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हिमाचल प्रदेश: एकता की मिसाल ये हिंदू परिवार, करता है लाला वाले पीर बाबा की देख-रेख

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Published : Sep 13, 2019, 8:18 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 12:16 PM IST

डिजाइन फोटो.

देवभूमि को यूं ही अद्भुत हिमाचल नहीं कहा जाता है. यहां कई मान्यताएं और परंपराएं हैं, जो देवभूमि की संस्कृति को समृद्ध करती है. एक हिंदू परिवार 1908 में कुल्लू आया था. उसके बाद से लेकर आज तक उनका परिवार पीर बाबा लाला वाले मजार की देखरेख कर रहा है.

कुल्लू: देश में जहां सांप्रदायिक तनाव के चलते कई बार माहौल हिंसक हो जाता है वहीं देवभूमि हिमाचल धार्मिक एकता की मिसाल पेश करता है. धर्म के नाम पर लोगों के बीच पैदा हुई खाई को कम करने का एक ऐसा उदाहरण हिमाचल में देखने को मिलता है जिसे देख हर कोई प्रशंसा करने से नहीं रुकता. हम बात कर रहे है कुल्लू जिला के अखाड़ा बाजार में स्थित पीर बाबा लाला वाले मजार की. रोचक बात ये है कि वर्षों से एक हिंदू परिवार मजार की देखरेख कर रहा है.

लाला वाले पीर की कहानी, देखें वीडियो.

मान्यता है कि पीर बाबा लाला वाले की मजार में आने वाले हर श्रद्धालु की मुराद पूरी होती है. बाबा के दरबार से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता. मुरादों के साथ-साथ लोगों में सांप्रदायिक सद्भावना भी बढ़ रही है. मजार पर किसी भी जाति व कोई भी धर्म का व्यक्ति कभी भी आ सकता है. विशेष कर हिंदू समुदाय के लोगों की बाबा से एक अटूट आस्था है.

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मजार की देखरेख में जुटे हिंदू परिवार का कहना है कि देश में दो समुदाय के बीच कई बार माहौल खराब होता है. उन्हें इसका मलाल है ऐसे में वह यही चाहते हैं कि देश में अमन व शांति का माहौल कायम रहे..

Intro:अदभुत हिमाचल के लिए

एक ऐसा परिवार जो कर रहा मजार की निगेहबानी
हिन्दू मुस्लिम एकता को मिल रहा बढावा


Body:देश में जहां सांप्रदायिक तनाव के चलते कई बार माहौल हिंसक हो जाता है और कई लोगों को इस तनाव के बीच सहम कर रहना पड़ता है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सांप्रदायिक सद्भावना के बीच बड़ी खाई को पाटने की कोशिश में लगे रहते हैं। ताकि समाज में आपसी भाईचारे को बढ़ावा मिल सके। ऐसी ही एक हिंदू शख्सियत कुल्लू में भी मौजूद है जो लोगों को सांप्रदायिक सद्भावना का संदेश देने में जुटी हुई है। एक हिंदू जिसका परिवार बरसों से पीर बाबा की मजार की निगरानी कर रहा है। यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मुराद भी पूरी हो रही है और मुरादों के साथ-साथ लोगों में सांप्रदायिक सद्भावना भी बढ़ रही है। कुल्लू शहर के अखाड़ा बाजार के रहने वाले सुरेंद्र भाई वर्षों से पुश्तों द्वारा संजोए गई पीर बाबा लाला वाले की मजार की देखरेख कर रहे हैं। शायद ऐसा कोई और उदाहरण प्रदेश में कहीं और देखने को मिले। हर वीरवार वह रविवार को दोपहर के समय यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। लोग बाबा से अपनी मन्नत पूरी होने की गुहार लगाते हैं। मजार की देखरेख में जुटे सुरेंद्र मेहता ने बताया कि उनका परिवार वर्ष 1908 में कुल्लू आया था। उनके दादा की भी लाला वाले बाबा में श्रद्धा थी और उसके बाद से लेकर आज तक उनका परिवार बाबा का भक्त है।


Conclusion:उन्होंने यहां हिंदू समुदाय के लोग अधिक आते हैं और उन्हें बाबा की शक्ति पर कोई सन्देह नहीं है। अगर किसी दंपति के संतान नहीं हो रही हो या कोई बीमारी से घिरा हुआ हो तो वो वहां दुआ करने से ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश में दो समुदाय के बीच कई बार माहौल खराब होता है। तो उन्हें इसका मलाल है ऐसे में वह यही चाहते हैं कि देश में अमन व शांति का माहौल कायम रहे।
बॉक्स
पीर लाला वाले की मजार पर हर रविवार और वीरवार के दिन विशेष रूप से श्रद्धालु यहां आते हैं और अपनी अपनी मन्नत मांगते हैं। इस मजार पर किसी भी जाति व कोई भी धर्म का व्यक्ति कभी भी यहां आ सकता है और इस पर भी किसी भी प्रकार की कोई रोक-टोक नहीं है। लोग यहां पर श्रद्धा पूर्वक अपनी मन्नत मांगते हैं और मन्नत पूरी होने के बाद यहां पर एक बार फिर से बाबा के दर्शनों को आते हैं तथा यहां के नियम के अनुसार उन्हें प्रसाद भी चढ़ाते हैं। इस मजार पर मुस्लिम धर्म के साथ-साथ हिंदू धर्म के लोगों का भी काफी तांता लगा रहता है।
Last Updated :Sep 30, 2019, 12:16 PM IST
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