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BJP ने SC के फैसले को सराहा, NCP बोली - विश्वास मत साबित नहीं कर पाएंगे फडणवीस

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Published : Nov 25, 2019, 12:13 AM IST

उच्चतम न्यायालय

महाराष्ट्र पर राजनीतिक अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं. शनिवार को देवेंद्र फडणवीस के सीएम पद की शपथ लेने के बाद कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की. रविवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह राष्ट्रपति शासन हटाने की महाराष्ट्र के राज्यपाल की अनुशंसा और देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने का निमंत्रण देने वाले पत्र सोमवार को पेश करे. न्यायलय के जहां इस फैसले का भाजपा ने स्वागत किया है वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने कहा कि फडणवीस विश्वास मत साबित नहींं कर पाएंगे.

मुंबई : महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश के कुछ घंटे बाद भाजपा ने कहा कि अदालत का निर्णय उसके दावे को मजबूत करता है कि अजित पवार राकांपा के विधायक दल के नेता हैं. उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह राष्ट्रपति शासन हटाने की महाराष्ट्र के राज्यपाल की अनुशंसा और देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने का निमंत्रण देने वाले पत्र सोमवार को पेश करे.

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के उस आग्रह को खारिज कर दिया, जिन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पत्र को पेश करने के लिए दो दिनों का वक्त मांगा और उनसे कहा कि सोमवार पूर्वाह्न साढ़े दस बजे पत्र पेश करें, जब मामले पर फिर सुनवाई होगी.

छुट्टी के दिन विशेष सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को शिवसेना- राकांपा- कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर नोटिस जारी किये. गठबंधन ने फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल के निर्णय के विरोध में याचिका दायर की थी.

न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भी नोटिस जारी किए.

अदालत के निर्णय पर भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा, 'कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का खेल खत्म हो गया है. अजित पवार राकांपा विधायकों को ह्विप जारी कर सकते हैं.'

बहरहाल, राकांपा ने दावा किया कि फडणवीस सरकार 30 नवम्बर को सदन में विश्वास मत के दौरान हार जाएगी.

उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा, 'शपथ ग्रहण फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुए. फडणवीस के पास संख्या बल नहीं है.'

उन्होंने कहा, 'यह बेहतर होगा कि वह खुद मुख्यमंत्री पद छोड़ दें अन्यथा सदन में विश्वास मत के दौरान हार जाएंगे.'

मलिक ने कहा कि रविवार सुबह तक राकांपा के लापता पांच विधायकों में से दो लौट आए हैं और एक अन्य ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर राकांपा के साथ होने के बात कही है.

नवाब मलिक मीडिया से बात करते हुए.

उन्होंने कहा, 'हम शेष विधायकों के शाम तक लौटने की उम्मीद करते हैं.'

पढ़ें- महाराष्ट्र संकट : BJP नेता शेल्लार का दावा - फ्लोर टेस्ट में विश्वासमत हासिल कर लेंगे

भाजपा और शिवसेना ने पिछले महीने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा था और दोनों ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की.

बहरहाल, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा के साथ अपना तीन दशक पुराना संबंध तोड़ लिया था.

कांग्रेस और राकांपा को विधानसभा चुनावों में क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल हुई थीं.

एनसीपी के विधायक दिलीप बंकर ने कहा, 'मैं पहले दिन से पवार साहब के साथ में हूं, मैं शनिवार को उनसे मिला था और कहा कि मेरा बच्चा बीमार है , मुझे नासिक जाना है, इसलिए में बैठक में शामिल नहीं हो सका. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी का नहीं एनसीपी का समर्थन करता हूं.'

दिलीप बंकर मीडिया से बात करते हुए.

राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा, '50 विधायक हमारे साथ हैं, लेकिन सभी होटल में मौजूद नहीं है.' साथ ही बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि चार विधायकों को बीजेपी के लोगों ने कहीं रखा हुआ है, वे लगातार हमारे सम्पर्क में है और निश्चित रूप से वापस आएंगे.

उधर बीजेपी के दिवंगत नेता के भतीजे धनंजय मुंडे ने ट्वीट करके कहा, 'मैं पार्टी के साथ हूं, शरद पवार के साथ हूं, कृपया अफवाहें न फैलाएं.'

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धनंजय मुंडे का ट्वीट
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Print Printपीटीआई-भाषा संवाददाता 20:58 HRS IST

भाजपा ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया, राकांपा ने कहा कि विश्वास मत साबित नहीं कर पाएंगे फडणवीस

मुंबई, 24 नवम्बर (भाषा) महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश के कुछ घंटे बाद भाजपा ने कहा कि अदालत का निर्णय उसके दावे को मजबूत करता है कि अजित पवार राकांपा के विधायक दल के नेता हैं। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह राष्ट्रपति शासन हटाने की महाराष्ट्र के राज्यपाल की अनुशंसा और देवेन्द्र फडणवीस को सरकार बनाने का निमंत्रण देने वाले पत्र सोमवार को पेश करे।



पीठ ने सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता के आग्रह को खारिज कर दिया जिन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पत्र को पेश करने के लिए दो दिनों का वक्त मांगा और उनसे कहा कि सोमवार सुबह साढ़े दस बजे पत्र पेश करें जब मामले पर फिर सुनवाई होगी।



छुट्टी के दिन विशेष सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को शिवसेना- राकांपा- कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर नोटिस जारी किए। गठबंधन ने फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल के निर्णय के विरोध में याचिका दायर की थीं।



न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भी नोटिस जारी किए।



अदालत के निर्णय पर भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा, ‘‘कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का खेल खत्म हो गया है। अजित पवार राकांपा विधायकों को व्हिप जारी कर सकते हैं।’’



बहरहाल राकांपा ने दावा किया कि देवेन्द्र फडणवीस सरकार 30 नवम्बर को सदन में विश्वास मत के दौरान हार जाएगी।



उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘‘शपथ ग्रहण फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुए। देवेन्द्र फडणवीस के पास संख्या बल नहीं है।’’



उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहतर होगा कि वह खुद मुख्यमंत्री पद छोड़ दें अन्यथा सदन में विश्वास मत के दौरान हार जाएंगे।’’



मलिक ने कहा कि रविवार सुबह तक राकांपा के ‘लापता’ पांच विधायकों में से दो लौट आए हैं और एक अन्य ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर राकांपा के साथ होने के बात कही है।



उन्होंने कहा, ‘‘हम शेष विधायकों के शाम तक लौटने की उम्मीद करते हैं।’’



भाजपा और शिवसेना ने पिछले महीने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़े और दोनों ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की।



बहरहाल, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा के साथ अपना तीन दशक पुराना संबंध तोड़ लिया था।



कांग्रेस और राकांपा को विधानसभा चुनावों में क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल हुई थीं।


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