ETV Bharat / bharat

यूपी : मां ने बकरियां बेचकर भरी थी फीस, आज बेटा बन गया जज

author img

By

Published : Jul 24, 2019, 7:58 AM IST

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के मूसेपुर गांव निवासी असगर अली का पीसीएस-जे में चयन हो गया है. उनकी इस सफलता से उनके परिजन काफी खुश हैं. असगर अली की मां घर में पली बकरियां बेचकर उनकी फीस जमा करती थीं.

असगर अली

लखीमपुर: कहते हैं कि खुदी को कर बुलंद इतना कि खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है... यह लाइन लखीमपुर खीरी जिले के बेहद गरीब परिवार में जन्मे असगर अली पर सटीक बैठती है. असगर अली के परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है. उनकी मां बकरे बेचकर उनकी पढ़ाई की फीस अदा करती थीं. वहीं असगर अली के जज बनने पर उनके परिजन बहुत खुश हैं.

यूपी पीसीएस-जे 2018 परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है. जिले के मूसेपुर गांव के रहने वाले 27 वर्षीय असगर अली का पीसीएस-जे में चयन हुआ है. असगर के घर की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है. असगर पांच भाई और चार बहन हैं. असगर के परिवार में जमीन जायदाद के नाम पर गांव में बस दो कमरों का छोटा सा मकान और कुछ बकरियां हैं. अब्बू शाकिर अली टेलरिंग के अच्छे कारीगर थे. परिवार चलाने के लिए वह दो बेटों के साथ राजस्थान चले गए और वहां टेलरिंग का काम करने लगे.

देखें वीडियो

असगर की फीस अदा करने और गृहस्थी चलाने के लिए मां मैसरजहां ने कशीदाकारी शुरू कर दी. मां चिकेन की कशीदाकारी से कुछ रुपये इकट्ठा कर बेटे की फीस अदा कर देती थी. जब एडमिशन या कोई बड़ा खर्चा आ जाता था तो घर में पली बकरियों में से एक को बेचकर फीस अदा करती थीं.

पढ़ें-भाई औरंगजेब की मौत का बदला लेने के लिए ये जवान सेना में हुए भर्ती

असगर अली ने हाई स्कूल पूर्व विधायक कौशल किशोर के स्कूल सेठ सधारी लाल से पास हुए. बीए करने बीएचयू चले गए. वहीं से एलएलबी, एलएलएम पास किया. असगर ने जेआरएफ भी पास किया. वर्तमान में असगर बीएचयू में ही पीएचडी कर रहे हैं. असगर की इस सफलता के बाद मां मैसरजहां को मुबारकबाद देने वालों का तांता लगा हुआ है.

Intro:लखीमपुर-कहते हैं न कि खुदी को कर बुलन्द इतना कि खुदा बन्दे से ये पूछे बता तेरी रजा क्या है। जी हाँ। लखीमपुर खीरी जिले के बेहद गरीब परिवार में जममें असगर अली पर लाइनें सटीक बैठती हैं। माँ ने जिस बेटे को पढ़ाने को बकरे बेंच बेंच फीस अदा की वो आज जज बन गया।
वीओ1- मैसरजहाँ आज बेहद खुश हैं। खुश भी क्यों ना हो, उनका बेटा आज जज जो बन गया है। खुशी इतनी है कि आँखों से आँसू बनकर छलक पड़ती है। गरीबी और बुड़बक के हालातों में जिस बेटे की पढ़ाई पर पूरी जिंदगी दांव पर लगा दी थी वह आज जज बन गया है। यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के मूसेपुर गाँव के रहने वाले 27 साल असगर अली का पीसीएस जे में चयन हो गया। असगर के घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी। पांच भाइयों और चार बहनों वाले परिवार की रोजी-रोटी चलानी मुश्किल थी। पर असगर की बिना पढ़ी लिखी मां मैसरजहाँ तालीम की ताकत को बखूबी पहचानती थी। असगर को भी पढ़ाई की धुन थी। पर माली हालत अच्छी नहीं। परिवार में जमीन जायदाद के नाम पर गाँव मे बस दो कमरों का छोटा सा मकान और कुछ बकरियाँ। अब्बू शाकिर अली और अम्मी मैसरजहाँ पर नौ बच्चों का बोझ था। अब्बू टेलरिंग के अच्छे कारीगर थे सो वो परिवार की गाड़ी चलाने को दो बेटों को साथ लेकर राजस्थान चले गए वहां टेलरिंग का काम करने लगे। इधर मां पर बच्चों की फीस का भी बोझ था। पर माँ के हौंसले बुलंद थे। वो हालातों से हार मानने को तैयार नहीं थी। बच्चे असगर की फीस अदा करने और गृहस्थी को आगे बढाने को माँ ने कसीदे कारी शुरू कर दी मूसेपुर से रोज 8 किलोमीटर पैदल चलकर खीरी कस्बे जाती हैं वहां से कुछ कपड़े लाती कुछ पड़ोस की महिलाओं को देती और कुछ खुद काढती। इधर पढ़ाई में लगा बेटा भी कुछ कर गुजरने की ठान चुका था। माँ चिकेन की कशीदाकारी से कुछ पैसे आ जाती थी और बेटे की फीस अदा कर देती थी जब एडमिशन या कोई बड़ा खर्चा आ जाता था तो घर में पली बकरियों में से एक बकरा बेचकर फीस अदा कर देती थी। बेटा जज बन गया है तो माँ आज फूली नहीं समा रही।
बाइट-मैसरजहाँ(जज बने बेटे की माँ)


Body:वीओ2- असगर अली की पढ़ाई मूसेपुर गांव में इन्हीं गलियों में हुई। दोस्तों के साथ गिल्ली डंडा,कंचे लपचू डंडा भी खेला। गाँव के प्राइमरी स्कूल में पाँचवां पास किया। हाई स्कूल पूर्व विधायक कौशल किशोर के स्कूल सेठ सधारी लाल से पास हुए। प्राइवेट कानपुर यूनिवर्सिटी से बीए करने बीएचयू चले गए। वहीं से एलएलबी,एलएलएम पास किया। गुदड़ी के लाल ने जेआरएफ भी क्वालीफाई कर दिया। अब बीएचयू में ही पीएचडी कर रहे। असगर के छोटे भाई बताते है कि बचपन में टीचर ने पूछा था क्या बनोगे। तो भाईजान ने जवाब दिया था जज। गुरुजी मुस्कुराए थे। बोले थे ऐसे ही मेहनत करके पढ़ते रहो सफतला तुम्हारे कदम चूमेगी। भैया आज जज बन गए हम लोग भी बहुत खुश हैं।
बाइट-इस्तखार अली(भाई)



Conclusion:वीओ3-बचपन के सपने को असगर ने मुफलिसी के हालातों में अपने जज्बे,मेहनत और हौंसलों की उड़ान से पूरा किया। गाँव के लोग असगर की अम्मी मैसर जहाँ को मुबारकबाद देने आ रहे। मिठाई खा रहे। पड़ोसी भी कह रहे। गाँव का बेटा जज बना है इससे बड़ी खुशी और क्या होगी। लग रहा हमारा बेटा जज बना है।
बाइट-सलमदार अंसारी
पीटीसी-प्रशान्त पाण्डेय
9984152598
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.