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चेन्नई की बाढ़ पर छिड़ी जुबानी जंग: मंत्री उदयनिधि स्टालिन बोले- 'भाजपा का नौ साल का शासन आपदा'

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 23, 2023, 7:53 PM IST

Udhayanidhi stalin slams BJP
मंत्री उदयनिधि स्टालिन

Udhayanidhi stalin slams BJP : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में आई बाढ़ को आपदा मानने से इनकार कर दिया है. इसके बाद से जुबानी जंग छिड़ गई है. मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने निशाना साधा है. Udhayanidhi stalin on BJP nine and half years rule.

चेन्नई: तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. स्टालिन ने कहा कि 'मैं केंद्रीय वित्त मंत्री जी से पुनः कहता हूं, मैं अपने लिए नहीं मांग रहा हूं. मैं इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि लोगों को बड़ी विपत्ति का सामना करना पड़ा है. लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री ने इसे आपदा मानने से इनकार कर दिया.'

उदयनिधि ने कहा कि 'भाजपा का नौ साल का शासन आपदा था. तमिलनाडु के लोगों को केंद्रीय वित्त मंत्री का तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में बाढ़ को आपदा मानने से इनकार करने का एहसास होना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि 'बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का निरीक्षण करने पहुंची केंद्रीय समिति ने बाढ़ के दौरान राज्य सरकार की गतिविधियों और कार्यों की सराहना की, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री की सोच राजनीतिक है. इसे ध्यान में रखते हुए मैं पुनः आपसे आदरपूर्वक धनराशि देने का अनुरोध करता हूं. तो मैंने अशिष्टता से क्या कहा? क्या पिता एक बुरा शब्द है? माननीय केंद्रीय वित्त मंत्री के माननीय पिता जी, आप जैसे भी चाहें मैं माननीय पिता जी कहने के लिए तैयार हूं.' उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई और दक्षिणी जिलों में बाढ़ को रोकने के लिए आवश्यक एहतियाती कदम उठाए हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री की इस आलोचना पर कि 'मौसम विभाग द्वारा सही जानकारी देने के बावजूद तमिलनाडु सरकार उचित कार्रवाई करने में विफल रही है' पर भी उदयनिधि ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 'मैं इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहता. मैं यह नहीं कहना चाहता कि यह मेरी या आपकी गलती है. हम सब मैदान में थे. वित्त, योजना, मानव संसाधन प्रबंधन, पेंशन और पेंशन लाभ, सांख्यिकी और पुरातत्व मंत्री थंगम थेनारासु ने तमिलनाडु सरकार पर लगे सभी आरोपों का स्पष्ट जवाब दिया है.'

'शब्दों पर नियंत्रण रखें': इससे पहले शुक्रवार को निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 'निर्वाचित अधिकारी उस सम्मान के पात्र हैं जो उन्हें मिलना चाहिए... वह एक ऐसे व्यक्ति (दिवंगत द्रमुक एम करुणानिधि का जिक्र करते हुए) के पोते हैं जो अपने साहित्यिक कौशल के लिए जाने जाते थे. जब कोई व्यक्ति किसी महत्वपूर्ण पद पर हो तो उसे अपने मुख से निकलने वाले शब्दों पर नियंत्रण रखना चाहिए. मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है लेकिन उन्हें यह एहसास होना चाहिए कि राजनीति में 'पिता की संपत्ति' आदि के बारे में बात करने के लिए कोई जगह नहीं है.'

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