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राजस्थान में टिड्डियों के हमले से बर्बाद हुई सात अरब की रबी फसल, अन्नदाता मायूस

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Published : Feb 7, 2020, 1:10 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 12:43 PM IST

जालोर में टिड्डियों के हमले ने किसानों की कमर तोड़ दी है. टिड्डियों के हमले में अब तक लगभग सात अरब की बर्बाद हो चुकी है.अन्नदाता को मुआवजे के नाम पर भी मायूसी हाथ लगी है. किसान सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

locust attack in jalore
डिजाइन फोटो

जयपुर : अंतराष्ट्रीय सीमा पार से आई टिड्डी ने राजस्थान जालोर जिले में जमकर कहर बरपाया है. दिसंबर और जनवरी में आई टिड्डी ने करीब सात अरब रुपए की फसल को पूरी तरह चौपट कर दिया. अब किसानों को सरकार की तरफ से राहत के लिए राशि दी जा रही है, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है.

जिले के अधिकांश किसानों की फसले टिड्डी हमले से बर्बाद हो चुकी हैं. पहली बार 13 दिसंबर को टिड्डियों के दल ने खेतों पर हमला किया था. कई बार टिड्डियों का दल पहुंचा और रबी की पूरी फसल चट कर गया. किसान आज खून के आंसू रोने को मजबूर हैं. मुआवजा तो मिला है, लेकिन वो भी बहुत कम है. किसानों का कहना है कि पूरी रबी की फसल नष्ट हो गई है.

फसल बर्बाद, अन्नदाता मायूस

टिड्डियों ने बर्बाद कर दी करीब सात अरब की रबी की फसल
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक टिड्डी ने जिले में करीब सात अरब रुपए की रबी की फसल को चौपट कर दिया, जिसमें सबसे ज्यादा जीरे की फसल को नुकसान पहुंचा है.

यह भी पढ़ें. Special : पंचायत चुनाव से पहले दूर की पानी की समस्या...ग्रामीणों ने बना दिया सरपंच

जिले में जीरे की बुवाई 93 हजार हेक्टेयर में हुई थी, जिसमें से 31 हजार हेक्टेयर में जीरे की फसल नष्ट हो गई है. इसकी अनुमानित लागत दो अरब रुपए बताई जा रही है. इसके अलावा एक अरब का इसबगोल, एक अरब के गेंहू, 1.25 अरब की सरसों और करीब 90 करोड़ से ज्यादा रुपये की अरंडी की फसल को टिड्डी ने चट कर दिया. इससे किसानों की माली हालत बड़ा झटका लगा है.

locust attack in jalore
खेत पर टिड्डियों का हमला

10 पंचायत समितियों में नुकसान, 2 में सबसे ज्यादा नुकसान
टिड्डियों ने जिले के सांचौर, चितलवाना, सरनाऊ, रानीवाड़ा, भीनमाल, बागोड़ा, सायला, जालोर, आहोर और जसवंतपुरा पंचायत समिति के गांवों में रबी की फसल पर चार बार हमला किया और पूरी फसल नष्ट कर दी. इस बार टिड्डियों ने जीरे, इसबगोल, तारामीरा, अरंडी, गेंहू, सरसों सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है.

बाजार में भाव रहेंगे तेज
टिड्डियों ने रबी की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया. स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इस बार जीरे सहित अन्य फसलों के उत्पादन प्रभावित हुआ है. इसके कारण अंतराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में इन फसलों के भाव बढ़े रहने की संभावना है.

'ऊंट के मुंह में जीरे के समान है मुआवजा'
टिड्डियों से फसल को हुए नुकसान के बाद किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने मुआवजा देना शुरू किया है, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. वर्तमान में सरकार प्रति हेक्टेयर 13 हजार 500 रुपए मुआवजा दे रही है. एक किसान को मात्र दो हेक्टेयर का 27 हजार ही मुआवजा दिया जा रहा है.

किसानों का कहना है, कि सरकार की ओर से जो मुआवजा दिया जा रहा है, वो खरीफ की फसल के हिसाब से दिया जा रहा है. जबकि नुकसान रबी की फसल में हुआ है. रबी की फसल काफी महंगी होती है. जिसके कारण मुआवजा भी उसी हिसाब से दिया जाना चाहिए. जिसके कारण किसान ज्यादा मुआवजा मांग रहे हैं.

