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भाजपा में लोकतांत्रिक तरीके से होते हैं सारे निर्णय : शाहनवाज हुसैन

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Published : Jan 15, 2020, 2:36 PM IST

भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कार्यकाल खत्म हो रहा है. ऐसे में पार्टी के नए अध्यक्ष जे पी नड्डा हो सकते हैं. जानें भाजपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की प्रक्रिया...

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शाहनवाज हुसैन

नई दिल्ली : भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा जल्द ही भाजपा अध्यक्ष की बागडोर संभाल सकते हैं. अंदाजा लगाया जा रहा है संगठनात्मक प्रक्रिया होने के बाद लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ही अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा, हालांकि यह तय माना जा रहा है कि अध्यक्ष के पद के लिए कोई और प्रतिनिधि चुनाव नहीं लड़ेगा और इस वजह से भाजपा जेपी नड्डा को अपने नए अध्यक्ष के रूप में जल्द ही कमान दे सकती है.

इसे लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने भाजपा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया के बारे में बताया. उन्होंने जानकारी दी कि पार्टी अध्यक्ष के लिए पार्टी संविधान के मुताबिक 50% राज्यों के संगठनात्मक चुनाव हो जाने के बाद चुनाव कराया जा सकता है और बीजेपी में फिलहाल 50% से ऊपर राज्यों के संगठनात्मक चुनाव पूरे हो चुके हैं. जनवरी के दूसरे सप्ताह तक 50% से अधिक राज्यों के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी.

पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के तुरंत बाद ही पार्टी का अध्यक्ष चुनना होता है और इस हफ्ते वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह का कार्यकाल पूरा हो जाएगा.

शाहनवाज हुसैन ने बताई राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया

गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया 19 या 20 जनवरी को की जा सकती है लेकिन अगर एक उम्मीदवार से ज्यादा उम्मीदवारों ने नामांकन किया हो तो फिर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से इसके चुनाव कराए जाते हैं.

वर्तमान अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी पार्टी नए अध्यक्ष और उनके पदाधिकारियों के चुने जाने तक पार्टी का अध्यक्ष बने रहने का प्रस्ताव दे सकती है.

पढ़ें : जेपी नड्डा जल्द बन सकते हैं भाजपा अध्यक्ष, अभी हैं कार्यकारी अध्यक्ष

वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इससे राष्ट्रीय परिषद में रेटिफिकेशन के लिए पारित कराया जाना जरूरी होता है और यही वजह है कि फरवरी माह में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले यह चुनाव कराया जाना लगभग तय माना जा रहा है.

जानकारी देती ईटीवी भारत संवाददाता

ऐसे बनते हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष
बीजेपी के संविधान में धारा 19 के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की खास व्यवस्था है. चुनाव एक निर्वाचक मंडल की ओर से होगा. जिसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के वर्णित सदस्य होंगे. चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निर्धारित नियमों के अनुसार होगा.

राष्ट्रीय अध्यक्ष वही होगा, जो कम से कम चार अवधियों तक सक्रिय सदस्य रहने के साथ न्यूनतम 15 वर्ष तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो. निर्वाचक मंडल में से कुल 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की योग्यता रखने वाले व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव रखेंगे. शर्त यह है कि यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम पांच प्रदेशों से भी आना जरूरी है. जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव खत्म हो चुके हों.

Intro: बीजेपी अध्यक्ष की बागडोर जल्द ही कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा संभाल सकते हैं अंदाजा लगाया जा रहा है सिक्के संगठनात्मक प्रक्रिया होने के बाद लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ही अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा हालांकि यह तय माना जा रहा है कि अध्यक्ष के पद के लिए किसी और प्रतिनिधि के चुनाव नहीं लड़ने की संभावना है और इस वजह से सूत्रों के मुताबिक भाजपा जेपी नड्डा को अपने नए अध्यक्ष के रूप में जल्द ही कमान दे सकती है पार्टी अध्यक्ष के लिए पार्टी संविधान के मुताबिक 50% राज्यों के संगठनात्मक चुनाव हो जाने के बाद चुनाव कराया जा सकता है और बीजेपी में फिलहाल 50% से ऊपर राज्यों के संगठनात्मक चुनाव पूरे हो चुके हैं जनवरी के दूसरे सप्ताह तक 50% से अधिक राज्यों के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी कुछ ही राज्यों के चुनाव बाकी रह गए हैं जो कोई मायने नहीं रखते


