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विवादित विज्ञापन और मंदिर मामले पर कांग्रेस ने भाजपा को घेरा

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Published : Oct 14, 2020, 5:15 PM IST

ज्वेलरी कंपनी ने हटाया विवादित विज्ञापन
ज्वेलरी कंपनी ने हटाया विवादित विज्ञापन

आभूषण ब्रांड तनिष्क ने मंगलवार को अपने उस विज्ञापन को वापस ले लिया, जिसमें दो अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों के एक परिवार को दिखाया गया है. तनिष्क ने सोशल मीडिया पर तीखे हमले किए जाने के बाद अपना विज्ञापन वापस ले लिया. इस पर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है.

नई दिल्ली : एक मशहूर ज्वेलरी ब्रांड कंपनी का विज्ञापन विवाद में आ गया है. विवाद बढ़ने के बाद कंपनी ने इसे वापस ले लिया है. आरोप लगाया गया है कि इस विज्ञापन के जरिए लव जिहाद को बढ़ावा मिल रहा है. इस पर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है.

इस मामले पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया कि तो कट्टर हिंदुत्वादियों ने बहिष्कार का आह्वान किया है? हिंदू-मुस्लिम एकता को इस खूबसूरत विज्ञापन के जरिये सामने लाने के लिए तनिष्क ज्वेलरी के बहिष्कार करने का आह्वान किया है. अगर हिंदू-मुस्लिम एकत्वम उन्हें इतना परेशान करता है, तो वे दुनिया में हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक-भारत का बहिष्कार क्यों नहीं करते हैं.

थरूर के सहयोगी अभिषेक सिंघवी ने उनका साथ दिया.

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर कहा कि तनिष्क के विज्ञापन का बहिष्कार करने वालों को पुत्रवधु नहीं दिखती जो अपनी सास के साथ खुश है. आपने बहुत धारावाहिक और समाचार देखे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा तनिष्क विज्ञापन में क्या गलत है? मुख्तार अब्बास नकवी और शाह नवाज की पत्नी एक हिंदू हैं. क्या वह भाजपा के वरिष्ठ नेता और भाजपा का मुस्लिम चेहरा नहीं हैं?

दिग्विजय सिंह का ट्वीट.
दिग्विजय सिंह का ट्वीट.

वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में राज्यपाल कोश्यारी और मुख्यमंत्री ठाकरे के बीच वाक युद्ध छिड़ा हुआ है. यह बवाल धार्मिक स्थानों को फिर से खोलने को लेकर शुरू हुआ, जिस पर ठाकरे और राज्यपाल कोश्यारी आमने-सामने हैं.

बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने ठाकरे को हाल ही में एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने का आग्रह किया है. राज्यपाल ने कहा है कि एक जून से राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने का एलान किया गया था, लेकिन चार महीने बीत चुके हैं, इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है.

राज्यपाल ने कहा है कि यह विडंबना है कि सरकार ने एक तरफ बार और रेस्तरां को खोल दिया है, लेकिन दूसरी तरफ मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों को नहीं खोला गया है. आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं. आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्तिव्यक्त की है.

इसमें कहा गया है कि मुझे आश्चर्य है कि आपको मंदिरों को नहीं खोलने के लिए कोई दिव्य प्रेम प्राप्त हो रहा है या फिर आप धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं, यह एक ऐसा शब्द है, जिससे आप नफरत करते हैं.

इस मामले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने पीएम मोदी को पत्र लिखा. पवार ने पत्र में लिखा कि राज्यपाल का अपना व्यक्तिगत मत हो सकता है, लेकिन एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी भाषा में शब्दों के चयन पर ध्यान देना चाहिए.

पवार ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि राज्यपाल इस मुद्दे पर अपने स्वतंत्र विचार और राय रख सकते हैं. मैं राज्यपाल के मत को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की भी सराहना करता हूं, लेकिन राज्यपाल के पत्र और उस तरह की भाषा को देखकर मैं हैरान हूं.

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इस पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भाजपा ने शिवसेना से सवाल किया कि वह हिंदूवादी हैं या सेकुलर. धर्मनिरपेक्षता संविधान की आत्मा है. 11 दिसबंर 48 को संविधान को संघ ने जलाया था. अब इनका चेहरा नग्न हो गया है.

उदित राज का ट्वीट.
उदित राज का ट्वीट.

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था पर आईएमएफ के अनुमान को लेकर मोदी सरकार पर कटाक्ष किया है. राहुल गांधी ने आईएमएफ की तरफ से जारी किए गए प्रति व्यक्ति जीडीपी के आंकड़ों को ट्वीट किया है. इस ट्वीट में राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा के नफरत भरे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की छह साल की ठोस उपलब्धि, बांग्लादेश भारत से आगे निकलने के लिए तैयार है.

गांधी ने कहा कि आईएमएफ का ग्राफ बताता है कि भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों की 2020 के लिए प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,888 अमेरिकी डालर होगी.

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