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सुप्रीम कोर्ट ने दी अभिनेत्री जीनत अमान के पति को समर्पण नहीं करने की छूट

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Published : Dec 30, 2020, 10:38 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेत्री जीनत अमान के साथ कानूनी विवाद में उलझे उनके पति सरफराज जफर अहसन को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने सरफराज को अगले आदेश तक जेल अधिकारियों के समक्ष समर्पण नहीं करने की छूट प्रदान की है. जीनत अमान ने अपने पति अहसन के खिलाफ दो अलग-अलग प्राथमिक दर्ज कराई थी. पढ़ें पूरी खबर.

सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बॉलीवुड अभिनेत्री जीनत अमान के साथ कानूनी विवाद में उलझे उनके पति सरफराज जफर अहसन को बुधवार को बड़ी राहत दी. उन्हें अगले आदेश तक जेल अधिकारियों के समक्ष समर्पण नहीं करने की छूट प्रदान की है. सरफराज ने जीनत अमान के साथ हुए समझौते की शर्त के अनुसार 31 दिसंबर तक 60 लाख रुपये की किस्त का भुगतान नहीं किया है.

बंबई उच्च न्यायालय ने 21 दिसंबर को अहसन को आदेश दिया था कि जीनत अमान के साथ 1.2 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए हुए समझौते की एक किस्त के रूप में 60 लाख रुपये की साल के अंत तक अदायगी करे या फिर अगली तारीख एक जनवरी तक के लिये वापस जेल जाएं.

रियल इस्टेट कारोबारी अहसन का 2012 में जीनत अमान से विवाह हुआ था. मुंबई पुलिस ने अहसन को 2018 में जीनत से कथित रूप से बलात्कार करने और धोखाधड़ी करने सहित कई आरोपों में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.

करीब दो साल तक जेल में रहने वाले अहसन को उच्च न्यायालय ने सशर्त जमानत दी थी और उन्हें जीतन अमान को 17 महीने के दौरान 12.26 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था. अहसन को 1.2 करोड़ रुपये की पहली किस्त की आधी रकम 60 लाख रुपये का उसे 31 दिसंबर तक भुगतान करना था.

न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ने अहसन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद की इस दलील का संज्ञान लिया कि कोविड-19 महामारी की वजह से रियल इस्टेट के कारोबार में आई मंदी और दूसरे कारणों से वह इसका भुगतान नहीं कर सका है.

पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'प्रतिवादियों (महाराष्ट्र सरकार और जीनत अमान) को नोटिस जारी किया जाए, जिसका जवाब बुधवार 13 जनवरी, 2021 तक दिया जाए. हालांकि, याचिकाकर्ता के समर्पण करने की अवधि दो सप्ताह या इस न्यायालय के अगले आदेश तक के लिए बढ़ाई जाती है.'

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पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अहसन की अपील पर जीतन अमान और राज्य सरकार को नोटिस जारी किए हैं.

अधिवक्ता सुमित टेटरवाल के माध्यम से दायर अपील में अहसन ने कहा है कि वह पहले ही एक फर्जी शिकायत के कारण करीब दो साल तक 2018 से 2020 तक जेल में बंद रहा है. याचिकाकर्ता के खाते 2016 से जब्त हैं. कोविड-19 महामारी की वजह से लाकडाउन के कारण मंदी तथा अपनी मां के निधन और खुद अपने गिरते स्वास्थ्य जैसी समस्याओं के कारण वह धन का बंदोबस्त नहीं कर सका. अपील में यह भी कहा गया है कि उसकी एक सर्जरी जनवरी, 2021 को होने वाली है.

जीनत अमान ने अपने पति अहसन के खिलाफ दो अलग-अलग प्राथमिक दर्ज करायी थी. अहसन को जुहू थाने में शील भंग करने और धमकाने जैसे आरोपों में दर्ज प्राथमिकी के संबंध में एक फरवरी, 2018 को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में उसे जमानत मिल गई थी.

अहसन के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी 22 मार्च, 2018 को दर्ज कराई गई थी. इसमें अहसन पर बलात्कार करने और धोखाधड़ी करने जैसे आरोप लगाए गए थे. इस मामले में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने उसे 22 मार्च, 2018 को ही गिरफ्तार कर लिया गया था और इसके बाद से ही वह सशर्त जमानत पर रिहा होने तक जेल में बंद था.

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