नई दिल्ली : प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के नवगठित प्रतिरोध मोर्चा (टीआरएफ) के बीच कश्मीर के हंदवाड़ा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने की होड़ मची है. हिजबुल आतंकवादियों में से एक ने हंदवाड़ा में भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान अपने सहयोगी को एक ऑडियो कॉल किया और इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली. वहीं, टीआरएफ दोनों आतंकवादियों की तस्वीरें पोस्ट कर रहा है.
शनिवार को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा शहर में आठ घंटे तक चली गोलीबारी में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा दो आतंकवादी मारे गए.
इस आतंकवाद विरोधी अभियान में भारतीय सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) इकाई के एक कर्नल, एक मेजर, दो सिपाही और जम्मू-कश्मीर पुलिस (जेकेपी) के एक उप-निरीक्षक ने अपनी जान गंवा दी.
आईएएनएस द्वारा एक्ससे की गई इस ऑडियो कॉल की एक क्लिप में दो आतंकवादियों में से एक ने हिजबुल के एक सदस्य को मुठभेड़ के बारे में सूचित किया था, जिसमें वह और उसका साथी हंदवाड़ा में घायल हुए थे.
गोलियों की आवाज के बीच तारिक के रूप में पहचाना जाने वाला आतंकवादी हिजबुल का सदस्य बताया जाता है. संदेह है कि उसकी लोकेशन टीआरएफ सदस्य द्वारा भारतीय सुरक्षा बलों को बताई गई है. टीआरएफ, पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा का एक धड़ा है. लश्कर का प्रमुख मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद है.
इस क्लिप में हिजबुल के सदस्य को तारिक को उसके अंतिम क्षणों में सांत्वना देते हुए सुना जा सकता है. साथ ही वह उन दोनों आतंकवादियों की मौत को धर्म के लिए दी गई 'शहादत' कहता है.
हिजबुल मुजाहिदीन का ठिकाना पाकिस्तान में है और इसकी अध्यक्षता सैयद सलाहुद्दीन कर रहा है.
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संयोग से, मुठभेड़ समाप्त होने से पहले, टीआरएफ ने सोशल मीडिया और टेलीग्राम चैनलों पर आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी.
उसने दो आतंकवादियों को अपने 'शहीदों' के रूप में घोषित करते हुए, उसने इन दोनों आतंकवादियों के कहीं खुले क्षेत्र में उनके बर्तनों, खाना पकाने और खाने के फोटो प्रसारित किए.
टीआरएफ चैनलों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित एक और तस्वीर में एक हाथ में हथियार के साथ वाली फोटो थी. फोटो से इन आतंकवादियों के स्थान और उनकी पहचान स्पष्ट नहीं थी.
टीआरएफ का एक और छद्म नाम संयुक्त कश्मीर मोर्चा (टीजेकेएफ) ने भी अपने फेसबुक पेज पर मुठभेड़ के बारे में विवरण के साथ ऐसी ही सामग्री पोस्ट की.
विश्व स्तर पर प्रतिबंधित आतंकी समूहों और नवगठित मोर्चे के बीच वर्चस्व का एक युद्ध छिड़ गया है, हालांकि यह दोनों आईएसआई द्वारा प्रायोजित हैं. इनमें यह मतभेद पिछले कुछ महीनों में उभरे हैं, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के द्वारा पाकिस्तान पर सीमा पार भारत में आतंकवाद पर अंकुश लगाने का दबाव बढ़ा है.
हाल ही में, कश्मीर में एक हिजबुल कमांडर ने मुख्य रियाज नाइकू के साथ असहमति के बाद टीआरएफ का बचाव किया.
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माना जाता है कि नाइकू पाकिस्तान में अपने बॉस, सैयद सलाहुद्दीन के 'नरम' रहने के कारण परेशान था, क्योंकि भारत ने पिछले अगस्त में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था और कश्मीर में हिजबुल को पहले जैसा महत्व नहीं मिल रहा था.