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जम्मू-कश्मीर : भूमि कानूनों में संशोधन पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

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Published : Oct 28, 2020, 11:01 PM IST

भूमि कानून
भूमि कानून

जम्मू-कश्मीर में भूमि कानूनों में संशोधन पर कांग्रेस ने कहा कि हर चीज को थोपने की प्रक्रिया सही नहीं है. वहीं भाजपा का कहना है कि नए भूमि कानून जम्मू-कश्मीर में अर्थव्यवस्था को बढ़ाएंगे.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने कानूनों में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों को केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने की अनुमति देने के फैसले को गलत करार देते हुए बुधवार को कहा कि हर चीज को थोपने की प्रकिया लोकतंत्र में ठीक नहीं है.

वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी भारतीयों को जमीन खरीदने की अनुमति देने वाले नए भूमि कानून केंद्र शासित प्रदेश में अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे और उच्च शिक्षा संस्थानों को भी गति देंगे.

कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि सरकार ने इस फैसले के संदर्भ में वो सुरक्षा कवच नहीं मुहैया कराए गए हैं, जो हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के राज्यों को मिले हुए हैं.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाना और जमीन से जुड़ा फैसला गलत है. इस बारे में कांग्रेस कार्य समिति की राय भी स्पष्ट है.

सिंघवी ने यह सवाल भी किया कि सरकार ने जमीन के संदर्भ में फैसला करने के लिए कितना विचार-विमर्श किया?

उन्होंने कहा, इसमें वो सुरक्षा कवच भी नहीं है, जो हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वोत्तर के प्रदेशों में है. एक चीज बताई गई है कि ये कृषि भूमि के विषय में नहीं है, कृषि को अलग रखा गया है, लेकिन कृषि में भी बदलाव की संभावना को छोड़ दिया गया है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि हर चीज को थोपने की प्रकिया गलत है.

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गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त होने के एक साल बाद कई कानूनों में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों के लिए केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है.

केंद्र सरकार की ओर से जारी राजपत्र अधिसूचना में भूमि कानूनों में विभिन्न बदलावों की जानकारी दी गई है. सबसे महत्वपूर्ण बदलाव जम्मू-कश्मीर विकास अधिनियम में किया गया है, जिसकी धारा 17 से राज्य के स्थायी निवासी वाक्यांश को हटा दिया है.

पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए को निरस्त करने से पहले, गैर-निवासी जम्मू-कश्मीर में कोई अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते थे. हालांकि, ताजा बदलावों ने गैर-निवासियों के लिए केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है.

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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहले की व्यवस्था में न केवल भौतिक अवरोध थे, बल्कि बाहरी लोगों के लिए मानसिक अवरोधक भी थे, जो यहां निवेश और योगदान देना चाहते थे.

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री ने कहा, जम्मू-कश्मीर भूमि सुधारों का असंतुष्ट तत्वों द्वारा विरोध किया जा रहा है. जिन्हें वोट बैंक पर खतरा लग रहा है, वे ऐसी बातें कर रहे हैं.

केंद्र सरकार ने मंगलवार को अनेक कानूनों में संशोधन करके देशभर के लोगों को जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने की अनुमति प्रदान की.

सिंह ने नए भूमि कानूनों को स्वागत योग्य कदम बताया. उन्होंने कहा, इससे जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और इस दौरान उच्च शिक्षा संस्थानों को भी गति मिलेगी.

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