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कोरोना से जंग : आयुर्वेदिक उपायों से बढ़ाएं अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता

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Published : Apr 17, 2020, 8:25 PM IST

देश इस वक्त कोरोना से जंग में जुटा हुआ है. कहा जा रहा है कि कोरोना से बचाव में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ - साथ व्यक्ति के रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी अहम रोल है. इसी को लेकर आयुष विभाग ने कुछ गाइडलाइन जारी किए है. पढ़िए खबर और जानिए आयुर्वेद कैसे बचा सकता है आपको कोरोना से...

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प्रतीकात्मक चित्र

चंडीगढ़ः लॉकडाउन 2.0 की घोषणा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को कोरोना से बचाव के लिए सात मंत्र दिए थे. जिनमें एक मंत्र आयुष विभाग की गाइडलाइंस को मानने का भी था. आयुर्वेद कोरोना जैसी महामारी से कैसे सुरक्षित रख सकता है और आयुष विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस और आयुर्वेद के उपायों की जानकारी के लिए ईटीवी भारत की टीम ने पंचकूला के जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉक्टर दिलीप मिश्रा से बातचीत की.

इस दौरान डॉक्टर दिलीप मिश्रा ने दावा किया कि आयुर्वेद अपने आप में एक अमृत है जो कि कोरोना रूपी विष को दूर रखने में उपयुक्त है. दिलीप मिश्रा ने अपनी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करने के लिए कई उपाय बताया.

आयुर्वेदिक उपायों से बढ़ाएं अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता

रोज इस्तेमाल में आने वाली चीजें बढ़ाएंगी इम्युनिटी

  • आयुर्वेद विशारद आचार्य चरक के अनुसार मूंग दाल, सेंधा नमक, शहद और आंवले का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए.
  • रोजाना मूंग की दाल का सूप बनाकर उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर शाम के समय उसका सेवन करें.
  • आंवले का इस्तेमाल किसी भी रूप में किया जा सकता है. जैसे चूर्ण के तौर पर या आंवला खाकर, ग्रीन टी के तौर पर भी आंवले का सेवन सुबह के समय कर सकते हैं.

एलर्जी के मरीजों के लिए इलाज

  • मौसम बदलने के साथ एलर्जी से पीड़ित रहने वाले लोगों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता रहती है.
  • मौसम परिवर्तन में अकसर खांसी और जुखाम के मरीजों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खास ध्यान रखना चाहिए.
  • एलर्जी के मरीज सुबह-शाम काली मिर्च के 3 दानों को मिश्री के साथ चबाएं, बच्चों को 1 काली मिर्च और मिश्री के कुछ दाने दें.
  • पुदीने को गर्म पानी में उबालकर उसके भाप को सुबह-शाम लेना चाहिए, इससे पूरी तरह से बचाव होगा.

गले संबंधी समस्या से बचाव के उपाय

  • कोरोना के लक्षणों में गला अधिक प्रभावित होता है.
  • गले के विशुद्धि चक्र को ठीक करने के लिए सुबह - शाम योगा करनी चाहिए, जिसमें प्राणायाम में आलोम - विलोम और सूर्य नमस्कार के सभी आसन करने चाहिए.
  • इसके साथ - साथ आंवले और मुलेठी का सेवन करना चाहिए, मुलेठी का सेवन कम गर्म पानी के साथ करना चाहिए.
  • ठंडा पानी ना पिएं, इसकी जगह गर्म पानी पिएं.

आयुष विभाग की गाइडलाइन

कोरोना के कहर को देखते हुए आयुष विभाग ने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए गाइडलाइन जारी किया है.

  • सुबह-शाम च्यवनप्राश खाएं.
  • दालचीनी, तुलसी के पत्ते, सोंठ, काली मिर्च और मुनक्का को मिलाकर काढ़ा बनाए और पिएं.

काढ़ा बनाने की विधि

  • 5 से 6 तुलसी के पत्ते, 3 से 4 काली मिर्च, थोड़ी सी दालचीनी, पीसी हुई एक चौथाई चम्मच सोंठ और चार से पांच मुन्नका को 2 ग्लास पानी मे उबालकर लें. इसके बन जाने पर नींबू का रस भी डाल लें.
  • गोल्डन मिल्क का सेवन करें. इसके लिए एक गिलास दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी डालकर उसे पिएं. रात को दूध पीने वाले परिवारों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए.

अमृता गिलोय

  • अमृता गिलोय का सेवन करना चाहिए. गिलोय की बट्टीयां आयुष विभाग की ओर से बांटी जा रही है.
  • गिलोय का संबंध रामायण काल समय से है. कहा जाता है कि भगवान राम की सेना में युद्ध के दौरान मारे गए कुछ वानरों को जीवित करने के लिए इंद्रदेव ने अमृत की वर्षा की थी. इस दौरान जहां-जहां अमृत गिरा वहां अमृता गिलोय पैदा हुआ.

आयुष विभाग की तरफ से आयुष डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ का कोरोना वॉरियर्स के तौर पर इस्तेमाल भी किया जा रहा है. आयुष विभाग की तरफ से जिले के 1-1 डॉक्टर को ट्रेनिंग भी दी गई. आयुष किस तरह से लोगों की इम्युनिटी पावर बढ़ाकर इस समय में मदद कर सकता है, इसकी ट्रेनिंग भी सभी को दी गई है. ऐसे में लोगों का रुझान आयुर्वेद की तरफ बढ़ने लगा है और बाजारों में आयुर्वेदिक दवाइयों की मांग बढ़ने लगी है.

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