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भारत-बांग्लादेश सीमा के जीरो प्वाइंट तक रेल इंजन का ट्रायल

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Published : Oct 9, 2020, 3:17 PM IST

भारत-बांग्लादेश सीमा के डांगापाड़ा बीओपी के अंतर्गत हल्दीबाड़ी से बांग्लादेश सीमा के जीरो प्वाइंट तक हुआ सफल ट्रॉयल. अगले 15 दिन में बांग्लादेश भी ट्रॉयल कर सकता है. 1965 में बंद होने के बाद अगले साल मार्च से रेल संचालन शुरू होने की संभावना जताई जा रही है.

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रेल इंजन का ट्रायल

जलपाईगुड़ी (पश्चिचम बंगाल) : भारत-बांग्लादेश दोनों देशों के लोग एक ऐसे ऐतिहासिक पल के गवाह बने जिन्होंने दो देशों की दूरियों को कम करते इस रेल मार्ग से रेल इंजन को दौड़ते देखा. बीते गुरुवार भारत-बांग्लादेश सीमा के डांगापाड़ा बीओपी के अंतर्गत भारत के हल्दीबाड़ी से भारत-बांग्लादेश सीमा के जीरो प्वाइंट तक ट्रेन का ट्रॉयल किया गया. जलपाईगुड़ी से चिल्हाटी (बांग्लादेश) तक भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय रेल मार्ग जो कि हल्दीबाड़ी से होकर गुजरता है, 55 साल बाद फिर से शुरू होने के लिए तैयार है.

भारत-बांग्लादेश की सीमा पर लगे कंटीले तारों को काटकर ही रेल पटरी बिछाई गई है. भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण इस मार्ग से भारत-बांग्लादेश ट्रेन सेवा 1965 में निलंबित कर दी गई थी. बाद में बांग्लादेश को अपनी स्वतंत्रता मिल गई, लेकिन इतने सालों बाद भी ट्रेनों की सेवा शुरू नहीं हुई है. जिसके बाद अब जाकर इस रेल मार्ग से रेल इंजन दौड़ा. इस मार्ग पर अब जाकर एक लोको इंजन का आवागमन हुआ. सीमा के दोनों ओर के लोग अब इस रुकी ट्रेन कनेक्टिविटी की फिर से सेवा लेने को लेकर उत्साहित हैं.

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लोगों ने किया इंजन का स्वागत

ट्रॉयल इंजन का स्वागत
गुरुवार को लगभग 11.45 बजे लोको इंजन ने भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किया. सीमा के दूसरी तरफ के लोगों ने गर्मजोशी के साथ इंजन का स्वागत किया. इंजन ने डांगापारा की सीमा चौकी से बांग्लादेश बॉर्डर के शून्य बिंदु तक यात्रा की. चीफ इंजीनियर (कंस्ट्रक्शन) जेपी सिंह, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने इस सफर को शुरू किया और झंडी दिखाकर रवाना किया. सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश भी कुछ दिनों के भीतर एक ट्रॉयल कर सकता है.

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भारत-बांग्लादेश सीमा के जीरो प्वाइंट तक ट्रेन का ट्रॉयल

हल्दीबाड़ी चिल्हाटी रेल मार्ग संपर्क योजना
भारत-बांग्लादेश परिक्षेत्रों की सफल अदला-बदली के बाद से दोनों देश हल्दीबाड़ी चिल्हाटी रेल मार्ग संपर्क योजना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे. हल्दीबाड़ी स्टेशन को आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ पुनर्निर्मित किया गया था. भारतीय रेलवे ने 3.34 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को सफलतापूर्वक लगाया. इसी तरह बांग्लादेश के चिल्हाटी रेलवे स्टेशन को भी आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ बदल दिया गया है और 6.728 किलोमीटर लंबे मार्ग पर एक नया रेलवे ट्रैक स्थापित किया गया है. बाद में हल्दीबाड़ी और चिल्हाटी से दोनों लाइनें एक साथ जुड़ी.

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2017 से बंद रास्ते अब खुले
नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के मुख्य अभियंता (कंस्ट्रक्शन) जेपी सिंह ने कहा कि मैं इस पहल से काफी खुश हूं. दोनों देशों के लोग इस रेल मार्ग को चाहते हैं. उनका सपना अब साकार होने जा रहा है. हालांकि 2017 में काम शुरू हो गया था, जो बाद में कुछ समय के लिए बंद हो गया था. अब अगर बांग्लादेश सफलतापूर्वक ट्रेन चलाता है, तो दोनों फिट प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे.

भारत और बांग्लादेश की रेलवे कनेक्टिविटी के लिए बांग्लादेश रेल के प्रोजेक्ट मैनेजर मो. अब्दुल रहीम भी काफी उत्साहित हैं.

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