नई दिल्ली : केयर्न एनर्जी और एयर इंडिया ने संयुक्त रूप से न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत से ब्रिटिश कंपनी द्वारा अमेरिका में दायर मुकदमे में आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने की अपील की है. इस मुकदमे में भारत सरकार के खिलाफ 1.2 अरब डॉलर के मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को लागू करने के लिए एयरलाइन की संपत्ति जब्त करने की अपील की गयी है.
पीटीआई-भाषा ने अदालती दस्तावेजों को देखा है. इनके अनुसार यह कदम सरकार द्वारा देश में पिछली तारीख से कराधान को समाप्त करने के लिए एक कानून बनाने के बाद उठाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप केयर्न पर 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग वापस ले ली जाएगी.
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 2012 के पिछली तिथि से कर लगाने संबंधी कानून के तहत केयर्न एनर्जी पर 10,247 करोड़ रुपये का कर लगाया था.
ब्रिटिश ऊर्जा कंपनी ने फैसले को सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण में चुनौती दी जिसने पिछले साल दिसंबर में सरकार के कदम को गलत करार दिया और उसे कंपनी को पूरी राशि लौटाने का आदेश दिया.
भारत के इस राशि का भुगतान न करने पर कंपनी ने अमेरिकी अदालतों का रुख किया.
लेकिन भारत की संसद ने पिछले महीने एक संशोधित कानून पारित कर 2012 के पूर्व तिथि से कर लगाने संबंधी कानून के प्रावधान को निरस्त कर दिया. इस कानून के तहत सरकार को 50 साल पुराने मामले में भी कर लगाने का अधिकार दिया गया था.
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साथ ही सरकार केयर्न से जब्त किए गए 7,900 करोड़ रुपये लौटाने पर भी सहमत हो गयी है.
केयर्न ने संकेत दिया कि ब्याज और जुर्माने के बगैर किया जाने वाला रिफंड उसे मंजूर है. इस तरह से दोनों पक्षों के बीच सात साल से जारी विवाद का हल निकलता दिख रहा है.
केयर्न और एयर इंडिया ने 13 सितंबर को अमेरिकी जिला न्यायाधीश पॉल गार्डेफे से एक संयुक्त अनुरोध में कहा कि कार्यवाही पर रोक से उन्हें पिछली तारीख से कर को निरस्त करने वाले कानून के "प्रभावों और निहितार्थों का मूल्यांकन करने के लिए अतिरिक्त समय" मिलेगा. 7,900 करोड़ रुपये के रिफंड के बदले में केयर्न वे मुकदमे वापस ले लेगी जिनमें अदालत के आदेश पर विदेशों में स्थित भारत सरकार की संपत्तियों को जब्त करने की धमकी दी गयी थी.
केयर्न के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) साइमन थॉमसन ने इस महीने की शुरुआत में पीटीआई-भाषा से कहा था कि कंपनी को पिछली तारीख से कर मांग के प्रवर्तन के तहत जब्त राशि को लौटाने के बदले भारत सरकार के खिलाफ सभी मुकद्दमे वापस लेने की पेशकश मंजूर है.
(पीटीआई-भाषा)