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कर्नाटक हारने के बाद 'करेक्शन' मोड में भाजपा, केंद्रीय मंत्रिमंडल का हो सकता है विस्तार

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Published : May 31, 2023, 7:22 PM IST

कर्नाटक विधानसभा चुनाव हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब आगे लोकसभा चुनाव पर पूरी तरह से कमर कस चुकी है. पार्टी की नजर उन राज्यों के चुनावों पर भी है जहां विधानसभा चुनाव होने हैं. पार्टी के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ-साथ तेलंगाना भी काफी महत्वपूर्ण है. पार्टी ने केंद्र में अपनी सरकार के 9 साल को गरीब कल्याण वर्ष बताना शुरू किया है, साथ ही ये भी बता रही है कि चूंकि 2014 से पहले के दस साल पॉलिसी पैरालिसिस के थे, इसलिए उनके ये 9 साल की उपलब्धि है. मगर अब भाजपा को यह मालूम है कि इनके भरोसे ही 24 का रण नहीं जीता जा सकता. सूत्रों की माने तो चुनावी वर्ष में पार्टी केंद्र के मंत्रिमंडल में भी 10 जून से पहले फेरबदल कर सकती है. फेरबदल में चुनावी राज्यों के नेताओं को भी प्रमुखता दी जा सकती है जिन राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

Bharatiya Janata Party
भारतीय जनता पार्टी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के अजमेर से रैली करके बीजेपी के महासंपर्क अभियान की शुरुआत राजस्थान से कर दी है. देखा जाए तो पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव का लक्ष्य रखते हुए कुल 51 महा रैली का आयोजन किया जाना है, जिनमें 500 से अधिक आम सभा होगी. लेकिन पार्टी को पता है कि चुनावी लड़ाई में रैलियां भी तभी काम आएंगी, जब उसमें हिस्सा लेने वाले कार्यकर्ता और राज्य के स्थानीय नेता जोश में होंगे. वहीं सूत्रों कि माने तो सरकार 10 जून से पहले कैबिनेट में फेरबदल भी कर सकती है. इस फेरबदल में कई बातों का ध्यान रखा जाएगा जिनमें सबसे ज्यादा अहमियत उन राज्यों को दी जाएगी जिनमें विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसके अलावा पार्टी उन राज्यों के नेताओं को भी कैबिनेट में जगह दिलवा सकती है जिनमें लोकसभा या विधानसभा में सीटें कम आई हैं. यहां पर पार्टी को अपनी पैठ बढ़ानी है साथ ही जिन क्षेत्रों में पार्टी ने ज्यादा काम किया है और उसे उम्मीद है की उन राज्यों में पार्टी की सीटें बढ़ सकती है.

वहीं पार्टी कर्नाटक विधानसभा के परिणाम को ध्यान में रखते हुए राज्यों में भी खासतौर पर उन राज्यों में जहां पर विधानसभा के चुनाव होने हैं, पार्टी वहां पर जनाधार और जाति विशेष उम्मीदवारों पर ज्यादा ध्यान देगी. यही नहीं इसके अलावा पार्टी महाजनसंपर्क अभियान की भी शुरुआत कर रही है. इसी के तहत पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह,पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जैसे पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता इस महा जनसंपर्क रैली में हिस्सा लेंगे. यही नहीं इसमें 600 से अधिक जगह पर प्रेस कांफ्रेंस का भी आयोजन किया जाएगा.

अभियान के क्रम में पार्टी के शीर्ष नेता भी पांच लाख विशिष्ठ लोगों से मिलेंगे. साथ ही जन संपर्क कर उनसे समर्थन मांगा जाएगा और तमाम कार्यक्रमों की रिपोर्ट पार्टी को सौंपी जाएगी ताकि पार्टी भूल सुधार कर सके. इन कार्यक्रमों में लोकसभा, विधान सभा और बूथ स्तर पर पार्टी के नेता कार्यक्रम में शामिल होंगे. बता दें कि 543 लोकसभा को 144 क्लस्टर में बांटा गया है. इसमें 8 दिन हर क्लस्टर में नेताओं की दो टोली रहेगी, उसमें केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी सहित कुल 288 बड़े नेता 144 क्लस्टरों पर और 4000 से अधिक विधानसभा में जनसंपर्क करेंगे.

इसके अलावा हर लोकसभा में नेता एक हजार विशिष्ट लोगों से मिलेंगे. इन कार्यक्रमों के लिए देशभर के 16 लाख बीजेपी कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाएगा. हालांकि पार्टी के नेता मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. मगर जहां तक राजस्थान या लोकसभा चुनाव की बात है भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ का कहना है कि हमारी पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है और हर दिन लाखों लाख कार्यकर्ता हमारी पार्टी से जुड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसीलिए हम यह महा जनसंपर्क कार्यक्रम चला रहे हैं जिसकी शुरुआत खुद प्रधानमंत्री ने की है. उन्होंने कहा कि चुनाव की बात है तो हर साल चुनाव आते हैं, मगर भारतीय जनता पार्टी लगातार लोगों के लिए काम करती रही है और हमेशा करती रहेगी चाहे हम यह कार्यक्रम चलाएं या ना चलाएं. चुघ ने कहा कि मगर 2024 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही दोबारा सरकार बनना लगभग तय है क्योंकि वह देश के एक लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं और जनाधार उनके साथ है.

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