ETV Bharat / bharat

देश के 130 करोड़ लोगों का कोवैक्सीन टीकाकरण एक चुनौती : भारत बायोटेक

author img

By

Published : Nov 16, 2020, 10:10 PM IST

Updated : Nov 17, 2020, 12:37 PM IST

भारत बायोटेक के कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण शुरू हो गया है, लेकिन भारत बायोटेक ने सोमवार को देश के सभी लोगों तक इसकी पहुंच स्थापित करने को लेकर सवाल उठाए हैं. भारत बायोटेक ने कोरोना से निजात दिलाने के लिए 130 करोड़ लोगों का टीकाकरण किए जाने को एक चुनौती करार दिया है.

कोवैक्सीन
कोवैक्सीन

हैदराबाद : भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्सीन के मानव अंगों पर परीक्षण भले ही अपने तीसरे चरण में प्रवेश कर रही हो, लेकिन भारत बायोटेक ने सोमवार को देश के सभी लोगों तक इसकी पहुंच स्थापित करने को लेकर सवाल उठाए हैं.

भारत बायोटेक ने कोरोना से निजात दिलाने के लिए 130 करोड़ लोगों का टीकाकरण किए जाने को एक चुनौती करार दिया है. भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने कहा कि कंपनी की बायो-सेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल-3) सुविधा वर्तमान में सीमित क्षमता की है, लेकिन अगले साल तक इसकी 100 करोड़ की खुराक तक पहुंचने की उम्मीद है.

उन्होंने कहा कि हमने कोवैक्सीन के लिए आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के साथ भागीदारी की है और जैसा कि हम बोलते हैं, हम तीसरे चरण के परीक्षणों में प्रवेश कर रहे हैं, लेकिन मैं खुश नहीं हूं, क्योंकि यह इंजेक्शन के लिए है साथ दो-खुराक वाली वैक्सीन है. अगर हमें दो डोज की वैक्सीन का 130 करोड़ आबादी को टिका लगाना है, तो हमें 260 करोड़ सिरिंज की जरूरत होगी.

एला ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) द्वारा आयोजित डेक्सोन संवाद को संबोधित करते हुए यह बात कही.

एला ने कहा कि हम एक और वैक्सीन पर काम कर रहे हैं. यह नाक के जरिए हो दी जाने वाली ड्रॉप के रूप में होगा. मुझे लगता है कि अगले साल तक हम यह वैक्सीन एक अरब आबादी को उपलब्ध कराएंगे.

हैदराबाद-मुख्यालय वाले वैक्सीन निर्माता ने सितंबर में घोषणा की थी कि वह वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ सेंट लुइस, मिसौरी में एक एकल-खुराक वैक्सीन की एक अरब खुराक बनाने में सहयोग कर रहा है.

उन्होंने कहा कि यह चुनौती है कि 130 करोड़ आबादी का टीकाकरण कैसे किया जाए. दोनों देशों में छह अरब (600 करोड़) लोगों को टीका लगाया जाना है, लेकिन अवसर यह है कि यदि उनमें से 20 प्रतिशत का टीकाकरण भी हो गया है, तो मैं समझूंगा कि एक वैज्ञानिक के रूप में मैंने अपना काम किया है.

यह भी पढ़ें- भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' में मिलाई जाएगी यह दवा, बढ़ेगी प्रतिरोधक क्षमता

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटीटी), हैदराबाद के प्रोफेसर एम.विद्यासागर, जो कोविड-19 भारतीय राष्ट्रीय सुपरमॉडल कमेटी के अध्यक्ष भी हैं ने कहा कि चुनौती यह है कि क्या उत्तर भारत में ठंड का मौसम विशेष रूप से इस महामारी को बढ़ाता है और क्या हम इसका अनुमान लगा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे अन्य देशों की तुलना में महामारी को नियंत्रित करने में अधिक सफलता मिली है, जिनकी मृत्युदर भारत की तुलना में सात से आठ गुना अधिक है.

Last Updated : Nov 17, 2020, 12:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.