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महिलाओं को मुसीबत से बचाएगा हैंड ग्रेनेड, फूटते ही पहुंचेगी पुलिस

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Published : Sep 7, 2020, 8:01 PM IST

देश में महिलाओं के खिलाफ दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ रहा है. महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की एक महिला ने वुमेन सेफ्टी हैंड ग्रेनेड तैयार किया है. इससे महिलाओं की किसी भी आपातस्थिति में सुरक्षा हो सकेगी. इसके फूटते ही आपातकालीन नंबरों पर सूचना पहुंचेगी. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

Hand grenade designed to save women from trouble-
वाराणसी में तैयार हुआ हैंड ग्रेनेड

वाराणसी : देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध को रोकने के लिए प्रसिद्ध सात ब्लैक बेल्ट इन ताइक्वांडो-रचना राजेन्द्र चौरसिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया के साथ मिलकर एक वुमेन सेफ्टी हैंड ग्रेनेड तैयार किया है. जिससे महिलाओं की किसी भी आपातस्थिति में सुरक्षा हो सकेगी. इसके फूटते ही आपातकालीन नंबरों पर सूचना पहुंचेगी.

रचना राजेन्द्र चौरसिया ने बताया कि यह वुमेन सेफ्टी ग्रेनेड महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत उपयोगी है.

रचना ने कहा, 'ग्रेनेड में सिम कार्ड का ऑप्शन दिया गया है, जिसमें पांच से सात नंबर संरक्षित किए जा सकते हैं. इसमें घर के सदस्यों के अलावा आपातकालीन नंबर होंगे. इसमें एक ऑन-आफ ट्रिगर लगा है, जिसे दबाते और फेंकते ही इन नंबरों पर लोकेशन चला जाएगा जिससे वह लोग लोकेशन पर पहुंच कर महिला की सुरक्षा कर सकेंगे. यह पूरा वायरलेस टेक्नोलॉजी पर बना है. इसका आकार छोटा होने के कारण इसे पर्स या जेब में रखा जा सकता है. इसमें डिस्टेंस सेंसर का प्रयोग किया गया है.

महिलाओं के पर्स या मोबाइल छीनने जैसी घटनाएं होंगी तो यह एक्टिव हो जाएगा. डिस्टेंस ब्रेक होने पर भी यह कार्य करेगा. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में इसमें मौजूद ट्रिगर दबाने से फायरिंग की आवाज भी होगी. रचना ने कहा, 'तेज आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकेगी.

दरअसल, फायरिंग से घटनास्थल तक हर किसी का ध्यान जाता है और लोग मुसीबत में फंसी महिला या युवती तक आसानी से पहुंच सकते हैं. वहीं, इस अनोखे ग्रेनेड का प्रयोग करते ही घटनास्थल का लोकेशन 112 नंबर पुलिस के साथ ही परिवार के रजिस्टर्ड सदस्य को लाइव हो जाएगा. इसके साथ ही इमरजेंसी में ऑटोमेटिक कॉल होने लगेगी.'

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अशोका इंस्टीट्यूट के रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेल के इंचार्ज श्याम चौरसिया ने बताया कि इसे महिलाओं संग छेड़छाड़ व दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रयोग के तौर पर तैयार किया गया है.

श्याम ने कहा, 'इस ग्रेनेड को बनाने में 650 रुपए का मामूली खर्च आया है. इसका वजन करीब 50 ग्राम है. घंटेभर तक इसे चार्ज करने पर लगभग सप्ताहभर तक काम करता है. यह पूरी तरह मेक इन इंडिया प्रोडक्ट है. इसमें एक भी बाहरी समान का प्रयोग नहीं किया गया है. इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी है.'

बीएचयू इनोवेशन सेंटर के कोऑर्डिनेटर डॉ. मनीष अरोरा ने बताया कि, 'यह महिला सुरक्षा की दृष्टि से अच्छा इनोवेशन है. अभी इसका प्रोटोटाइप बना है. इसमें आरएफ और सेंसर बेस तकनीक है. यह कमांड सेंटर पर वर्क करेगा. इससे हेल्पलाइन नंबरों पर मदद मिल सकेगी. यह सराहनीय प्रयास है. इसे इंडस्ट्री तक ले जाने की जरूरत है. इसका पेंटेंट अनिवार्य है.'

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