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Cg assembly winter session: पहले दिन आरक्षण के मुद्दे पर सदन में हुआ हंगामा, जल जीवन मिशन का मुद्दा भी गूंजा

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Published : Jan 2, 2023, 9:30 PM IST

Uproar in chhattisgarh assembly on reservation
छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र

छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. Uproar in chhattisgarh assembly on reservation प्रश्नकाल के बाद आरक्षण के मुद्दे को लेकर भी पक्ष विपक्ष में तीखी नोंक झोंक हुई. शोर शराबे और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित भी की गई. reservation bill 2022 इसके बाद भी जब हंगामा जारी रहा, तो सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई. House adjourned till tomorrow

रायपुर: सत्र के पहले दिन भानूप्रतापपुर विधानसभा से नवनिर्वाचित विधायक सावित्री मंडावी को शपथ दिलाई गई.Uproar in chhattisgarh assembly on reservation इसके बाद मंगलराम उसेंडी अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य के निधन का उल्लेख सदन में किया गया. reservation bill 2022 उसेंडी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने के बाद सदन 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की गई थी

मंगलवार को नया जुआ एक्ट विधेयक पेश किया जाएगा: विधानसभा में अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई. reservation bill 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेताप्रतिपक्ष नारायण चंदेल और संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे सहित समिति के सदस्य बैठक में उपस्थित थे. House adjourned till tomorrow समिति ने 6 दिनों के सत्र की कार्रवाई तय की. इसके मुताबिक सदन में दो विधेयक पेश किए जाएंगे. इनमें पहला सट्टा-जुआ निरोधक कानून, और दूसरा अनियमित निर्माण नियमितीकरण संशोधन विधेयक पर चर्चा 4 जनवरी को होने की संभावना है. Raipur latest news उसी बीच शाम को विधानसभा परिसर में उत्कृष्ठ विधायक सम्मान समारोह का आयोजन भी होगा. इसमें मुख्य अतिथि राज्यपाल अनुसुईया उइके होंगी.


हंगामे के बीच कल तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित: प्रश्नकाल खत्म होने के बाद कांग्रेस सदस्य मोहन मरकाम ने आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर न होने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि "छत्तीसगढ़ के पवित्र सदन से विधेयक पारित किया गया था और राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया. लेकिन 32 दिन हो गए राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं." उन्होंने कहा कि "आरक्षण विधेयक को मंजूरी नहीं मिल पाने की वजह से नियुक्तियां अटकी है." विपक्षी सदस्यों ने उनके इस बयान का प्रतिवाद किया. इस दौरान दोनों पक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई. शोर-शराबे की वजह से सदन की कार्रवाई पहले 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. कार्रवाई दोबारा शुरू हुई, तो पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भर्ती नहीं होने पाने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच नोंक-झोंक जारी रही. विधानसभा अध्यक्ष की बार-बार अपील के बाद भी सदस्य शांत नहीं हुए, तो सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा, इसके बाद कार्रवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी गई.



सीमेंट फैक्ट्री में पेड़ न लगाए जाने का मामला गूंजा: विधायक कुलदीप जुनेजा ने सीमेंट फैक्ट्रियों के द्वारा ग्रीन बेल्ट की स्थापना और पेड़-पौधों के सूख जाने को लेकर सवाल उठाया. जुनेजा ने न्यूवोको, अल्ट्राटेक न्यू विस्टा, अंबुजा, इमामी सीमेंट संयंत्रों के ग्रीन बेल्ट का क्षेत्र और उसमें लगाए गए वृक्षों की जानकारी मांगी. जिस पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि "सभी फैक्ट्रियों ने आवंटित जगहों पर वृक्ष लगाने की जानकारी दी है. आवंटित जमीन पर एक तिहाई से अधिक वृक्ष लगाए गए हैं." जुनेजा ने बताया कि "वृक्ष नहीं लगाए गए हैं और ज्यादातर जगह पर वृक्ष मर गए हैं. इसकी विधायकों की समिति से जांच करायी जानी चाहिए. विपक्ष की ओर से अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल ने भी जुनेजा का साथ दिया.

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विधायकों की समिति सीमेंट फैक्ट्री में पेड़ नहीं लगाने की जांच करेगी: अग्रवाल ने कहा कि "सीमेंट संयंत्रों के प्रदूषण से राजधानी भी प्रदूषित हो रही है. खेती बर्बाद हो गई है. सदन समिति से जांच करा लें. क्या मंत्री पुन: वृक्ष लगाने निर्देशित करेंगे. जिसके बाद अध्यक्ष महंत ने कहा कि "जांच करा सकते हैं, क्योंकि एक तिहाई ही पेड़ लगाए गए हैं,फिर ये ठूंठ है या पेड़. भौतिक सत्यापन तो करा ही सकते हैं." जिसके बाद मंत्री अकबर ने विभागीय स्तर पर सत्यापन कराने की घोषणा की. विधायकों की समिति से जांच की मांग को लेकर सदन में हंगामा हुआ था.


जल जीवन मिशन में घोटाले को लेकर हंगामा: प्रश्नकाल शुरु होते ही जल जीवन मिशन का मुद्दा उठाया गया. विधायक डॉ कृष्णमूर्ति बांधी ने जल जीवन मिशन का मुद्दा उठाया. इस दौरान बांधी ने जल जीवन मिशन के टेंडर संबंधित सवाल पूछा. जिस पर मंत्री रुद्र कुमार के जवाब पर असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए टेंडर और संशोधन के मामलों में सवाल खड़ा किया. अपने सवाल में डॉ कृष्णमूर्ति बांधी ने पूछा "क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री यह बतायेंगे कि बिलासपुर जिले में 15 जुलाई 2022 से दिनांक 07 दिसम्बर 2022 तक जनजीवन मिशन के तहत कितने टेंडर निकले और किसने टेंडरों के लिए रिटेंडर या संशोधित किया गया ?" उन्होंने पूछा कि "संशोधित टेंडर के लिए कितनी समय-सीमा निर्धारित की गयी थी? ऑनलाइन फाइन रिटेंडर के लिए क्या समय-सीमा निर्धारित की गई."

भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया: जवाब में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने बताया कि "बिलासपुर जिले में 15 जुलाई 2022 से दिनांक 07 दिसम्बर 2022 एक जल जीवन मिशन के तहत कुल 201 टेंडर निकाले गये. इनमें से 80 टेंडर- रिटेंडर तथा 15 टैंडरों के समय-सीमा में संशोधन किया गया." इस दौरान भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि ये 100 करोड़ के घोटाले का मामला है, इसकी समिति बनाकर जांच होनी चाहिए. इस दौरान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया.



छत्तीसगढ़ पर साढ़े 83 हजार करोड़ से अधिक का कर्जा: छत्तीसगढ़ सरकार पर साढ़े 83 हजार करोड़ से अधिक का कर्जा है. यह जानकारी सीएम भूपेश बघेल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी. भाजपा सदस्य डॉ कृष्ण मूर्ति बांधी के सवाल के लिखित जवाब में सीएम बघेल ने कहा कि "जनवरी 2021 से नवंबर 2022 तक सरकार द्वारा कुल 20 हजार 876 करोड़ ऋण लिया गया है. कुल मिलाकर 8858 करोड़ ऋण पटाया गया है. नवंबर 2022 की स्थिति में 83752 करोड़ ऋण राज्य पर है."

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