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राम जन्मभूमि परिसर को विकसित करने की ये है योजना

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Published : Jan 23, 2021, 9:20 AM IST

राम जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर की नींव की डिजाइन फाइनल होने के साथ ही राम जन्मभूमि परिसर की 70 एकड़ भूमि को विकसित करने की योजना तैयार कर ली गई है. देशभर के इंजीनियर, वास्तुविद् डिजाइनर, आर्किटेक्ट से परिसर को विकसित करने के लिए सुझाव लिया गया है.

राम जन्मभूमि
राम जन्मभूमि

लखनऊ : अयोध्या में राम मंदिर की नींव की डिजाइन फाइनल होने के साथ ही राम जन्मभूमि परिसर की 70 एकड़ भूमि को विकसित करने की योजना तैयार है. पूरे विश्व के पर्यटकों की मंशा के अनुरूप परिसर को विकसित करने के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयारी कर ली है. ट्रस्ट ने देशभर के इंजीनियर, वास्तुविद् डिजाइनर, आर्किटेक्ट से राम मंदिर की पांच एकड़ भूमि को छोड़कर परिसर में बाकी चीजों को विकसित करने के लिए सुझाव लिया है.

इकोफ्रेंडली होगा राम जन्मभूमि परिसर
राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र का कहना है कि 70 एकड़ भूमि पर राम मंदिर इकोफ्रेंडली बनाने के लिए पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पूरे देश में अयोध्या का राम मंदिर हरियाली से परिपूर्ण होगा. इसके साथ ही यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित देश की पहली नव ग्रह नक्षत्र वाटिका भी विकसित की गई है. 70 एकड़ भूमि में बनने वाला राम मंदिर वास्तु दृष्टिकोण के साथ-साथ संस्कृति और सभ्यता के आधार पर भी विकसित किया जाएगा.

27 नक्षत्रों के 27 पेड़ लगाए गए
अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर में देश की अनोखी नक्षत्र वाटिका बनाई गई है. इसमें 27 नक्षत्रों के 27 पेड़ लगाए गए हैं. जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामदिनेशाचार्य का कहना है कि 27 नक्षत्र जीवन में होते हैं और 27 नक्षत्र के 27 पेड़ होते हैं. इनके माध्यम से अपने नक्षत्रों को संभाल सकते हैं. राम जन्मभूमि परिसर में लगे नक्षत्र वाटिका में आप अपने नक्षत्र की पूजन कर अपने हालात को भी सुधार सकते हैं.

राम मंदिर में पांच शिखर और 12 द्वार होंगे
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जो 70 एकड़ परिसर के विकास प्रारूप जारी किया है, उसमें प्रथम भाग में मुख्य मंदिर व परिसर, तीर्थक्षेत्र परिसर का विकास शामिल है. जबकि दूसरे भाग में धरोहर संवर्धन के तहत अयोध्या तीर्थ क्षेत्र, श्रद्धा केंद्र का विकास शामिल किया गया है. इसमें मंदिर के निर्माण का एरिया 57400 वर्गफीट में होगा. राम मंदिर में कुल पांच शिखर और 12 द्वार होंगे. 2.7 एकड़ में मुख्य मंदिर का निर्माण होगा, मंदिर का कुल निर्मित क्षेत्र 57400 वर्गफीट होगा. मंदिर की लंबाई 360 फीट व चौड़ाई 235 फीट व शिखर सहित ऊंचाई 161 फीट होगी. मंदिर में कुल तीन तल होंगे. प्रत्येक तल की ऊंचाई 20 फीट होगी. मंदिर के भूतल में स्तंभों की संख्या 160, प्रथम तल में स्तंभों की संख्या 132 व दूसरे तल में 74 स्तंभ रहेंगे. राम मंदिर में कुल पांच मंडप होंगे.


शिलालेखों एवं पुरावशेषों की प्रदर्शनी होगी
श्रीरामलला दर्शनमंडल प्रकल्प में जन्मभूमि से जुड़ा संग्रहालय होगा, जिसमें उत्खनन में प्राप्त शिलालेखों एवं पुरावशेषों की प्रदर्शनी होगी. श्रीरामकीर्ति में सत्संग भवन सभागार, गुरू वशिष्ठ पीठिका में वेद, पुराण, रामायण एवं संस्कृत अध्ययन-अनुसंधान का क्षेत्र होगा. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए भक्तिटीला में ध्यान- मनन निकुंज, तुलसी प्रकल्प में रामलीला केंद्र, थियेटर, रामदरबार में प्रोजेक्शन थियेटर, कौशल्या वात्सल्य मंडप में प्रदर्शनी कक्ष रहेंगे. झांकियों के परिसर में रामांगण में बहुआयामी चलचित्रशाला, आधुनिक सुविधा संपन्न पुस्तकालय, ग्रंथागार एवं वाचनालय के अलावा बलिदानी लोगों की याद में भव्य स्मारक भी होगा. तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महामंत्री चम्पत राय के अनुसार 70 एकड़ में तीर्थयात्रियों की सुविधा के विशेष इंतजाम भी होंगे जिससे उन्हें भटकना न पड़े. इसके तहत अमानती कक्ष, स्वाचलित सीढ़ियां, लिफ्ट, आपातकालीन चिकित्सा सहायता केंद्र आदि बनाए जाएंगे.

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