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रामेश्वरम : पर्यटन के भरोसे बैठे मछुआरों की हो रही दुर्दशा

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Published : Sep 30, 2020, 4:08 PM IST

Updated : Sep 30, 2020, 4:41 PM IST

तमिलनाडु के रामेश्वरम में पर्यटकों की भरमार रहती है, लेकिन इस बार दृश्य कुछ और ही है. लॉकडाउन के चलते पर्यटन स्थलों से आजीविका कमाने वाले लोगों के हाल-बेहाल हैं. इसी क्रम में रामेश्वरम के धनुषकोडि के मछुआरे भी हैं, जो सरकार से पर्यटन को दोबारा शुरू करने की गुहार लगा रहे हैं.

Locals of Dhanushkodi suffer without income as the ban on tourism continues
तमिलनाडु के रामनाथपुरम में पर्यटकों की भरमार

रामेश्वरम/चेन्नई : कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन के बाद पर्यटन ठप पड़ गया है. देश के अन्य हिस्सों की तरह ही तमिलनाडु में रामेश्वरम के धनुषकोडि में भी पर्यटन पर प्रतिबंध लगा हुआ है. यह बात सीधे तौर पर उन स्थानीय लोगों की दुर्दशा की तरफ इशारा करती है, जो अपनी आजीविका के लिए पर्यटन पर ही निर्भर हैं.

रामेश्वरम के पर्यटन पर कोरोना की मार

रामेश्वरम भारत के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है, जहां हर साल धनुषकोडि, अरिचलमुनाई और रमनधस्वामी मंदिर जैसी जगहों पर लाखों पर्यटक आते हैं. इन पर्यटकों से ही स्थानीय लोगों को आय प्राप्त होती है, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन से बहुत सारे श्रमिक अपनी आजीविका खो चुके हैं. धनुषकोडि और अरिचलमुनाई पर्यटक स्थल, जहां मार्च के बाद से लगभग 50 लाख पर्यटक आते, अब खाली है.

लॉकडाउन के कारण सीप और खाने का अन्य सामान बेचने वाले लगभग 300 श्रमिकों का जीवन परेशानियों भरा है.

तमिलनाडु सरकार ने पर्यटकों को लॉकडाउन के दौर में कुछ उचित सावधानियों के साथ एक बार घूमने की अनुमति दी है. हालांकि, धनुषकोडि की अगर बात करें, तो यहां प्रतिबंध बरकरार है. साथ ही इस पर्यटन स्थल की तरफ आने वाले पर्यटकों को पुलिस अलग-अलग चेक प्वॉइंट से वापस भेज रही है.

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इस संबंध में टिप्पणी करते हुए एक स्थानीय मछुआरे उमैयान कहते हैं कि मत्स्य पालन हमारी आय का प्रमुख स्रोत है. लॉकडाउन के दौरान बस परिवहन की अनुपलब्धता के कारण, हमें मछली के व्यापार में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और परिवहन के लिए अधिक किराया देना पड़ता है. पर्यटन के बिना हमारी आय काफी हद तक प्रभावित हुई है. हम आम तौर पर प्रति दिन हजार रुपये तक कमाते हैं, लेकिन अब हमें एक समय का भोजन भी मुश्किल से मिल पाता है.

धनुषकोडि के स्थानीय मारी ने कहा कि स्थानीय लोग अपनी आजीविका के लिए मछली पकड़ने और पर्यटन पर प्रमुख रूप से निर्भर हैं. लॉकडाउन ने हमें बहुत प्रभावित किया है, खासकर महिलाओं और मछुआरों को, जो मछली पकड़ने और पर्यटन पर भरोसा करते हैं. इसलिए, हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह धनुषकोडि में पर्यटन को लेकर स्थानीय लोगों की आजीविका की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं.

इस बारे में सरकारी अधिकारियों से पूछताछ करने पर, उन्होंने कहा कि हवाओं की उच्च तीव्रता के कारण धनुषकोडि में पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं है. कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के बाद, पर्यटकों को धनुषकोडि की यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी. सड़कों के जीर्णोद्धार के पूरा होने के बाद अरिचलमुनाई में पर्यटन फिर से शुरू होगा.

धनुषकोडि के स्थानीय लोगों का अनुरोध है कि सरकार को समुद्र और पर्यटन पर निर्भर रहने वाली अपनी आजीविका की रक्षा के लिए पर्यटन को फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए.

मारी कहते हैं कि बहुत सारे लोग महामारी के चलते मछली पकड़ने में सक्षम नहीं हैं. धनुषकोडि के लिए परिवहन भी उपलब्ध नहीं हैं. धनुषकोडि के लोगों के लिए पर्यटन आय का एक मुख्य स्रोत है. अब, मछली पकड़ने और पर्यटन दोनों प्रभावित हो रहे हैं, जो बदले में मछुआरों और महिलाओं की आजीविका को प्रभावित करते हैं. हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह पर्यटन पर प्रतिबंध को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाए और स्थानीय लोगों की आजीविका की रक्षा के लिए मछली पकड़ने के लिए दिशा निर्देश प्रदान करे.

Last Updated :Sep 30, 2020, 4:41 PM IST
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