Intro:अंतराष्ट्रीय सीमा पार से आई टिड्डी ने जालोर जिले में जमकर कहर बरपाया है। जिले में दिसम्बर व जनवरी में आई टिडडी ने करीबन 7 अरब रुपये की फसल को पूरी तरह चौपट कर दिया। अब किसानों को सरकार की तरफ से राहत के लिए राशि दी जा रही है, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।


Body:टिड्डियों ने जालोर में बर्बाद कर दी करीबन 7अरब की रबी की फसल
जालोर
जिले में इस बार टिड्डियों के झुंड ने किसानों के खेतों में खड़ी रबी की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। जिसके बाद अब राज्य सरकार किसानों को राहत देने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह राहत ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। जिसके कारण किसान परेशान हो रहे है। इस बार रबी की सीजन में पहली बार 13 दिसम्बर को टिड्डियों का बड़े झुंड ने बाड़मेर जिले से बेड़िया गांव से जालोर जिले की सीमा में प्रवेश किया था। उसके बाद कई बार टिड्डियों के बड़े बड़े झुंड ने जालोर जिले के किसानों के खेतों में धावा बोला और रबी की पूरी फसल को बर्बाद कर दिया। अब किसान आज खून के आंसू रोने को मजबूर है। कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक टिडडी ने जालोर जिले में करीबन 7 अरब रुपये की रबी की फसल को चौपट कर दिया। जिसमें सबसे ज्यादा जीरे की फसल को नुकसान पहुंचा है। जिले में जीरे की बुवाई 93 हजार हेक्टेयर में हुई थी। जिसमें से 31 हजार हेक्टेयर में जीरे की फसल नष्ट हो गई है। जिसमें अनुमानित लागत 2 अरब रुपये का जीरा नष्ट हो गया। इसके अलावा 1 अरब का इसबगोल, 1 अरब के गेंहू, 1.25 अरब की सरसों व करीबन 90 करोड़ से ज्यादा रुपये की अरंडी की फसल को टिड्डी ने चट कर दिया। जिससे किसानों की माली हालत पूरी तरह से गड़बड़ा गई है।
10 पंचायत समितियो में हुआ नुकसान, 2 में सबसे ज्यादा नुकसान
टिड्डियों ने जिले सांचोर, चितलवाना, सरनाऊ, रानीवाड़ा, भीनमाल, बागोड़ा, सायला, जालोर, आहोर व जसवंतपुरा पंचायत समिति के गांवों में अलग अलग दिनों में टिड्डियों ने रबी करीबन 4 बार धावा बोलेकर रबी की फसल को नुकसान पहुंचाया।
इन फसलों में हुआ नुकसान
जिले में इस बार टिड्डियों ने जीरे,इसबगोल, तारामीरा, अरंडी, गेंहू, सरसों सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया।
अंतराष्ट्रीय बाजार में भाव रहेंगे तेज
इस बार जिले में टिड्डियो ने रबी की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया। जिसके कारण इस बार जीरे सहित अन्य फसलों के उत्पादन प्रभावित होगा। जिसके कारण अंतराष्ट्रीय व घरेलू बाजार में भाव काफी तेज रह सकते है।
सरकार को मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरे के समान है
जिले में इस बार टिड्डियों द्वारा रबी की फसल को चट करने के बाद किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने मुआवजा देना शुरू किया है, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा जो मुआवजा दिया जा रहा है वो खरीफ की फसल के हिसाब से दे रही है, जबकि नुकसान रबी की फसल में हुआ है। रबी की फसल काफी महंगी होती है। जिसके कारण मुआवजा भी उसी हिसाब से दे। वर्तमान में सरकार की ओर से प्रति हेक्टेयर 13500 रुपये दे रही है, ज्यादा से ज्यादा एक किसान को मात्र दो हेक्टेयर का 27000 ही मुआवजा दे रही है। जिसके कारण किसान ज्यादा मुआवजा मांग रहे है।

बाईट- जयकिशन बिश्नोई, किसान
बाईट- रूपाराम जाट, किसान
बाईट- रामप्रताप भींचर, किसान
बाईट- महेसा राम देवासी, किसान



Conclusion:डेस्क से स्पेशल मांगी गई है।
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बाईट- जयकिशन बिश्नोई, किसान
बाईट- रूपाराम जाट, किसान
बाईट- रामप्रताप भींचर, किसान
बाईट- महेसा राम देवासी, किसान

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बाईट- भरत भंसाली, व्यापारी
बाईट- आर बी सिंह, कृषि उप निदेशक जालोर
बाईट- महेंद्र कुमार सोनी, कलेक्टर जालोर


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बाईट- हनुमान प्रसाद भादू, प्रधान चितलवाना
बाईट- इंदिरा बिश्नोई, महिला किसान
Last Updated : Feb 29, 2020, 12:43 PM IST
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