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नैनी सेंट्रल जेल में अतीक अहमद और अशरफ ने ली राहत की सांस

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Published : Mar 27, 2023, 9:14 PM IST

एनकाउंटर के खौफ के साथ गुजरात की साबरमती जेल से रवाना हुआ अतीक अहमद सोमवार शाम प्रयागराज की सेंट्रल जेल पहुंचा तब उसने राहत की सांस ली. कुछ ऐसा ही हाल उसके भाई अशरफ का रहा. उसे बरेली से प्रयागराज लाया गया.

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प्रयागराजः बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को साबरमती जेल से लेकर एक तरफ जहां पुलिस पहुंची. वहीं, दूसरी तरफ बरेली जेल में बंद उसके छोटे भाई ख़ालिद अजीम उर्फ अशरफ को लेकर पुलिस की दूसरी टीम नैनी सेंट्रल जेल पहुंची. माफिया बधुओं को जिस वक्त साबरमती और बरेली जेल से लेकर पुलिस टीम नैनी सेंट्रल जेल के लिए चली थी.दोनों ही माफियाओं के चेहरे पर मौत का खौफ दिख रहा था. अतीक अहमद और अशरफ ने जेल से निकलते वक्त मीडिया के सामने बयान दिया था कि उन्हें जेल से ले जाने के नाम पर रास्ते में मुठभेड़ या गाड़ी पलटाकर उनकी हत्या करवा दी जाएगी. हालांकि प्रयागराज पुलिस की टीम ने दोनों ही माफियाओं को सुरक्षित तरीके से नैनी सेंट्रल जेल तक पहुंचा दिया. जेल में दाखिल होने के बाद दोनों माफिया बंधुओं ने राहत की सांस ली.

बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से रविवार की शाम करीब 6 बजे लेकर प्रयागराज पुलिस की टीम चली थी.प्रयागराज पुलिस की टीम शामिल पुलिस वालों ने 24 घंटे से भी कम समय में साबरमती जेल से प्रयागराज तक का 1200 किलोमीटर से ज्यादा लंबा सफर पूरा किया. सोमवार की शाम 5 बजकर 26 मिनट पर प्रयागराज पुलिस नैनी सेंट्रल जेल परिसर में दाखिल हुई. पुलिस की वैन सीधे नैनी सेंट्रल जेल के अंदर गेट से अंदर दाखिल हुई. यहां पर माफिया अतीक अहमद 5 बजकर 28 मिनट पर जेल गेट के अंदर उतार दिया गया.

इस दौरान जेल के गेट के बाहर दूसरी तरफ भारी संख्या में देश भर की मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ था. हालांकि जेल के मेन गेट के अंदर पुलिस वैन के दाखिल होने की वजह से किसी को भी अतीक अहमद की एक झलक नहीं दिख सकी. वहीं दूसरी तरफ बरेली जेल से निकलते समय अतीक के छोटे भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ ने भी अपनी हत्या की आशंका जतायी थी. उसको भी डर था कि प्रयागराज ले जाते समय रास्ते में उसका एनकाउंटर कर दिया जाएगा. सोमवार की सुबह बरेली जेल से निकला अशरफ भी शाम को 7 बजे तक नैनी सेंट्रल जेल पहुंच गया. नैनी सेंट्रल जेल पहुंचने के बाद अतीक और अशरफ ने राहत की सांस ली क्योंकि इससे पहले तक उन दोनों को एनकाउंटर का डर सता रहा था.

प्रयागराज पहुंचने के बाद कम हुई चिंता
साबरमती जेल से प्रयागराज के लिए निकलते समय अतीक अहमद के चेहरे पर जो मौत का खौफ और दहशत था वो डर रविवार की रात बीतने के साथ साथ कम होता गया और सोमवार की सुबह होने के साथ अतीक अहमद के चेहरे पर मौत की दहशत पहले के मुकाबले कम दिख रही थी.सोमवार की सुबह का सूरज देखने के बाद अतीक अहमद के जान में जान आई. उसके मन से मौत का भय काफी हद तक कम हो गया था.उसी का नतीजा था कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी इलाके में काफिले के रुकने के बाद अतीक अहमद ने मीडिया के सामने बोला था कि उसे काहे का डर है.

रविवार की शाम तक जो माफिया साबरमती जेल के बाहर हत्या किए जाने का डर बार बार बता रहा था.उसी ने सोमवार को बयान दिया कि उसको काहे का डर है. 15 घंटे के अंदर अतीक अहमद के दोनों बयान इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि रविवार की शाम को साबरमती जेल से निकलते समय अतीक अहमद के मन में मुठभेड़ में मारे जाने का जो डर सता रहा था. सोमवार की सुबह देखने के बाद उसके मन से वह डर निकल गया और उसे इस बात का आभास हो गया कि अब उसका एनकाउंटर नहीं किया जाएगा. इस वजह से डर दूर होने के साथ ही उसका बयान भी बदल गया और उसने बयान दिया कि हमे काहे का डर.

उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अतीक अहमद और उसके परिवार वालों को मुठभेड़ में मारे जाने का डर सता रहा है.28 मार्च को उमेश पाल के अपरहण वाले केस में स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में जजमेंट सुनाया जाना है. कोर्ट ने फैसला सुनाते समय मुख्य आरोपी अतीक अहमद और अशरफ को पेश करने का आदेश दिया था.कोर्ट के उसी आदेश के तहत प्रयागराज पुलिस अतीक और अशरफ को सुरक्षित लेकर नैनी सेंट्रल जेल पहुंची है. मंगलवार को कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस दोनों को उसी जेल में वापस भेज देगी. इसके साथ ही यह भी संभावना है कि उमेश पाल हत्याकांड को लेकर पुलिस अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट से अपील करेगी. कोर्ट द्वारा रिमांड मंजूर किये जाने पर दोनों भाइयों को पुलिस रिमांड पर लेकर उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ी पूंछताछ की जाएगी.

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