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जम्मू-कश्मीर : मुबारक मंडी और शेरगढ़ी परिसर के संरक्षण को मुखर हुए लोग

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Published : Oct 13, 2020, 5:11 PM IST

घाटी में विरासत को संरक्षित करने के लिए इंटक के पूर्व अध्यक्ष एचएसके मिश्रा, पूर्व उप विधान परिषद सदस्य एमवाई टैंग और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अमिताभ मट्टू सहित 122 हस्तियों ने मंगलवार को जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को याचिका दी और शहरीकरण और सांस्कृतिक परिसंपत्तियों के प्रति चिंता जाहिर की.

Jammu and Kashmir
जम्मू और कश्मीर

जम्मू : मुबारक मंडी पैलेस में काम की धीमी गति और श्रीनगर के शेरगढ़ी परिसर में कुछ सरकारी कार्यालयों को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर 120 से अधिक प्रसिद्ध हस्तियों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से संपर्क किया है. पूर्व महानिदेशक पर्यटन (जेएंडके) और राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के अध्यक्ष एम सलीम बेग ने कहा कि जम्मू और श्रीनगर में दो संरक्षित स्मारकों के संरक्षण के लिए सरकार से संपर्क करने के लिए दोनों क्षेत्रों के लोगों ने हाथ मिलाया है.

सांस्कृतिक स्मारकों पर कम ध्यान देने से हुई हानि

उपराज्यपाल को दी याचिका में इंटक के पूर्व अध्यक्ष एचएसके मिश्रा, पूर्व उप विधान परिषद सदस्य एमवाई टैंग और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अमिताभ मट्टू सहित 122 हस्तियों ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के विरासत को बढ़ावा देना और उसकी रक्षा करना प्रशासन का कर्तव्य और संवैधानिक दायित्व है. याचिका में कहा गया है कि शहरीकरण और सांस्कृतिक स्मारकों के प्रति कम ध्यान देने के कारण कई महत्वपूर्ण स्थानों की हानि हुई है, जिनमें जम्मू के मुबारक मंडी और श्रीनगर के शेरगढ़ी पैलेस शामिल हैं.

स्मारकों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्य को ध्यान में रखते हुए और निर्वाचित प्रतिनिधियों और लोगों की लगातार मांग पर तत्कालीन राज्य सरकार ने इन परिसरों को 2010 में जम्मू और कश्मीर के प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम के तहत राज्य संरक्षित स्मारक के रूप में अधिसूचित किया था.

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