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गोल्डन ब्वॉय लक्ष्य सेन अर्जुन अवॉर्ड से होंगे सम्मानित, दादा को समर्पित किया पुरस्कार

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Published : Nov 15, 2022, 5:47 PM IST

Badminton player Lakshya Sen
Badminton player Lakshya Sen

देश के उभरते बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन (Badminton player Lakshya Sen) को प्रतिष्ठित अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा (honored with Arjuna Award). इसकी जानकारी लक्ष्य ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर साझा की. लक्ष्य सेन मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं. लक्ष्य सेन ने 10 साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता था.

देहरादून: उत्तराखंड के लाल गोल्डन ब्वॉय शटलर लक्ष्य सेन (Badminton player Lakshya Sen) को प्रतिष्ठित अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जाएगा (honored with Arjuna Award). लक्ष्य सेन ने सोशल मीडिया पर खुद ये जानकारी शेयर की है. लक्ष्य सेन ने अर्जुन अवॉर्ड को अपने दादा को समर्पित किया किया है. लक्ष्य सेन मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं.

लक्ष्य सेन टवीट करते हुए लिखा है कि ''प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में से एक के रूप में घोषित किए जाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. यह ऐसा संयोग है कि इन पुरस्कारों की घोषणा 14 नवंबर को की जाती है, ठीक उसी दिन जब मेरे प्यारे दादा स्वर्गीय श्री सीएल सेन 2013 में हमें छोड़कर चले गए थे. दादाजी, यह आपके लिए है''.
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बता दें कि हाल ही में हुए कॉमनवेल्थ खेल 2022 में बैडमिंटन के पुरुष एकल फाइनल मुकाबले में भारत के युवा खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने मलेशिया के एंग जे यॉन्ग को 19-21, 21-9, 21-16 से हराया था. इसके साथ ही उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. लक्ष्य पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games 2022) में खेल थे और पहली ही बार में उन्होंने सीधा सोने पर निशाना साधा था.

कौन हैं लक्ष्य सेन: लक्ष्य सेन का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में 16 अगस्त, 2001 को हुआ था. लक्ष्य सेन अब तक स्पेन में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीत चुके हैं. तो वहीं, जर्मन ओपन में सिल्वर मेडल, आल इंग्लैंड टूर्नामेंट में सिल्वर, दिल्ली में हुए इंडिया ओपन में गोल्ड मेडल और थॉमस कप में टीम को गोल्ड मेडल मिला था.
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10 वर्ष की उम्र में जीता पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब: लक्ष्य सेन ने चार साल की उम्र से खेलना शुरू कर दिया था. लक्ष्य की 10वीं तक की पढ़ाई अल्मोड़ा के बीयरशिवा स्कूल (Bearsheba School) में ही हुई. लक्ष्य सेन के दादा सीएल सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का पितामह कहा जाता है. लक्ष्य के पिता डीके सेन बैडमिंटन के नामी कोच हैं और वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़े हैं. लक्ष्य सेन ने 10 वर्ष की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता था, तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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