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सोनिया बोलीं- मोदी सरकार ने मनरेगा को बदनाम करने का किया प्रयास

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Published : Jun 9, 2020, 12:31 AM IST

Updated : Jun 9, 2020, 12:26 PM IST

sonia gandhi
सोनिया गांधी मनरेगा

कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने भाजपा सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि भाजपा सरकार ने मनरेगा को बदमान करने की कोशिश की है. मोदी सरकार ने इसे कमतर आंका, लेकिन आखिरकार उन्हें इस योजना पर भरोसा करना ही पड़ा. दूसरी तरफ राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि यूपीए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों के लिए कम से कम 100 दिन के काम की गारंटी के साथ मनरेगा योजना लेकर आई थी, लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इसका भी बेड़ा गर्क कर दिया.

नई दिल्ली : कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने यह दावा करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है कि वर्ष 2005 के बाद होने वाली सबसे अच्छी चीज में मनरेगा शामिल था, जिसके तहत पैसा सीधे गरीबों को दिया गया. यूपीए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों को 100 दिन तक काम का आश्वासन देते हुए ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शुरू की थी. मोदी सरकार में आज ग्रामीण भारत रोजगारहीनता और अराजकता के दौर से गुजर रहा है.

सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा को बदनाम करने की कोशिश की. केंद्र सरकार ने इसे कमतर आंका, लेकिन आखिरकार इस योजना पर भरोसा करना ही पड़ा. सोनिया गांधी ने कहा कि मनरेगा की अधिसूचना वर्ष 2005 में संसद के एक अधिनियम के रूप में आई थी. उन्होंने कहा कि राजस्थान मनरेगा का बेहतरीन उदाहरण है, जहां 11 लाख से अधिक श्रमिकों को पहले ही रोजगार प्रदान किया जा चुका है. कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को लेकर हमला बोला है.

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सोनिया गांधी ने कहा कि अगर निराश मजदूर व कामगार विभिन्न शहरों से समूहों में अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं, तो मनरेगा की जरूरत व महत्व पहले से कहीं और ज्यादा है. उन्होंने कहा कि मनरेगा की उपयोगिता बार-बार साबित हुई है क्योंकि यूपीए सरकार के दौरान इसमें निरंतर सुधार व बढ़ोतरी हुई. यह पूरी दुनिया में गरीबी उन्मूलन के एक मॉडल के रूप में प्रसिद्ध हो गया.

सोनिया गांधी ने कहा कि यह वक्त भाजपा बनाम कांग्रेस का नहीं. आपके पास एक शक्तिशाली तंत्र है, कृपया इसका उपयोग कर आपदा के इस वक्त भारत के नागरिकों की मदद कीजिए. पहले से ही चल रहे अभूतपूर्व आर्थिक संकट व मंदी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था ने सरकार को आभास दिलाया कि पिछली यूपीए सरकार के फ्लैगशिप ग्रामीण राहत कार्यक्रमों को दोबारा शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. चाहे देर ही सही वित्तमंत्री द्वारा हाल में ही मनरेगा का बजट बढ़ाने की घोषणा ने इस बात को साबित कर दिया है.

दूसरी ओर राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि पिछले तीन माह में दुनियाभर में कोरोना वायरस के प्रसार के बीच देशभर में लाखों श्रमिकों के लिए मनरेगा एक उद्धारकर्ता के रूप में सामने आया है.

उन्होंने कहा कि मजदूरों का शहरों से गांवों में व्यापक प्रवास हुआ है. जब ग्रामीण भारत उच्च उम्मीदों के वजन के नीचे दब रहा है, तब मनरेगा गांवों के लिए आय का एकमात्र स्रोत है. पायलट ने कहा कि यूपीए सरकार ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के लिए कम से कम 100 दिन के काम की गारंटी के साथ मनरेगा योजना लेकर आई थी, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इसका भी बेड़ा गर्क कर दिया. अब कांग्रेस मोदी सरकार से मनरेगा के कार्यदिवसों को बढ़ाकर 200 दिन करने के लिए कह रही है. बिहार चुनाव से पहले अभूतपूर्व संकट से निबटने के लिए केंद्र के पास कोई विकल्प नहीं है.

Last Updated :Jun 9, 2020, 12:26 PM IST
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