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Sukma Tadmetla Encounter: सुकमा के ताड़मेटला एनकाउंटर ने पकड़ा तूल, पुलिस के खिलाफ सैकड़ों ग्रामीण बैठे धरने पर

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 13, 2023, 7:31 PM IST

Villagers protest in Tadmetla encounter case
ताड़मेटला एनकाउंटर मामले में ग्रामीणों का धरना

Sukma Tadmetla Encounter:सुकमा के ताड़मेटला एनकाउंटर मामले में अब कुल 12 गांवों के ग्रामीणों ने पुलिस का विरोध किया है. ये सभी पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों ने इस एनकाउंटर को फर्जी करार दिया है. ग्रामीणों ने दोनों मृतकों के ग्रामीण होने के दावे को लेकर सभी दस्तावेज पेश किए हैं. मामले में पुलिस ने भी सफाई दी है.

सुकमा के ताड़मेटला एनकाउंटर में बढ़ रहा विवाद

बस्तर: सुकमा में बीते 5 सितंबर को हुए ताड़मेटला एनकाउंटर में चल रहा विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब इस मामले में ग्रामीण खुलकर विरोध कर रहे हैं. पूरा गांव एकजुट होकर विरोध जता रहा है. साथ ही आसपास के गांव के लोग भी इनके समर्थन में जुट गए हैं. ग्रामीणों ने इस एनकाइंटर को फर्जी करार दिया है. ग्रामीणों और परिजनों ने पुलिस के ऊपर फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप लगाया है. ग्रमीणों का आरोप है कि पुलिस ने निर्दोष आदिवासियों की हत्या कर दी है. इस मामले में पुलिस ने ग्रामीणों के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

ग्रामीणों का दावा, दोनों मृतक ग्रामीण थे: ग्रामीणों की मानें सुकमा पुलिस ने नक्सली बताकर जिन्हें मार गिराया था. उनमें से एक के पास पैन कार्ड भी था. वहीं, दूसरा ट्रैक्टर और हॉलर मिल का मालिक बताया जा रहा है. मृतकों के परिजनों ने मृतकों के कई ऐसे दस्तावेज पेश किए हैं, जो कि ये साबित करता है कि वो दोनों ग्रामीण थे. उनका नक्सली संगठन से कोई लेना-देना नहीं था. रावा देवा का एक किराना दुकान था. वह आसपास के साप्ताहिक बाजारों में सामान भेजता था. उसके पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और पैन कार्ड जैसे जरूरी सरकारी दस्तावेज भी मिले हैं. वहीं, सोढ़ी देवा के घर में ट्रैक्टर और हॉलर मिल है. ट्रैक्टर खरीदी के समय फाइनेंस के लिए रवा देवा ने ही सोढ़ी कोसा को गारंटी भी दी थी.

सोढ़ी कोसा और रवा देवा को नक्सली बताकर पुलिस ने हत्या कर दी है. जबरन शव को पेट्रोल डालकर जला दिया है. दोनों ग्रामीण थे. दोनों निर्दोष थे. उनका अंतिम संस्कार भी सही से नहीं किया गया. यहां तक कि पुलिस ने शव को परिजनों को देखने तक नहीं दिया.-सोढ़ी भीमा, मृतक सोढ़ी कोसा का भाई

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धरने पर बैठे ग्रामीण: सुकमा पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में ताड़मेटला और आसपास के ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ सवाल खड़े किए हैं. मुठभेड़ के बाद ताड़मेटला गांव में ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है. सभी पुलिस और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते दिख रहे हैं. मोरपल्ली, तिम्मापुरम, ताड़मेटला सहित आसपास के 12 गांव के सैकड़ों लोग इकट्ठा होकर पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठें हैं. मामले में पुलिस ने भी दावा किया है कि दोनों मिलीशिया कैडर के इनामी नक्सली थी.

सुकमा पुलिस के पास 5 सितंबर को हुई मुठभेड़ के पूरे तकनीकी साक्ष्य मौजूद हैं. दोनों के खिलाफ पहले से ही थाने में अपराध दर्ज है. जिन नक्सलियों को मारा गया है, वह मिलीशिया कैडर के थे. मिलिशिया कैडर गांव में ही रहा करते हैं. यह नक्सली संगठन का हिस्सा है. इन कैडरों के पास सभी प्रकार की सरकारी दस्तावेज उपलब्ध रहते हैं. क्योंकि वे शासकीय योजनाओं का लाभ लेते हैं. -किरण चव्हाण, एसपी, सुकमा

बस्तर आईजी ने नक्सलियों को दी थी चेतावनी: बता दें कि पिछले कुछ दिनों से इस मुद्दे पर लगातार विरोध जारी है. कुछ दिनों पहले नक्सलियों ने भी मामले में एक विज्ञाप्ति पेश कर इस एनकाउंटर को फर्जी करार दिया था. जिसके बाद बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने नक्सलियों को ग्रामीणों के सामने सही तथ्य पेश करने को कहा था. साथ ही उन्होंने 48 घंटे के भीतर सही तथ्य न पेश करने पर कार्रवाई की भी बात कही थी. हालांकि नक्सलियों ने कोई दस्तावेज पेश नहीं किए. इधर, ग्रामीणों ने इस एनकाउंटर का विरोध अब खुलकर करना शुरू कर दिया है. कुल 12 गांव के सैकड़ों ग्रामीण इस मुद्दें में पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं.

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