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मानसून सत्र : इन मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

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Published : Sep 13, 2020, 6:00 PM IST

Updated : Sep 13, 2020, 7:34 PM IST

सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है. संसद सत्र में विपक्ष मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर चुकी है. कांग्रेस नेता और राज्यसभ सांसद जयराम रमेश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कहा कि हम सत्र में चार अध्यादेशों सहित दूसरे मुद्दों पर केंद्र से सवाल करेंगे. पढ़ें विस्तार से...

Rajya Sabha MP Jairam Ramesh
मोदी

नई दिल्ली : कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संसद के मानसून सत्र में सरकार द्वारा लाए जाने वाले 11 विधेयकों में से चार पर विरोध जताएंगे और अपनी चिंताओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगेगे. ये विधेयक पूर्व में लाए गए अध्यादेशों का स्थान लेंगे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि पार्टी समान सोच वाले दलों के साथ संपर्क में है और उसने संसद के दोनों सदनों में कृषि से जुड़े तीन विधेयकों और बैंकिंग नियमन कानून का पुरजोर विरोध करने का फैसला किया है.

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर व्यापक इंतजाम के बीच सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है.

समान सोच वाले विपक्षी दलों ने महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था की स्थिति और लद्दाख में सीमा पर चीनी आक्रामकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए साझा रणनीति बनाने का फैसला किया है.

डिजिटल तरीके से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रमेश ने कहा, 'हम चीन के साथ सीमा पर स्थिति, अर्थव्यवस्था की हालत, कारोबार बंद होने, एमएसएमई उद्योग की दशा, कोविड-19 महामारी से निपटने, हवाई अड्डों का निजीकरण और मसौदा ईआईए अधिसूचना समेत कुछ अन्य मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि विपक्ष को बोलने का मौका मिलेगा और राष्ट्र के गंभीर मुद्दों पर चर्चा होगी . हम अपेक्षा करते हैं कि हमारे द्वारा उठाए जाने वाले सवालों पर जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में उपस्थित रहेंगे . प्रधानमंत्री आते नहीं हैं और हम चाहते हैं कि वह लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मौजूद रहें.'

विपक्षी दल संयुक्त रणनीति के लिए कब बैठक करेंगे, इस बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा कि समान सोच वाले विभिन्न दलों के नेता ऑनलाइन तरीके से बात कर रहे हैं और इस पर रणनीति बन रही है.

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, के सी वेणुगोपाल और खुद मैंने समान सोच वाले विपक्षी दलों से चर्चा की है . हम लगातार उनके साथ संपर्क में हैं . हमने उठाए जाने वाले विभिन्न मुद्दों तथा अध्यादेशों पर अपनाए जाने वाले रूख को लेकर चर्चा की है.'

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समान सोच वाले दलों ने चार अध्यादेशों का विरोध किया है, जिसे सरकार ने पूर्व में लागू किया था और अब इसके स्थान पर विधेयक लाए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि चार अध्यादेशों ने राज्यों के अधिकार ले लिए हैं और आगे इससे शक्ति का केंद्रीकरण होगा.

रमेश ने कहा कि यह समान आधार है जिसके कारण हमें इन अध्यादेशों का विरोध करना चाहिए.

Last Updated : Sep 13, 2020, 7:34 PM IST
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