BSF के अधिकार क्षेत्र में विस्तार से पंजाब सरकार नाराज, केंद्र से फैसला वापस लेने की मांग, शिअद का प्रदर्शन

author img

By

Published : Oct 13, 2021, 10:46 PM IST

Updated : Oct 14, 2021, 10:34 PM IST

सरकार

सीमा सुरक्षा बल (BSF) को अब पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के क्षेत्र में तलाशी लेने जब्ती करने और गिरफ्तार करने का अधिकार दे दिया गया है. वहीं पंजाब सरकार ने बीएसएफ को यह अधिकार देने के केंद्र के कथित कदम पर आपत्ति जताते हुए इसे 'संघवाद पर हमला' करार दिया. वहीं बीएसएफ को लेकर केन्द्र के फैसले के खिलाफ शिअद ने प्रदर्शन किया. इस दौरान पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को हिरासत में लिया गया.

नई दिल्ली/चंडीगढ़ : केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) कानून में संशोधन कर इसे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है. वहीं पंजाब सरकार ने बीएसएफ को यह अधिकार देने के केंद्र के कथित कदम पर बुधवार को कड़ी आपत्ति जताई और इसे 'संघवाद पर हमला' करार दिया. वहीं बीएसएफ को लेकर केन्द्र के फैसले के खिलाफ शिअद ने प्रदर्शन किया. इस दौरान पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को हिरासत में लिया गया.

वहीं, पाकिस्तान की सीमा से लगते गुजरात के क्षेत्रों में यह दायरा 80 किलोमीटर से घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है तथा राजस्थान में 50 किलोमीटर तक की क्षेत्र सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में 11 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की.

बीएसएफ ने एक बयान में कहा, 'इससे सीमा पार से होने वाले और गुजरात, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल तथा असम में 50 किलोमीटर के दायरे तक अपराधों पर अंकुश लगाने में बल की अभियानगत क्षमता में वृद्धि होगी.'

ये भी पढ़ें - उत्तराखंड : भारत-यूके के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास 'अजेय वॉरियर', रण कौशल साझा कर रहे हैं जवान

इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अधिसूचना सीमा सुरक्षा बल को पासपोर्ट अधिनियम, विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम, केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, विदेशी अधिनियम, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम या किसी अन्य केंद्रीय अधिनियम के तहत दंडनीय किसी भी संज्ञेय अपराध की रोकथाम के लिए तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की शक्ति प्रदान करेगी.

बीएसएफ अधिनियम में नया संशोधन बल को किसी भी ऐसे व्यक्ति को पकड़ने का अधिकार प्रदान करेगा जिसने इन कानूनों के तहत अपराध किया होगा. सीमा सुरक्षा बल मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय तथा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 'पूरे क्षेत्र' में इन शक्तियों का प्रयोग करना जारी रखेंगे.

इसी क्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए ट्वीट किया, 'मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ 50 किमी के क्षेत्र में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जो संघवाद पर सीधा हमला है. मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस असंगत निर्णय को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं.'

हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस कदम के समर्थन में कहा, 'बीएसएफ की बढ़ी हुई उपस्थिति और शक्तियां ही हमें मजबूत बनाएगी. आइए केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में न घसीटें.' उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी इस फैसले की निंदा की और केंद्र से इसे वापस लेने का आग्रह किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से इस कदम को वापस लेने का आग्रह करता हूं. मुझे समझ में नहीं आता कि सरकार के दिमाग में क्या है, लेकिन यह हस्तक्षेप और हमारे अधिकारों पर हमला है.'

ये भी पढ़ें - 115 दिन बाद खुला पिथौरागढ़ की दारमा घाटी बॉर्डर रोड

रंधावा ने कहा कि सीमा पार से आने वाले ड्रोन के मुद्दे के समाधान के बजाय, केंद्र ने बीएसएफ को सीमा के अंदर 50 किलोमीटर की दूरी तक कार्रवाई करने की अनुमति देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि केंद्र को हमारी राष्ट्रीयता पर संदेह है. मैं कहना चाहता हूं कि पंजाबी देशभक्त हैं और देश से प्यार करते हैं.' बाद में, एक बयान में, रंधावा ने बीएसएफ अधिनियम की धारा 139 में हालिया संशोधन के लिए केंद्र पर बरसते हुये कहा कि यह 'संघवाद पर हमले' के समान है.

उन्होंने कहा कि राज्यों से परामर्श किए बिना या उनकी सहमति प्राप्त किए बिना बीएसएफ अधिकारियों को पुलिस अधिकारियों की शक्तियां प्रदान करके केंद्र सरकार संविधान के संघीय ढांचे को ध्वस्त करने का प्रयास कर रही है.

वहीं पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ बृहस्पतिवार को यहां शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के विरोध प्रदर्शन के दौरान पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल समेत कुछ नेताओं को पुलिस ने उस समय थोड़ी देर के लिए हिरासत में ले लिया, जब उन्होंने राज्यपाल के आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

शिअद ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बादल और राजभवन के बाहर हुए प्रदर्शन में शामिल कुछ पार्टी समर्थकों के साथ मारपीट और धक्का-मुक्की की. पुलिस ने कहा कि शिअद नेताओं और समर्थकों को उस समय कुछ देर के लिए हिरासत में लिया गया, जब वे गवर्नर हाउस की ओर मार्च कर रहे थे.

Last Updated :Oct 14, 2021, 10:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.