे और परिजनों से बात की. इस दौरान एक बेटे ने कहा कि मेरे पिता चल बसे हैं. बुधवार को तबीयत खराब होने के बाद उन्हें मशरख ले गए. मशरख से छपरा रेफर किया गया तो छपरा गए. फिर छपरा से पटना रेफर कर दिया गया. पटना ले जाने के दौरान रास्ते में ही पिता ने दम तोड़ दिया.

"मेरे पिता बाहर जाने वाले थे लेकिन जहरीली शराब पीने से उनकी मौत हो गई. पटना रेफर किया गया था लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया."- मृतक के परिजन

"मेरे घर का इकलौता चिराग बुझ गया है. दुनिया में और कोई नहीं है. एक ही बेटा शैलेंद्र था. तबीयत बिगड़ने पर आस-पड़ोस को मदद के लिए बुलाया था. उसकी एक साल की बेटी है. घर का दीया बुझाकर मेरा बेटा चला गया."- रमावती, मृतक की मां

जहरीली शराब पीने से मचा मौत का तांडवः गौरतलब है कि सारण में जहरीली शराब पीने से मौत का तांडव मचा हुआ है. यहां हर रोज जहरीली शराब से सेवन करने वाले लोगों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. अबतक 75 लोगों की मौत पिछले तीन दिनों में हो चुकी है. वहीं शराब से मौत मामले को लेकर सूबे की सियासत भी गरमायी हुई है. विधानसभा में इस मामले को लेकर जमकर हंगामा मचा हुआ है. बता दें कि, इतनी जल्दी इस तरह के आदेश जारी करने किए पीछे का मुख्य कारण सारण जिले के मशरक थाने में जब्त करके रखे गये स्पिरिट के गायब होने और इसी स्पिरिट से शराब बनने का आरोप है. हालांकि, इस गंभीर आरोप की जांच अभी जारी है, लेकिन इसे एक बड़ा पॉइंट मानते हुए मद्य निषेध विभाग ने भविष्य के लिए ये बड़ा कदम उठाया है कि थानों में रखे स्पिरिट नष्ट किये जाएंगे.


67 लोगों के मौत की पुष्टि: इस मामले में एसपी ने 72 घंटे के अंदर 213 लोगों के पकड़े जाने की बात कही है. इनमें से कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस आरोपी गुड्डू पांडे और अनिल सिंह को भी गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. ऐसी आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. बीमार लोगों का इलाज छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में चल रहा है. जहरीली शराब पीने से अब तक 25 लोगों की आखों की रोशनी भी चली गई है. अधिकारिक तौर पर अब तक 67 मौतों की पुष्टि की गई है. वहीं, इस मामले में थानेदार और चौकीदार पर गाज गिरी है. एसपी संतोष कुमार (SP Santosh Kumar) ने दोनों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. SDPO का ट्रांसफर किया गया है. मढ़ौरा डीएसपी पर भी तबादले की तलवार लटकी है.

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