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केंद्र ने ओडिशा के मुख्य सचिव से एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा, जानिए क्या है वजह

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Published : Jun 29, 2023, 4:49 PM IST

IAS officer VK Pandian
आईएएस अधिकारी वीके पांडियन

केंद्र सरकार ने ओडिशा के मुख्य सचिव को आईएएस अधिकारी वीके पांडियन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है. इसके बाद से राज्य में राजनीतिक सरगर्मी में तेजी आ गई है. वहीं बीजद और भाजपा के बीच सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हो गया है. पढ़िए पूरी खबर...

भुवनेश्वर: केंद्र ने ओडिशा के मुख्य सचिव को आचरण नियमों के कथित उल्लंघन के लिए एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहे जाने के बाद से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में 24 जून, 2023 को लोकसभा सांसद अपराजिता सारंगी और ओडिशा भाजपा प्रमुख मनमोहन सामल द्वारा एक शिकायत दर्ज कराए जाने का हवाला दिया गया है.

बता दें कि 5टी सचिव वीके पांडियन ने कई स्थानों का दौरा करने के साथ ही विकास योजनाओं की घोषणा की थी. इसको लेकर वह विपक्षी नेताओं के निशाने पर आ गए थे. दूसरी तरफ बीजेडी ने सीएम नवीन पटनायक का ऑडियो क्लिप दिखाकर इसका मुकाबल करने की कोशिश की है. इतना ही नहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बारगाह जिले के बारपाली में एक जनसभा को ऑडियो संदेश के जरिये संबोधित करते हुए कहा था कि वे अपनी शिकायतें उनके निजी सचिव वी के पांडियन को बता सकते हैं.

इस ऑडियो क्लिप की प्रमाणिकता को लेकर राज्य कांग्रेस ने भी सवाल उठाए हैं. 5टी सचिव पर विपक्ष के कटाक्ष का जवाब देते हुए बीजद नेता प्रसन्ना आचार्य ने कहा कि यह सत्ता का हस्तांतरण नहीं है, बल्कि जिम्मेदारियां सौंपना है. प्रशासन का प्रमुख होने के नाते मुख्यमंत्री लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपते हैं. केंद्र का पत्र एक सामान्य प्रक्रिया है. डीओपीटी के पत्र के बाद भाजपा सांसद सारंगी ने भी राज्य सरकार पर तंज कसा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'सरकार ने ओडिशा में एक अधिकारी द्वारा सेवा आचरण नियम के उल्लंघन का संज्ञान लिया है. उल्लंघन के स्पष्ट सबूतों के आधार पर, डीओपीटी ने मुख्य सचिव से कार्रवाई करने को कहा है क्योंकि राज्य कैडर नियंत्रण प्राधिकरण है. आशा है कि कानून को अपना काम करने दिया जाएगा.'

Center wrote a letter to the state government
केंद्र ने राज्य सरकार लिखा पत्र

राज्य सरकार की कार्रवाई के बारे में सारंगी ने कहा, 'मुख्य सचिव एक बहुत वरिष्ठ नौकरशाह और एक कुशल अधिकारी हैं. मुझे यकीन है कि दोषी अधिकारी के खिलाफ मेरे द्वारा उपलब्ध कराए गए सभी सबूतों पर विचार करने के बाद वह उचित कार्रवाई करेंगे.' वहीं वीके पांडियन पर सांसद सारंगी के हमलों के बाद बीजद ने सांसद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनके निर्वाचन क्षेत्र के बारे में सवाल पूछने के लिए के प्रेस कांफ्रेंस बुलाई.

इस अवसर पर बीजद प्रवक्ता श्रीमयी मिश्रा ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि भुवनेश्वर में इस्कॉन मंदिर के सामने से बारिश के पानी की निकासी के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. इस पर बीजेपी ने भी पलटवाकर करते हुए कहा कि बीजेडी अपराजिता सारंगी से डरती है, इसीलिए जब वह शहर में नहीं हैं तो वे उनसे सवाल पूछ रहे हैं. इसी क्रम में भुवनेश्वर जिला भाजपा अध्यक्ष बाबू सिंह ने कहा कि सारंगी अपने राजनीतिक विरोधियों के सवालों का जवाब देते समय कभी भी उसे टालती नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बीजद को इस पर तब सवाल उठान चाहिए था जब वह शहर में थी न कि तब जब किसी अन्य कार्य पर विदेश में थीं. भाजपा नेता ने कहा कि मुझे लगता है बीजद प्रवक्ता उनसे डरते है, इसीलिए जब वह यहां नहीं तो उन पर सवाल उठा रहे हैं. इस बीच, कांग्रेस की राज्य इकाई ने भी मंगलवार को राज्य के एक सेवारत अधिकारी 5टी सचिव वीके पांडियन द्वारा अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों के घोर उल्लंघन का आरोप लगाते हुए केंद्र का रुख किया. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को लिखे पत्र में वरिष्ठ कांग्रेस नेता बिजय पटनायक ने अधिकारी के खिलाफ जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है.

5टी सचिव वीके पांडियन के खिलाफ भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता सारंगी और ओडिशा भाजपा प्रमुख मनमोहन सामल द्वारा केंद्र में दर्ज कराई गई शिकायत और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के बाद के पत्र में ओडिशा सरकार से गलती करने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है. इससे 2024 के आम चुनाव से पहले राज्य की राजनीति गर्म हो गई है. राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर अटकलें तेज हैं कि अगर पांडियन के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई तो मुख्यमंत्री नवीन पटनायक किस तरह का कदम उठाएंगे. यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि राज्य और केंद्र दोनों अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम के अनुसार एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं. हालांकि, यह देखना बाकी है कि क्या 5T सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है. पांडियन पर राज्य में जन प्रतिनिधियों को दरकिनार कर सार्वजनिक बैठकें आयोजित करने और रियायतों की घोषणा करने का आरोप लगाया गया है.

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