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गुजरात और हिमाचल में 'सत्ता में वापसी' के मिथक तोड़ने को नारा बनाएगी भाजपा

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Published : Apr 12, 2022, 9:42 AM IST

Updated : Apr 12, 2022, 12:45 PM IST

bjp president jp nadda
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा

भारतीय जनता पार्टी के आलोचक और प्रशंसक दोनों ही मानते हैं कि पार्टी हमेशा चुनावी मोड में रहती है. हालांकि, भाजपा के पदाधिकारी इससे इनकार करते हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कहते हैं कि हमारे वरिष्ठ नेता चुनाव देखकर कार्यक्रम नहीं बनाते बल्कि वह पूरे 5 साल तक क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं. लेकिन एक सच यह भी है कि भारतीय जनता पार्टी ने इस साल के अंत में होने वाले हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. एक ओर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा (bjp president jp nadda) हिमाचल के दौरे पर हैं तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister Narendra Mod) गुजरात के कई दौरे कर चुके हैं. इन प्रदेशों के लिए भारतीय जनता पार्टी का क्या होगा गेम प्लान आइए जानते हैं ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में.....

नई दिल्ली : हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय है. गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister Narendra Mod) और गृह मंत्री अमित शाह का गृह क्षेत्र है, तो वहीं, हिमाचल, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का. हिमाचल प्रदेश में चुनाव अभियान की अनौपचारिक शुरुआत जेपी नड्डा (bjp president jp nadda) ने अपने तीन दिवसीय दौरे के साथ कर दी है. वहीं, अगले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ही राज्यों में कई दौरे करने वाले हैं. हिमाचल प्रदेश में जेपी नड्डा ने पार्टी की राज्य कोर कमेटी के साथ मुलाकात की. सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव की तैयारी के लिए उत्साहित भी किया.

जेपी नड्डा ने अपने दौरे के दौरान विश्वास जताया कि 4 राज्यों में भाजपा की जीत के बाद हिमाचल और गुजरात में भी दोबारा चुनकर सत्ता में आएगी. शनिवार को शिमला में राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ रोड शो के बाद उन्होंने कहा कि चार राज्यों में जीत के बाद अब हिमाचल और गुजरात की बारी है. गौरतलब है कि आने वाले दिनों में जिन राज्यों में चुनाव है उनमें तीन गुजरात, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भाजपा सत्ता में है. गुजरात और हिमाचल में साल 2022 के अंत तक तो वहीं कर्नाटक में 2023 में चुनाव होने वाले हैं. पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, भाजपा इस बार सत्ता में बदलने के चुनावी मिथक को तोड़ने की अपनी काबिलियत को चुनावी नारों में बदलेगी. खास तौर से जिस तरह से पार्टी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में चुनाव जीत कर, सत्ताधारी पार्टी के दोबारा सत्ता में नहीं आने के मिथक को तोड़ा है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी इसे भी मतदाताओं पर मनोवैज्ञानिक असर डालने के लिए इस्तेमाल करेगी.

पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में चुनावी सरगर्मी जारी, बीजेपी के सामने दोबारा सरकार बनाने की चुनौती

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी और हमारे वरिष्ठ नेता चुनाव देखकर कार्यक्रम नहीं बनाते. बल्कि वह पूरे 5 साल तक राज्यों में सक्रिय रहते हैं. चुनाव हो या नहीं हो विकास कार्यों की समीक्षा के लिए समय-समय पर पार्टी के वरिष्ठ नेता क्षेत्र का दौरा करते हैं. उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में विकास और लोक कल्याणकारी कार्य हो रहे हैं. जनता को उसका लाभ मिल रहा है. पहले की सरकार में घोषणाएं तो बहुत होती थी. लेकिन वह मात्र कागजों पर ही रह जाती थीं. आज लाभार्थियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. उन्हें मोदी जी की सरकार में विश्वास है. महंगाई के सवाल पर श्री गौतम का कहना है कि जनता जानती है कि डीजल पेट्रोल और गैस की कीमतों में बढ़ोतरी क्यों हुई है. यूक्रेन और रूस की लड़ाई चल रही है. जिसकी वजह से इनकी कीमतें बढ़ी हैं. सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि इस पर भी नियंत्रण किया जा सके. उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भाजपा की जीत पक्की है.

Last Updated :Apr 12, 2022, 12:45 PM IST
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