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छत्तीसगढ़: हाथियों की कब्रगाह बना प्रतापपुर वनमंडल

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Published : Jun 10, 2020, 2:59 PM IST

death of elephants in chhattisgarh
प्रतापपुर वनमंडल

छत्तीसगढ़ के प्रतापपुर वनमंडल में एक महीने के अंदर तीन मादा हाथियों की मौत हुई है. लगातार तीन हथिनियों की मौत के बाद इनकी सुरक्षा को लेकर वन विभाग की तैयारियों पर सवाल खड़े हो गए हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले का प्रतापपुर वन क्षेत्र हाथियों की कब्रगाह बनता जा रहा है. बुधवार को एक और हथिनी की यहां मौत हो गई. हथिनी का शव कनक नगर के पास मिला है.

बड़ी बात तो यह है कि मंगलवार को भी बांध के किनारे एक हथिनी का शव मिला था, जिसकी सूचना भी गांव वालों ने ही वन विभाग को दी थी. हाथियों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग कितना मुस्तैद है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते 20 दिनों में प्रतापपुर वनमंडल में तीन हथिनियों की मौत हुई है.

एक महीने के अंदर तीन हथिनियों की मौत

एक के बाद हथिनी की मौत से सकते में वन विभाग
केरल के मल्लापुरम में गर्भवती हथिनी के साथ हुई बर्बर घटना के बाद छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में एक के बाद एक लगातार तीन हथिनियों की मौत हुई है. बीते 20 दिनों में ही प्रतापपुर वन रेंज के अलग-अलग क्षेत्रों में तीन हथिनियों के शव मिले. इन घटनाओं ने वन विभाग को भी सकते में डाल दिया है.

वन विभाग ने जताई आशंका
मंगलवार को प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में 15 वर्षीय हथिनी का शव मिला था. प्रतापपुर से सात किलोमीटर दूर गणेशपुर में हथिनी का शव मिला था. वन विभाग के एसडीओ ने आपसी लड़ाई में मौत की आशंका जताई थी. बता दें कि प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आरएफ 42 के सर्किल धरमपुर के अंतर्गत गणेशपुर के जंगल में सुबह ग्रामीणों ने बांध के किनारे हथिनी का शव देखा था.

ग्रामीणों ने इसकी सूचना तत्काल वन विभाग प्रतापपुर को दी, जबकि घटनास्थल प्रतापपुर मुख्यालय से महज सात किलोमीटर की दूरी पर है. वन विभाग के मुताबिक 15 वर्षीय हथिनी प्यारे दल की सदस्य थी. इस दल में लगभग 18 सदस्य हैं.

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में हथिनियों के रोज मिल रहे शव वन विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं.

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