Body: पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल पूरे होने के बाद तुरंत ही पार्टी का अध्यक्ष चुना होता है और इस हफ्ते वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्ष कार्यकाल पूरा हो जाएगा सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया 19 या 20 जनवरी को की जा सकती है

जहां तक बात राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की है उसमें नामांकन के लिए तीन सेट के कागजात फार्म के रूप में भरे जाते हैं अध्यक्ष पद के लिए न्यूनतम 20 प्रस्तावक जोकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी और अलग-अलग राज्यों की यूनिट से चुने जाते हैं वह होने चाहिए इसमें अगर सिर्फ एक ही प्रतिनिधि ने नामांकन किया हो तो वह सर्वसम्मति से चुन लिया जाता है जो कि फिलहाल अभी तक पार्टी में नजर आ रहा है
लेकिन अगर एक उम्मीदवार से ज्यादा उम्मीदवारों ने नामांकन किया हो तो फिर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से इसके चुनाव कराए जाते हैं वर्तमान अध्यक्ष को कार्यकाल खत्म होने के बाद भी पार्टी नए अध्यक्ष के चुने जाने तक और उनके पदाधिकारियों के चुने जाने तक पार्टी का अध्यक्ष बने रहने का प्रस्ताव दे सकती है पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इससे राष्ट्रीय परिषद में रटिफिकेशन के लिए पारित कराया जाना जरूरी होता है और यही वजह है कि फरवरी माह में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले यह चुनाव कराया जाना लगभग तय माना जा रहा है


Conclusion:जब से वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह ने गृह मंत्री का पद संभाला है और कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में जेपी नड्डा को पदभार दिया गया है तब से लगभग यह तय हो चुका था कि जेपी नड्डा को ही अध्यक्ष भी बनाया जाएगा सूत्रों के मुताबिक जेपी नड्डा शाह और मोदी कैंप को शूट करते हैं और कहीं ना कहीं शाह और मोदी की पहली पसंद शुरू से वह रहे हैं यही नहीं जेपी नाडाक्कव संगठन कर के कार्यों का एक लंबा अनुभव भी है यही वजह है कि जब हमेशा ने सरकार में आने का निर्णय लिया तभी पार्टी के कार्यो की देखरेख के लिए शाह और मोदी कैंप में जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया था अमित शाह को पार्टी का अध्यक्ष कब बनाया गया था जब पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मोदी सरकार में गृह मंत्री का पद संभाला था तब राजनाथ सिंह के बचे हुए कार्यकाल को भी अमित शाह ने ही पूरा किया था पार्टी के संविधान के मुताबिक पार्टी के अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल तक तय किया गया है मगर एक कार्यकाल के लिए उसका चुनाव और भी कराया जा सकता है और ऐसा ही वर्तमान पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ भी हुआ था अब देखना यह है कि लगभग तय माने जा रहे वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा सर्वसम्मति से पार्टी के नए अध्यक्ष चुने जाते हैं या फिर उनके चुनाव का विरोध करने के लिए कोई और भी प्रतिनिधि अपना नामांकन भरता है मगर इतना तो तय है कि अगले 1 हफ्ते के अंदर भारतीय जनता पार्टी जो अपने आप को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है और सबसे ज्यादा सदस्यों के इसमें होने का भी दावा करती है उसका नया अध्यक्ष पद संभालते पार्टी में क्या बदलाव आते हैं क्या नया अध्यक्ष पुराने अध्यक्ष की टीम में भी आमूलचूल परिवर्तन करता है या फिर पुराने अध्यक्ष का के कार्यों को ही आगे बढ़ाता है और उनके पदाधिकारियों पर ही भरोसा कर उन्हें दोबारा पार्टी में जगह दी जाती है इस बात को लेकर पार्टी अधिकारियों में भी काफी संशय की स्थिति बरकरार है क्योंकि आमतौर पर यह माना जाता है कि पार्टी अध्यक्ष के बदलते ही पार्टी पदाधिकारियों के चुनाव कराए जाते हैं जिसमें लगभग सभी सेल और सभी मोर्चों में नए पदाधिकारियों की चुनाव प्रक्रिया पूरी होने पर भर्ती की जाती है क्योंकि नड्डा शाह मोदी कैंप से आते हैं इसलिए इस बार यह देखना अपने आप में एक महत्वपूर्ण बात होगी कि नाडा अपने लोगों को लेकर आगे बढ़ते हैं या फिर वह शाह और मोदी के पदाधिकारियों में ही भरोसा करते हैं
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